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गंदगी के बीच से गंगा स्नान को गये व लौटे श्रद्धालु, अब नपा में मिट्टी गिराने के नाम पर लूट की तैयारी








मधुसूदन सिंह

बलिया ।। कार्तिक पुर्णिमा के पौराणिक ऐतिहासिक गंगा स्नान को लेकर नगर पालिका परिषद बलिया ने इस वर्ष अपनी लूट खसोट की नीति के चलते कूड़े के ढेर के बीच से श्रद्धालुओं को गंगा घाट जाने व आने के लिये विवश कर दिया । लगभग 15 दिनों से की गई सुरक्षात्मक तैयारियों का आलम यह रहा कि मात्र बांस बली गाड़कर नगर पालिका ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर लिया । महावीर घाट से गंगा घाट जाने वाले रास्ते के दोनों तरफ कूड़े का अंबार लगा रहा लेकिन नगर पालिका ने इसके ऊपर मिट्टी भी डलवाना जरूरी नही समझा । न ही प्रशासनिक अधिकारियों को ही दिखा कि श्रद्धालुओं को कम से कम एक दिन तो कूड़ा रहित रास्ता मुहैया करा दिया जाय । 






  बता दे कि ददरी मेला और कार्तिक पूर्णिमा स्नान नगर पालिका का वर्ष का महत्वपूर्ण आयोजन है । प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन महावीर घाट से गंगा घाट तक के रास्तों की मरम्मत करायी जाती है ,कोई श्रद्धालु गहरे पानी वाले घाट पर न चला जाय ,इसके लिये बेरिकेटिंग कराकर पुलिस बल की तैनाती की जाती है ।वही रास्ते के दोनों तरफ नगर पालिका के द्वारा डाले गये कूड़ा करकट के ऊपर मिट्टी डालकर ढकने की परंपरा है,जिससे श्रद्धालुओं को स्नान करने के लिये जाते या लौटते समय कूड़ा करकट न दिखे । लेकिन इस बार नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी दिनेश विश्वकर्मा  (चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी द्वारा कोरोना काल के चलते  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप मेला न लगने के चलते नही आ रहे है ) इस रास्ते पर दो चार ट्राली मिट्टी ही कही कही छिडकाव कराकर सैकड़ो ट्राली का भुगतान करने की फिराक में दिख रहे है ।लेकिन बलिया एक्सप्रेस ऐसी किसी भी लूट खसोट का पर्दाफाश करने से पीछे नही हटेगा ।

बलिया एक्सप्रेस जिलाधिकारी बलिया से यह आग्रह करता है कि नगर पालिका बलिया द्वारा मिट्टी डालने के इस प्रकरण को तत्काल जांच कराकर कितनी मिट्टी डाली गई है इसकी सत्यता को सत्यापित कराये नही तो ये लोग 6 से 8 माह बाद 200 ट्राली मिट्टी का भुगतान करके भ्र्ष्टाचार की गंगा में स्नान कर लेंगे । साथ ही छठ घाट बनाने के नाम पर भी यही खेल होता है और इसका भुगतान भी बहुत देर से भ्रष्टाचार करने की नीयत से ही किया जाता है ।