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जिलाधिकारी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की कलेक्ट्रेट परिसर स्थित मूर्ति पर माल्यार्पण कर किया याद,अन्य लोगों ने भी किया माल्यार्पण

 






बलियाः आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया। जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने कलेक्ट्रेट परिसर में अपने कार्यालय के ठीक सामने स्थित उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर नेताजी को याद किया। इसके बाद अधिवक्ताओं व शहर के अन्य वरिष्ठ नागरिकों ने भी बारी-बारी से आकर माल्यार्पण किया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि नेता जी भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हैं, जिनसे आज के दौर का युवा वर्ग प्रेरणा लेता है। जुल्म व अन्याय के खिलाफ लड़ाई में वे हमेशा आगे रहते थे। आजादी की लड़ाई में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके जन्मदिन को आज पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। 

 जयंती समारोह के संयोजक / स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कल्याण परिषद के मंत्री शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने बताया कि भारत की स्वतंत्रता के लिये सशस्त्र संघर्ष करनेवाले आजाद हिंद फौज के सुप्रीम कमाण्डर के रुप मे नेताजी ने 21 अक्तूबर 1943 को ही स्वतंत्र भारत की अस्थाई सरकार बनाया था , जिसे जर्मनी , जापान , फिलीपींस , कोरिया , चीन ,इटली मान्चुको और आयरलैंड सहित 11देशों ने मान्यता दिया था ।

ज्ञातव्य है कि जापान ने अंडमान निकोबार द्वीप नेताजी को प्रदान किया था , जिनका नामकरण उन्होंने किया । यही से उन्होंने भारत के स्वतंत्र राष्ट्राध्यक्ष सेनापति के रुप में ब्रिटिश साम्राज्य की सेना से भारत के वर्मा , कोहिमा सहित अनेक राज्यों को स्वतंत्र करा लिया था ।

6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गाँधी के नाम से एक प्रसारण जारी कर इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिये सहयोग एवं आशीर्वाद मांगा था किन्तु अहिंसा का वास्ता देकर बापू ने मना कर दिया था । बापू के मना करने के बाद भी हजारों लोगों ने नेताजी के कदम देश की आजादी के युद्ध को सही ठहराते हुए आजाद हिंद फौज में भर्ती हुये ।

श्री कौशिकेय ने बताया कि बलिया जिले से भी भगवान देव सिंह , रामदेव सिंह ,सरजू सिंह , सूर्यदेव सिंह , बैजनाथ सिंह ,विक्रमा सिंह , अब्दुल गफ्फूर ,अनवर हुसैन ,रामचन्द्र यादव , श्री राम पाठक , बृजकिशोर उपाध्याय, कपिल देव तिवारी, गजाधर राम ,गया सिंह, कैलाश सिंह , तारकेश्वर चौबे ,जगन्नाथ सिंह , रामाज्ञा सिंह ,शुभनारायण सिंह , अनवर हक़ , दूबर चौबे , विश्वनाथ सिंह ,धनुषधारी सिंह , सुदामा प्रसाद , हरिकिशन चौधरी , भैरों सिंह , अवधेश कुमार पाण्डे ,रामनाथ तिवारी कुल 28 लोग आजाद हिंद फौज में भर्ती हुए थे ।

इस अवसर पर सेनानी रामविचार पाण्डेय , सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के   महामंत्री विजय बहादुर सिंह , कोषाध्यक्ष योगेन्द्र प्रसाद गुप्ता , पारसनाथ वर्मा , डा. दिनेश शंकर यादव , ईओ दिनेश विश्वकर्मा, एओ अश्विनी तिवारी  , अफसर आलम, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष अनिल गुप्ता , बार एसोसिएशन पाण्डेय गोविंद जी , विपिन बिहारी सिंह , पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता आदि ने पुष्पांजलि अर्पित किया । जीआईसी के कलाध्यापक डा.इफ्तेखार खाँ के सांनिध्य में बच्चों ने अपनी रंगोली से नेताजी को याद किया ।


रूपेश की रेत कलाकृति व जीआईसी के छात्रों की रंगोली को सबने सराहा





सैंड आर्टिस्ट रूपेश सिंह ने कलेक्ट्रेट परिसर में सुभाष चंद्र बोस के पराक्रम पर आधारित रेत की कलाकृति बनाकर पराक्रम दिवस मनाया। जिलाधिकारी के साथ मौजूद अन्य अधिकारियों व अतिथियों ने इस कलाकृति की सराहना की। शानदार कलाकारी से मंत्रमुग्ध होकर हर कोई रूपेश के उज्जवल भविष्य की कामना करता दिखा। कड़ाके की ठंड में भी रूपेश ने कड़ी मेहनत कर इस कलाकृति को बनाया। वहीं, राजकीय इंटर कॉलेज के छात्रों ने सुभाष चंद्र बोस जी के साथ पास में बने शहीद स्तंभ पर शानदार रंगोली बनाई, इसकी तारीफ जिलाधिकारी व वहां मौजूद अन्य अतिथियों ने की। जिलाधिकारी ने कहा कि कलाकृति सीखने के इच्छुक दस छात्रों को सिखाने का प्रयास किया जाए तो एक बेहतर पहल होगी। रूपेश ने भी छात्रों को सैंड आर्ट सिखाने पर अपनी हामी भरी। एडीएम रामआसरे, सिटी मजिस्ट्रेट नागेंद्र सिंह, शिवकुमार कौशिकेय, सेनानी रामविचार पांडेय, डाॅ विश्राम यादव, फुलबदन तिवारी, अफसर आलम समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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अदम्य साहस व अद्भुत सामर्थ्य के प्रतीक थे नेताजी


नेहरू युवा केन्द्र की तरफ से पराक्रम दिवस का कार्यक्रम हुआ आयोजित





बलियाः नेहरू युवा केंद्र के कार्यालय पर भी नेता जी की 125वींजयंती धूमधाम से मनाई गई। दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ करने के बाद मुख्य अतिथि डॉ फूलबदन सिंह ने कहा कि नेताजी का जीवन संघर्षों में बीता। वे अपने संघर्षों के माध्यम से ही देश को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त कराना चाहते थे। नेता जी ने अपनी राष्ट्रवादी विचारों से देश के नौजवानों को एक नई दिशा व दशा प्रदान की। आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। अध्यक्षता करते हुए नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी अतुल शर्मा ने कहा कि नेता जी के जीवन चरित्र से नौजवानों को यह सीख मिलती है कि राष्ट्र से बढ़कर युवाओं के लिए कुछ नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर उपस्थित स्वयंसेवकों को जनपद में स्थापित महापुरुषों की प्रतिमाओं को स्वच्छ रखने की शपथ दिलाई गई। नमामि गंगे के जिला परियोजना अधिकारी शलभ उपाध्याय, गुप्तेश्वर प्रसाद, सोनू देव यादव, सिमरन सिंह, एजाज, रंजना, अनामिका, सोनम ,नंदिनी ,गुलशन ,अमित, राहुल राम, सत्यम चैबे, अमृता आदि थे। संचालन नितेश पाठक ने किया।