आपने खुशी की चाय पी है क्या ?
मधुसूदन सिंह
प्रयागराज ।। खुशी जिसकी चाहत में पूरी दुनिया इधर उधर भटक रही है। वह आज मुझे एक चाय की दुकान पर चाय बेचते हुए मिल गई। सामान्य बातचीत से शुरू हुआ सिलसिला न जाने कब गंभीरता की ओर बढ़ गया कि पता ही नहीं चला । खुशी एक जीती जागती कहानी है एक नौजवान लड़की की जो मन में हजारों ख्वाब संजोए जिंदगी को बेहतर बनाने की आस में घर की दहलीज को लांघकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में स्नातक में प्रवेश लेती है । मगर उसके संघर्षों के सफर के बीच में ही बाप का साया सर से उठ जाता है , माता भी अपनी तबीयत से जूझने लगती है। इन हालातों में उसके परिवार के ऊपर दो जून की रोटी के सहारे पेट भरने पर भी संकट आ पड़ता है, मगर कहते हैं ना, जब हौसले बुलंद हो तो बड़े से बड़ा तूफान भी कुछ नहीं कर पाता।यही सोच व दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ यह मंजिल पाने के लिये जुनूनी लड़की अपने शैक्षिक सफर को जारी रखने तथा परिवार का पेट पालने के लिए चाय की दुकान खोल लेती है। दुकान खोलने में जब संसाधनों का अभाव सामने आता है तो इस लड़की ने अपने स्टडी टेबल और गैस सिलेंडर से ही खुले आसमान के नीचे दुकान की बुनियाद रख दी। उसकी इस दुकान को खुले हुए मुश्किल से 4 दिन हुए हैं । लेकिन इसके जुनून और कर्म के प्रति शिद्दत को देखने के बाद लगता ही नही कि इस लड़की के हौसले को अभाव कभी बिचलित कर पायेगा । इस लड़की को देखने के बाद यही शब्द मुंह से निकलते है ---
हौसला क्या होता है दुनिया को बता डालो,
इज्जत अपनी मेहनत से इतनी कमा डालो ,
इतने माहिर बन जाओ तुम अपने हुनर के,
कि पत्थर को भी पूजो तो खुदा बना डाला
लोग अपनी परेशानियों को गहना बनाकर इस कदर इनकी आगोश में चले जाते है कि परेशानियों से कैसे निकला जाय सोच ही नही पाते है और परेशानियों के बोझ के नीचे दबकर अपनी मंजिल से भटक जाते है । सफल होने के लिये तो यही सोच काफी है कि --
कड़ी से कड़ी जोङते जाओ तो जंजीर बन जाती है,
मेहनत पे मेहनत करो तो तक़दीर बन जाती है।।
अगर आप लोगो को भी अपनी परेशानियों से निकलने का कोई रास्ता नही सूझ रहा है तो एक बार इस नौजवान लड़की की कहानी को याद कर अपनी मेहनत पर एकाग्रता के साथ ध्यान केंद्रित करके लक्ष्य की तरफ बढिये क्योकि --
तेरी मेहनत कल जरूर रंग लाएगी ,
आज का की ये कड़ी मेहनत,
कल खुशियों की बारात लाएगी।
आप सबसे आग्रह है कि जब आपको लगे कि आपके जीवन की खुशी आप से दूर हो रही है तो कभी फुर्सत के साथ अपनी खुशी ढूंढने के लिये शुक्ला मार्केट (हनुमान मंदिर के सामने), सलोरी, इलाहाबाद स्थित खुशी की चाय की दुकान पर एक बार खुशी के साथ चाय का आनंद लीजिये,आपका यह कृत्य न सिर्फ आपके अंदर ऊर्जा का संचार कर आपको आपकी खुशियों की मंजिल तक पहुंचायेगा बल्कि एक जीवट युवती के भी सपनो को परवान चढ़ायेगा । जिसको भी जीवन मे संघर्ष के लिये हुनर सीखना है तो एकबार खुशी की दुकान पर चाय जरूर पीनी चाहिए ।