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कालाजार और फाइलेरिया रोकथाम पर हुई कार्यशाला

 







 बलिया ।। बैरिया ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटवा के अंतर्गत  बिन्द का टोला,  दुखारण गिरी की मठिया , मे कालाजार और फाइलेरिया की रोकथाम को लेकर गुरुवार  को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ.प्रेम प्रकाश के अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन  किया गया ।प्रभारी चिकित्सा अधिकारी  डॉ प्रेम प्रकाश ने बताया कि कालाजार को काला ज्वर भी कहा जाता है। यह एक गंभीर बीमारी है जो कि परजीवी से फैलती है । इसे धीमी गति से फैलने वाला स्थानीय रोग भी कहते है। इसका वायरस या परजीवी सीधे शरीर के रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है और इसके साथ साथ प्लीहा को भी क्षति पहुंचता है । इसके लक्षण के बारे में बताया कि बार- बार बुखार का आना या फिर शरीर में हल्का बुखार हमेशा बने रहना इसके मुख्य लक्षणों में से एक है। भूख और वजन में लगातार कमी होना भी इसका लक्षण है ।

 बी सी पी एम संजय कुमार यादव  ने बताया कि लीवर का आकर सामान्य से बड़ा हो जाना , त्वचा में दाद, जलन, दाने या फिर सूखापन का होना इसके मुख्य लक्षणों में गिना जाता है | कुछ रोगियों को कई बार इस बीमारी के साथ कोई अन्य बीमारी भी हो जाती है । जिससे इसके लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो जाता है |


रीजनल कोऑर्डिनेटर ( पि सि आइ ) विकास द्विवेदी एवं  ब्लॉक मानिटर ( पाथ ) नितेश कुमार ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि कालाजार और फाइलेरिया के मरीज को जल्द से जल्द ढूंढा जाए। उनका इलाज कराया जाए। साथ ही फाइलेरिया का आगामी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी गयी । कालाजार कार्यक्रम के संबंध में विस्तृत जानकारी ,संभावित मरीज की खोज, मरीजों की जांच एवं इलाज के विषय में जानकारी दी गयी।

बी पी एम अब्दुल मन्नान खांन  ने बताया कि (पीकेडीएल) कालाजार के मरीज को इलाज के बाद 4000 रुपये की राशि विभाग के द्वारा दी जाती है। जबकि वी एल मरीज को इलाज के उपरांत 500 रुपये की राशि उनके खाते में ट्रांसफर की जाती है। साथ ही इन मरीजों को लाने वाली आशा वर्कर को 500 रुपये का प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस कार्य शाला में आशा संगिनी मनोरमा भारती, अनिता बर्मा ,आशा अनिता,पुनम, सुनिता ,उर्मिला  दया ,सुकरी आदि उपस्थित थे ।