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बिकरू कांड को लेकर गठित एस.आई.टी. ने सौंपी उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट,27 प्रशासनिक सुधार की संस्तुतियां

 


ए कुमार

लखनऊ ।। कानपुर के बिकरू कांड को लेकर गठित एस.आई.टी. ने  उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट सौप दी है जिसमे 27 प्रशासनिक सुधार की संस्तुतियां की गई है । 9 बिंदुओं को लेकर एस.आई.टी. द्वारा की गई जाँच रिपोर्ट लगभग तीन हजार एक सौ पन्नों की है ।एस.आई.टी. ने प्रशासनिक तथा पुलिस व्यवस्था सुधारने सम्बन्धी अत्यंत महत्वपूर्ण एवं दूरगामी प्रभाव पड़ने वाले 27 प्रशासनिक सुधार की संस्तुतियां की है। इसमें 11 लघु अवधि, 09 मध्यम अवधि एवं 07 दीर्घ अवधि के कुल 27 प्रशासनिक सुधार किये जाने की संस्तुतियां की है जिसके लागू होने के बाद पुनः इस प्रकार की कोई भी घटना दोबारा घटित करने की किसी में साहस न हों।


इसके अतिरिक्त शासकीय विभागों यथा पुलिस एवं राजस्व के कार्यशैली एवं कार्य संस्कृति में सुधार के संबंध में कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्तुतियां भी की है। एस.आई.टी. द्वारा दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एवं उसके खजांची बाजपाई के विरुद्ध लगभग 150 करोड़ की अवैध संपत्ति* का साक्ष्य एकत्रित कर ई.डी., भारत सरकार (Enforcement Directorate) से कार्रवाई कराने की संस्तुति भी की गई है।


आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसमें 90 के लगभग वरिष्ठ और जूनियर पुलिस, विकास, खाद्य एवं राजस्व अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार वृहद एवं लघु दंड' की कार्यवाही शामिल है। इनमे पुलिस, प्रशासनिक और अन्य विभाग के अधिकारियों की  अंतरलिप्ता मुख्य आधार रहा है। इन कार्यवाहियां की संस्तुतियां निम्न कारणों के लिए एस.आई.टी. को करनी पड़ी ---


a.  Helping and being in contact with the criminals.


b.  Not attending the complaints against the criminals.


c.  Not taking appropriate action to prosecute the criminals.


d.  Issue of weapon licenses on false information.


e.  Issue of passport on false information.


f.  Not fully complying with the orders to scrutinise and physically examine the weapons and licences.


Important


एस.आई.टी. द्वारा बिकरू कांड में लिप्त दुर्दांत अपराधी विकास दुबे और उनके साथियों जिन्होंने प्रचूर मात्रा में अवैध बंदूके एवं प्रचूर मात्रा में कारतूस, अवैध तरीके से क्रय एवं जमा किए थे के विरुद्ध आयुध अधिनियम के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज कराकर अभियोजन की कार्यवाही  कराने तथा जिन्होंने गलत तरीके से पासपोर्ट प्राप्त किया था उनके विरुद्ध भी एफ.आई.आर. दर्ज करा कर तत्काल अभियोजन की कार्यवाही कराने की संस्तुति भी की गई है।


इसके अतिरिक्त विकास दुबे से 11 जुड़े अपराधियों के विरुद्ध फर्जीवाड़ा कर सेल फोन के सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए भी एफ.आई.आर. दर्ज कराकर  अभियोजन की कार्रवाई की संस्तुति भी की है। 12 जुलाई, 2020 को एस.आई.टी. ने अपनी जांच शुरू की जिसको 16 अक्टूबर, 2020 को पूरा किया।एस.आई.टी. ने मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचित 09 बिंदुओं को आधार बना कर अपनी जांच रिपोर्ट तैयार की है। 


बिकरु कांड में गठित एस.आई.टी. की टीम ने  09 बिंदुओं पर 12 जुलाई, 2020 को साक्ष्यों के संदर्भ में अपना काम घटना स्थल का निरीक्षण कर शुरू किया था। एस.आई.टी. को 31 जुलाई, 2020 को अपनी जाँच रिपोर्ट मुख्य मंत्री को सौपनी थी, किन्तु *साक्ष्य हेतु गवाहियों की संख्या बढ़ने, अभिलेखीय साक्ष्य जुटाने और कोविड महामारी के कारण रिपोर्ट को 16 अक्टूबर, 2020 को पूरा किया जा सका। एस.आई.टी. हेड संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित एस.आई.टी. ने अपनी रिपोर्ट पिछले माह अक्टूबर में उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है।