बसपा सुप्रीमो के 65वे जन्मदिन पर : कोरोना शहीदों को श्रद्धांजलि या संख्या बढ़ाने की तैयारी
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। कोरोना महामारी में शहीद हुए स्वास्थ्य विभाग,पुलिस विभाग,अन्य कोरोना वॉरियर्स के साथ ही आमजन के जिन लोगो ने जान कोरोना के चलते गंवाई है ,उन सबको बसपा सुप्रीमो बहन मायावती के 65 वे जन्मदिन पर श्रद्धांजलि दी गयी । कोरोना का नाम आते ही चाहे विश्व स्वास्थ्य संगठन हो या हमारे देश की केंद्रीय या राज्य सरकारें हो,सबकी तरफ से जारी गाइड लाइन जेहन में उभर आती है -दो गज दूरी,मास्क है जरूरी । लेकिन बलिया के कलेक्ट्रेट स्थित अम्बेडकर संस्थान के बाहर बसपा सुप्रीमो के जन्मदिन की खुशी के साथ साथ कोरोना के चलते जान गंवाने वालो के लिये श्रद्धांजलि देने के लिये सभा का आयोजन बहुत ही सराहनीय कार्य था लेकिन इसके आयोजको और नेताओं की कोरोना के प्रति उदासीनता /लापरवाहियों ने श्रद्धांजलि सभा को भविष्य में कोरोना मरीजो की संख्या बढ़ाने में मददगार साबित होगा,इस बात से इंकार नही किया जा सकता है ।
मौका बहन जी के जन्मदिन पर जश्न का था,परन्तु बसपा मुखिया के आदेश पर भाषणबाजी,बहन जी की लंबी आयु की शुभकामनाओं को व्यक्त करने और आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव में बहन जी को मुख्यमंत्री बनाने के लिये कमर कसने के स्लोगन तक ही सीमित रहा । कोरोना से मरे लोगो के प्रति शोक संवेदना भी व्यक्त किया गया । लेकिन एक भी नेता ने इस मौके पर जुटी हजारो की भीड़ को कोरोना के गाइड लाइन का पालन करने के लिये जागरूक करता नही दिखा । जागरूक करना तो दूर मंच पर बैठे किसी भी नेता ने सोशल डिस्टेंसिंग की छोड़िये मास्क लगाना भी जरूरी नही समझा । यही सोच इस सभा मे आये कार्यकर्ताओ की भी थी । भरोसा नही है तो ये वीडियो देख लीजिये --
अब इस सभा के मुख्य अतिथि और रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह की मीडिया को दिये गये बयान को ही सुन लीजिये और विचार कीजिये कि यह कोरोना मृतकों को श्रद्धांजलि देने वाली भीड़ थी या भविष्य में बढ़ाने वाली ----
ऐसे आयोजनों पर जिला प्रशासन की उदासीनता लोगो मे चर्चा का विषय बन गयी है । लोग यह कहने लगे है कि क्या राजनेताओ की सभाओं में कोरोना नही होता है, बसों में नही होता है लेकिन पैसेंजर ट्रेनों में और आमजन के आयोजनों में जरूर होता है और जिला प्रशासन आमजन के ऊपर तो अपना खूब रौब गांठता है लेकिन राजनेताओ की सभाओं में जहां नियमो की धज्जियां उड़ाई जाती है , वहां झांकता तक नही ? क्या सरकार के सारे नियम आम लोगो के लिये ही है राजनेताओ के लिये नही?