Breaking News

दिव्यांग अधिवक्ता को जान का खतरा : पुलिस अधीक्षक से लगायत मुख्य सचिव तक से लगायी गुहार,प्रशासन कर रहा है गुंडा एक्ट की कार्यवाही

 



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। 60 प्रतिशत से अधिक की दिव्यांगता, अधिवक्ता, जो बिना सहारे के खड़ा भी नही हो सकता है,उससे बलिया के जिला प्रशासन खौफजदा है और तीन अधिवक्ताओं के इशारे पर इलाकाई पुलिस गुंडा एक्ट की कार्यवाही भी शुरू कर दी है । यही नही तीन फर्जी मुकदमो के आधार पर पीड़ित अधिवक्ता का शस्त्र लाइसेंस भी निलम्बित कर दिया गया है । शस्त्र लाइसेंस निरस्त होने के बाद अब पीड़ित को जान का खतरा हो गया है । यह आरोप दिव्यांग अधिवक्ता ओंकार नाथ तिवारी पुत्र विश्वनाथ तिवारी निवासी तिखमपुर थाना कोतवाली बलिया ने लगाते हुए पुलिस अधीक्षक बलिया,मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन,डीजीपी,आईजी,डीआईजी,जिलाधिकारी बलिया को लिखित आवेदन के द्वारा की है । श्री तिवारी में इस शिकायती पत्र में अपने विरोधियों से जान को खतरा बताते हुए यह भी बताया है कि कैसे उनके ऊपर 2009 में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चाकुओ से हमला करके जान लेने की कोशिश की गई थी जिसका तालकटोरा थाने में अपराध संख्या 672/09 307 आईपीसी के तहत अभियोग पंजीकृत है ।

पीड़ित दिव्यांग तिवारी का कहना है कि जो व्यक्ति बिना किसी दो व्यक्तियों के खड़ा भी नही हो सकता है उस व्यक्ति के ऊपर घर मे घुसकर धमकाने आदि का फर्जी मुकदमा लिखकर जबरदस्ती कोतवाली पुलिस गुंडा बनाने पर लगी हुई है । कहा कि प्रार्थी दो लोगो की सहायता से बुलेट पर बैठकर कुदरत की मेहरबानी से चला लेता है लेकिन उस पर से उतर नही सकता है । यही नही प्रार्थी जनपद के दिव्यांगों के लिये दिन रात एक करके सरकारी सहायता दिलवाता रहा है, जिसके लिये 2015 में निदेशक/सचिव दिव्यांग जन विकास विभाग,उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सम्मान पत्र भी दिया गया है । बावजूद बलिया पुलिस पीड़ित को गुंडा साबित करने में लगी हुई है ।








श्री तिवारी ने पुलिस अधीक्षक समेत सभी उच्चाधिकारियों से अपने प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की गुहार लगाई है जिससे दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो सके ।