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सपा नेता ने एसडीएम को पत्रक सौप कर जताया कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध






संतोष शर्मा

सिकंदरपुर, बलिया।। स्थानीय तहसील प्रांगण में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वरिष्ठ नेता डॉ सैयद शुएबुल इस्लाम के नेतृत्व में पहुंचकर किसान कानून के विरोध में छह सूत्रीय ज्ञापन उप जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह को सौंपा। उन्होंने ज्ञापन में मांग किया है लोकसभा में दो कृषि विद्येकों ‘कृषि उपज व्यापार’ एवं ‘वाणिज्य  संवर्धन सुविधाकरण विधेयक 2020’ एवं कृषक सशक्तिकरण और संरक्षक मूल्य आश्वासन व कृषि सेवाओ हेतु अनुबंध विधेयक 2020 को लेकर देश का अन्नदाता की भारी कठिनाई को महसूस करते हुए समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर दिल्ली में आंदोलनरत किसानो की  मांगो के समर्थन में चलाये जा रहे है। आंदोलन के क्रम में सपा वरिष्ठ नेता डा० सैयद शुऐबूल इस्लाम के नेतृत्व में क्षेत्र के सैकड़ो किसानो एवं पार्टी नेताओ/ कार्यकर्ताओ ने पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार तय समय पर नारे लगाते हुए छ: सूत्री मांग-पत्र के साथ तहसील परिसर में प्रवेश किया तत्पश्चात उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के आयोजक एवं सपा के वरिष्ठ नेता डा० सैयद शुऐबूल इस्लाम ने अपने सम्बोधन में केंद्र/ प्रदेश की भाजपा सरकारों पर जमकर हमला बोला। तत्पश्चात उन्होने महामहिम राष्ट्रपति महोदय को संबोधित छ: सूत्री मांग-पत्र एसडीएम को सौंपा जो निम्न है-

1. इस कानून की आड़ में देश के बड़े उध्योगपतियों को देश के गरीब किसानो का मालिक बनाने का षड्यंत्र किया जा रहा है जो कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है पर आपका हस्तक्षेप आवश्यक है। 2. कांटैक्ट फोर्मिंग, कॉर्पोरेट फोर्मिंग, इसैन्श्यल कम्यूनिटी स्टॉकिस्ट कहीं से भी किसानो का हितेषी नहीं है । कृषि उत्पाद की जमाखोरी के कारण उपभोगताओ पर सदैव बड़ी कीमतों पर खरीदने का दबाव होगा । 3. नये कानून में किसानो की जमीन पूंजीपतियों को लीज पर गिरवी रखना तथा फसलों पर समझोता करना कहीं से किसान हित में नहीं होगा । 4. नये कानून की माध्यम से केंद्र में बैठी भाजपा सरकार किसानो को मिलने वाले लाभ कॉर्पोरेट घरानो को दिलाना चाहती है जो न्यायसंगत नही है । 5. मंडी में किसानो के लिए उनकी फसल पर न्यूनतम मुल्य सरकार द्वारा तय किया जाता है  जबकि नए कानून में इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही है । 6. उक्त आंदोंलन में मरे हुए किसानो को शहीद घोषित करते हुए उनके परिवार वालों को आर्थिक सहायता के रूप में एक-एक नौकरी एवं 25-25 लाख रुपये केंद्र सरकार द्वारा दिया जाना चाहिए। 


     अत: केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया नया कानून कहीं से भी देशहित में नहीं है।ऐसे में इसे निरस्त          करते हुए पुनःनए सिरे से सम्पूर्ण विपक्ष एवं किसान संगठनो से विचार विमर्श करते हुए ही किसी भी तरह का      नया कानून बनना चाहिए के लिए आपका हस्तक्षेप नितांत आवश्यक है । के संदर्भित इस मांग-पत्र का संज्ञान लेने की कृपा करें । अन्यथा उक्त मांग-पत्र की मांगो को माने जाने तक हमारा आंदोलन अनवरत चलता रहेगा । 


उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से शकील अहमद लोहिया, राजेश कुमार गोंड, मुज़बुल्लाह खान, हरी शंकर यादव, आलमगीर खान, शफ़िक अंसारी, इशरत अली, मो0 ईशा, अवनीश राजभर, नामवर सिंह, राधेश्याम खरवार, अब्बास अंसारी, नौशाद अली, सुरेश राम, समीद अंसारी, मो० अकरम, धर्मेंद्र तिवारी, धर्मेंद्र लोहिया, एड० अज़ाद खान, एड० धनंजय यादव, डा० विजय शंकर यादव, अमीर शाह, शिराज, अजीजुल इस्लाम, रियाजुल इस्लाम, मोज़मिल खान, संतोष वर्मा, संतोष कुमार, कमलेश कुमार, विनोद राजभर, सुरेन्द्र राजभर आदि सम्मलित रहे ।