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नौकरी के बहाने चण्डीगढ़ ले गए युवक का तीन साल बाद भी नहीं लगा सुराग,3 साल से दर्ज है एफआईआर

 


ए कुमार

बहराइच।। बहलाफुसलाकर नौकरी के बहाने चण्डीगढ़ ले गए युवक का तीन साल बाद भी सुराग नहीं लग सका। वह भी तब जब पुलिस ने तीन  वर्ष पूर्व मुकदमा दर्ज कर लिया था। बावजूद इसके आज तक युवक की बरामदगी पुलिस नहीं कर सकी। जिसके चलते युवक का वृद्ध पिता बेटे की बरामदगी के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है। गौरतलब हो कि थाना विशेश्वरगंज अन्तर्गत ग्राम बनघुसरा के मजरा बुधईपुरवा निवासी जगन्नाथ पुत्र तेजे के बेटे अनिल 24 को गांव के ही कुछ लोग बहलाफुसलाकर नौकरी दिलाने के बहाने चण्डीढ़ लेकर चले गए थे। जिसके बाद उसकी कोई खोज खबर नहंी मिली। तलाश के बावजूद जब पिता को बेटे का सुराग नहीं लगा तो उसने थाना विशेश्वरगंज में घटना की तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने 11 मार्च 2018 को मुअस 44/18 धारा 364 आईपीसी के तहत राजेन्द्र पुत्र राम सहाय निवासी पण्डितपुरवा, रघुनंदन, राम अवतार तथा वंशीलाल सुपरवाइजर के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया। पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बाद पीडि़त पिता को जांच के बहाने टहलाती रही। कुछ दिनों बाद मामला ठण्डे बस्ते में चला गया। 





आज तक उसका सुराग नहीं लगा। पीडि़त द्वारा पुनः पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर बेटे की बरामदगी की मांग की है। पीडि़त पिता जगन्नाथ ने बताया कि रघुनंदन निवासी शुकुलपुरवा व राम औतार निवासी गुजरा उसके बेटे को नौकरी दिलाने के बहाने चण्डीगढ़ लेकर गये थे। जहां उसकी या तो हत्या कर दी गई या कहीं बेच दिया गया। पीडि़त ने बताया कि वर्तमान में जब वह थाने पर पूछतांछ करने गया तो बताया गया कि कहीं पेंडि़ग पड़ा होगा। युवक के दो छोटे बच्चे व पत्नी घर पर उसके इंतजार में विक्षुब्ध हो रहे है। मामले में जब थाना प्रभारी विशेश्वरगंज जय नरायन शुक्ला के सीयूजी मोबाइल पर सम्पर्क किया गया तो वह स्वीचआफ बताता रहा।