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ब्लड बैंक में 6000 में बिकता है खून ? ऑडियो वायरल


 


ए कुमार

श्रावस्ती ।। संयुक्त जिला अस्पताल में  मरीज व तीमारदारों से अवैध वसूली को लेकर पहले भी सुर्खियों में आ चुका है तो वहीं अब अस्पताल में संचालित ब्लड बैंक से नया कारनामा सामने आया है जिसे सुनकर लोगों का रक्तदान से भरोसा उठ जायेगा और इसके साथ ही जिला अस्पताल इस कृत्य से कलंकित हो जाएगा, जिसकी क्षेत्र ने कल्पना नही की होगी। जो खून हम और आप दान करते हैं ताकि किसी गरीब की जिंदगी बचाने के लिए उसे निशुल्क मुहैया कराया जा सके उसी खून की कलाबाजरी इस अस्पताल में हो रही है। इसका खुलासा तब हुआ जब  खरीदार व ब्लड बैंक के कर्मचारियों के बीच 6000 मे खून बेचने की बात का ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ।  ऑडियो में ब्लड बैंक की एलटी नेहा  के पति 6000 रुपये में एक यूनिट ब्लड बेचने की बात करते हैं और खरीदार को अस्पताल के गेट पर बुलाते हैं।


आइये आप को विस्तार से बताते हैं कि  खून से कितना बड़ा खिलवाड़ जिला अस्पताल में चल रहा है जिसमे जिले के बड़े बड़े लोगो के शामिल होने से इंकार नही किया जा सकता है। दान किये गये खून की पूरी कलाबाजरी चल रही है । जिला अस्पताल से खून प्राइवेट नर्सिंग होम को थोक में बेंचा जा रहा है।  ब्लड बैंक के कार्यरत कर्मचारी एलटी नेहा व उनके पति मानवेन्द्र जरूरतमंद को जाल में फंसाते हैं। पत्नी खून की चोरी करती है तो पति अस्पताल के बाहर ले जाकर बेचता है। 



आइये बात करते हैं वायरल ऑडियो के स्वामी से जो लोगों को रक्त दान के लिए प्रेरित करते हैं और ब्लड के लिये   कैम्पिंग करवाते हैं ताकि इस रक्त से किसी गरीब को जिंदगी दी जा सके। क्षेत्र निवासी अंकित सिंह को सूचना मिली कि ब्लड बैंक में ऐसी काला बाजारी चल रही है तो उन्होंने ब्लड बैंक से खून मांगा और कहा हमारे पास डोनर नही है तो नेहा  ने कहा कि मेरे पति से बात कर लो। अंकित सिंह नेहा के पति का मोबाइल नंबर ले लेता है तो पति  6000 रुपये में 1 यूनिट बेचने की बात कहता है। इसी लेन देन की रिकर्डिंग अंकित सिंह सीएमओ और सीएमएस को उपलब्ध कराते है परंतु विभाग द्वारा ऐसे खून के सौदागरों पर कोई कार्यवाही नही होती। ऑडियो वायरल होता देख विभाग तत्काल नेहा को अस्पताल से कार्यमुक्त कर देता है। लेकिन जिसके मुंह मे भ्रष्टाचार का खून लग चुका हो वह मैडम अपने रसूख के चलते फिर से उसी ब्लड बैंक में वापस आ जाती हैं।


अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या इस खून के कालाबजारी में और भी बड़े लोग शामिल है। बात करें अगर सीएमएस की तो अस्पताल के सीएमएस भी नेहा का बचाव करते हुए दिख रहे है। वहीं खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तर्ज पर आते ही नेहा, अंकित सिंह से पत्र लिख कर माफी मांग लेती है। इतना सब हो जाने के बाद भी विभाग चुप्पी साध कर बैठा हुआ है।

बता दे कि रक्तदान से लोगों का भरोसा जुड़ा हुआ है और इसकी कलाबाजरी करने वाला एक बड़े दंड का पात्र होता है । ऐसे खूनी सौदागरों को जेल के सलाखों में डालने से ही समाज को एक सकारात्मक संदेश जायेगा।