वरासत दर्ज कराने के लिए तहसील स्तर पर भी खुलेगा काउंटर : दूसरी जगह जाकर बसे लोग तहसील में जाकर कर सकेंगे आवेदन ,15 दिसम्बर से शुरू होगा दर्ज करने का अभियान
सरकार जल्द शुरू करेगी पैमाइश के लिए विशेष अभियान
अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारी होंगे सम्मानित
लखनऊ।। यूपी की योगी सरकार ने वरासत को लेकर होने वाले विवादों को खत्म करने का बीड़ा उठा लिया है। लोगों को वरासत दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह की सुविधाएं सरकार की ओर से दी जाएंगी। खासकर वह लोग जिनकी जमीन तो गांवों में है लेकिन वह दूसरी जगह जाकर रहे है। उनके लिए तहसील स्तर पर एक काउंटर भी खोला जाएगा। जहां पर वह वरासत दर्ज कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा वरासत अभियान के तहत लेखपाल गांव में जाकर मृतकों के उत्तराधिकारियों का सत्यापन करेंगे। साथ ही उनसे दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी करवाएंगे।
वरासत दर्ज कराने के लिए तहसील के चक्कर काटने वाले लोगों को योगी सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार की मंशा है कि प्रदेश में भूमि से जुड़े विवादों में कमी आए। साथ ही भूमाफियाओं पर लगाम कसी जा सके। इसके लिए सरकार की ओर से व्यापक स्तर पर वरासत दर्ज करने का अभियान शुरू किया जा रहा है। अभियान के दौरान तहसील स्तर पर लेखपाल गांव जाकर वरासतों के सत्यापन कार्य के साथ ऑनलाइन आवेदन कराने का काम करेंगे। वहीं, दूसरी तरफ लोग खुद भी अपनी वरासत दर्ज कराने के लिए तहसील स्तर पर बनाए जा रहे काउंटर पर आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा लोगों को वरासत दर्ज कराने के लिए जन सुविधा केन्द्रों से आवेदन करने की साहूलियत भी प्रदेश सरकार देगी। वरासत दर्ज कराने के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी। वहीं, वरासत से जुड़ी सभी सूचनाओं को राजस्व परिषद की वेबसाइट पर निर्धारित समय के अंदर ही फीड करना होगा। इन सूचनाओं के आधार पर कार्य प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
अभियान के अंत पर अपर जिलाधिकारी स्तर पर होगी जांच
वरासत को लेकर शुरू हो रहे दो महीने के अभियान के अंत में जिलाधिकारी जनपद व तहसील स्तर पर दस प्रतिशत राजस्व ग्रामों को रेंडमली चिन्हित करते हुए अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों के जरिए आवेदनकर्ताओं व लेखपालों के द्वारा दी गई रिपार्ट के तथ्यों की जांच की जाएगी।
यहां करें आवेदन
वरासत दर्ज कराने के लिए सरकार की ओर से जारी की गई वेबसाइट पर आवेदन करना होगा है। इसमें मृत्यु प्रमाणपत्र, वारिस का आधार कार्ड और खतौनी की नकल लगती है। आवेदन करने के बाद सात दिन का समय लेखपाल को रिपोर्ट लगाने के लिए मिलता है। सात दिन कानूनगो के यहां लगते हैं। यह पूरी प्रक्रिया 15 दिन में पूरी करना होगी।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारी होंगे सम्मानित
वरासत अभियान से जुड़े कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य करने पर सरकार की ओर से सम्मानित भी किया जाएगा। इसके अलावा किसी ग्राम में संबंधित लेखपाल व राजस्व निरीक्षक के द्वारा अविवादित जमीन बिना किसी उचित कारणों के दर्ज नहीं की जाती है, तो उस कर्मचारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी। जिलाधिकारी जिला स्तर पर व मंडलायुक्त मंडल स्तर पर इसकी पाक्षिक समीक्षा भी करेंगे।
जल्द शुरू होगा पैमाइश अभियान, समय सीमा होगी कम
प्रदेश की योगी सरकार लोगों को उनकी जमीन का हक दिलाने के लिए जल्दी पैमाइश के लिए विशेष अभियान शुरू करने जा रही है। सरकार की इस पहल से भूमि विवादों में बड़े पैमाने पर कमी आएगी। वरासत अभियान पूरा होने के बाद पैमाइश अभियान शुरू किया जाएगा। अभी तक पैमाइश की कार्रवाई करने के लिए 45 दिन की समय सीमा निर्धारित है। मुख्यमंत्री ने इस समय सीमा को घटाने के निर्देश दिए हैं।