"इंस्पायर मानक योजना" के लिए चयनित हुआ सनबीम बलिया का अनुपम
बलिया ।। सनबीम स्कूल बलिया हमेशा से ही अपने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध रहा है। शिक्षा के साथ - साथ छात्रों में उनकी रूचि और योग्यतानुसार रचनात्मकता का भी सृजन हो इसके लिए विघालय प्रबंधन और शिक्षक हर संभव प्रयासरत रहे हैं ।अब तक विद्यालय के छात्रों ने विभिन्न प्रतियोगिता में सफलता अर्जित कर अनेकों कीर्तिमान स्थापित किया है। सन 2020 जहां एक ओर सभी के लिए अत्यंत चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा वहीं दूसरी ओर सनबीम स्कूल के छात्रों ने इस विषम परिस्थितियों से भरे वर्ष ने भी अनेक उपलब्धियां हासिल कर अपने माता-पिता और शिक्षकों को बारम्बार गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान किया है।
"इसके पहले की सपने सच हो..
आपको सपने देखने होगे ।।"
~डॉ कलाम
उपलब्धियों के इसी क्रम को आगे बढाते हुए वर्ष के अंतिम सप्ताह में भी विद्यालय के कक्षा सातवीं के होनहार छात्र अनुपम मिश्रा ' इंस्पायर मानक योजना ' के लिए विज्ञान में नवाचार आधारित मॉडल हेतु चयनित हुए हैं। तथा जिला स्तर पर मॉडल प्रदर्शनी में अपना स्थान सुरक्षित करते हुए राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के लिए अपनी दावेदारी पक्की कर ली है ।
' इंस्पायर मानक योजना ' भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से शुरू कि गई एक अनोखी पहल है जिसमे प्रतिभावान छात्रों को विज्ञान के प्रति आकर्षित किया जाता है ।ताकि वो विज्ञान के क्षेत्र में अपने क्रियात्मक क्षमता का प्रदर्शन कर भारत के आगामी भविष्य की नींव गढ़ सकें। यह योजना कक्षा 6से 10 वी तक के छात्रों के नवाचारी रचनात्मक कौशल को विकसित करने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।इसमें राजकीय एवं निजी दोनों प्रकार के विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को भाग लेने का अवसर मिलता है।इसमें आस पास तथा समाज की गंभीर समस्याओं का समाधान विज्ञान के नवाचारी अनुसंधानों द्वारा तलाशा जाता है। यह प्रतियोगिता विद्यालय स्तर से प्रारंभ होकर विभिन्न चरणों से गुजरती हुई राष्ट्रीय स्तर तक आयोजित होती है।
जिला स्तर पर चयनित छात्रों को अपने मॉडल को मूर्त रूप देने के लिए मंत्रायल द्वारा 10000 रुपये की धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में भेज दी जाती है। इस वर्ष इस योजना में देशभर के लगभग 6.45 लाख विद्यार्थियों ने अपने विज्ञान नवाचार में रचनात्मक क्रियाशीलता पर आधारित मॉडल प्रस्तुत किया है।
सनबीम बलिया के अनुपम मिश्रा ने *"कृषि एवं किसानों की समस्या समाधान हेतु" स्पाई कैमरे से युक्तऑटोमैटिक वाटर इरिगेशन मशीन'* का मॉडल बनाया है। चूंकि हमारा देश कृषि प्रधान देश है और हमारे देश की 70 % अर्थव्यवस्था पूर्णतः कृषि पर आधारित है । ऐसे में अनुपम का यह नवाचार विज्ञान के साथ साथ आर्थिक क्षेत्र में भी बहुत सहायक सिद्ध होगा। हमारे देश मे किसानों को प्रतिदिन ही अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसमे जल की समस्या प्रमुख है। अनुपम के इस मॉडल द्वारा बहुत आसानी से खेतों पर गए बिना ही फसलों को पानी पहुंचाया जा सकता है तथा कैमरे की सहायता से घर बैठे खेतों की निगरानी भी की सकती है। इस मोड में सॉयल सेंसर के अतिरिक्त अन्य उपयोगी उपकरण भी लगाए गए है । जो खेती को सुलभ बनाने में सहायक है।
अनुपम की इस उपलब्धि पर विद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष संजय कुमार पांडेय , सचिव अरुण कुमार सिंह ने उसकी सराहना की तथा उसे आगे के चरणों में भी सफल होने हेतु शुभकामनाएं दी है ।
विद्यालय के निदेशक डॉ कुंवर अरुण कुमार सिंह ने कहा कि हमारे देश की इतनी बड़ी आबादी को खाद्यान्न उपलब्ध कराने वाले हमारे किसान आजादी के इतने वर्षों बाद भी दुर्भाग्यवश आज भी बुनियादी सुविधाओं के आभाव से ग्रसित हैं। अनुपम की ये उपलब्धि अगर वास्तव में फलीभूत हो जाती है तो निस्सन्देह हमारे किसान भाईयों के लिए यह अविस्मरणीय योगदान साबित होगा । उन्होंने इसका श्रेय विद्यालय के परिश्रमी और शोध में रुचि रखने वाले शिक्षकों क्रमशः विशाखा सिंह , संतोष कुमार चतुर्वेदी ,विनय तिवारी और पंकज सिंह के उचित मार्गदर्शन तथा अनुपम के साथ अनवरत परिश्रम को दिया और कहा कि भविष्य में भी अनुपम को हरसंभव मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान किया जाता रहेगा। ताकि वो इस प्रतियोगिता के सभी चरणों में शनैः-शनैः सफ़लता प्राप्त कर सके।
विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती सीमा ने अनुपम तथा उसके मेंटर शिक्षकों को बधाई देते हुए अनुपम के उज्जवल भविष्य की कामना की।