Breaking News

कालाजार और फाइलेरिया की रोकथाम बेहद जरुरी

 





बलिया।। सोहाव ब्लाक के अंतर्गत उजियार ग्राम में पीसीआई संस्था के तरफ से वेक्टर बार्न बीमारियों कालाजार और फाइलेरिया की रोकथाम से संबंधित जन जागरूकता कार्यक्रम  का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कालाजार व फाइलेरिया रोग के लक्षणों और बचाव के बारे में जानकारी दी गई। 

पीसीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक  विकास द्विवेदी ने कहा कि जनपद में कालाजार व फाइलेरिया की रोकथाम बेहद जरूरी है। इसके लिए सभी को जागरूक होना होगा। इसके लिए जनता को आगे आना होगा।उन्होंने बताया कि कालाजार रोग बालू मक्खी के काटने से होता है। बालू मक्खी को जड़ से समाप्त करने के लिए दवा का छिड़काव जरुरी है। बालू मक्खी से बचाव के लिए घर में छिड़काव करवाना चाहिए, जिससे मक्खियां मर जाएं। यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर अंधेरे में पाई जाती है। इसके काटने के बाद मरीज बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है और रुक-रुक कर बुखार चढ़ता-उतरता है। इसमें रोगी को उपचार के साथ -साथ उन्हें पैसा भी दिया जाता है। इलाज और दवाई नि:शुल्क उपलब्ध है । इसके अतिरिक्त मरीज के खाते में सहायक राशि भेज दी जाती है।उन्होने बताया कि फाइलेरिया को हाथी पांव रोग भी कहा जाता है। यह रोग क्यूलेक्स मच्छर काटने की वजह से होता है। इस मच्छर के काटने से पुवेरिया नाम के परजीवी शरीर में जाने से ये रोग होता है। वयस्क मच्छर छोटे-छोटे लार्वा को जन्म देता है, जिन्हें माइक्रो फाइलेरिया कहा जाता है। यह मनुष्य के रक्त में रात के समय एक्टिव होता है। इससे बचाव के लिए रात को सोते वक्त मच्छरदानी प्रयोग करें, पूरी बाजू के कपड़े पहने, आसपास गंदगी या कूड़ा जमा न होने दें, नालियों में पानी रुकने न दें, दवा खाली पेट नहीं लेनी चाहिए।

इस अवसर पर पाथ संस्था के ब्लॉक मॉनिटर वेद प्रकाश,आशा कार्यकर्ता, सी एच् ओ,एवं ग्राम वासी उपस्थित रहे।