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किसान नेता राकेश टिकैत का सरकार पर बड़ा हमला : किसानों को मरवाना चाहती है सरकार

 


गाजीपुर बार्डर ,दिल्ली ।। भारतीय किसान यूनियन के नेता ने आरोप लगाया है कि भाजपा विधायक व उसके सैकड़ो लाठी डंडों हथियारों से युक्त समर्थक किसानों को धमका रहे है । श्री टिकैत ने कहा कि किसानों को मिटाने की अगर कोशिश होगी तो वो आत्हत्या कर लेंगे । रोते रोते श्री टिकैत ने मीडिया के माध्यम से सरकार पर गंभीर आरोप लगाये है । खुद सुनिये कि श्री टिकैत ने कहा क्या है --



रो पड़े राकेश टिकैत



केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर दो महीने से आंदोलन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा है कि अगर इसे वापस नहीं लिया जाता है तो वे आत्महत्या कर लेंगे। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को हटाने के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी राज्य के सभी डीएम और एसएसपी को सभी आंदोलनों को खत्म करने का निर्देश दिया है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मीडिया से कहा कि यहां अत्याचार हो रहा है, लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा। ये कानून वापस होंगे। यदि ये कानून वापस नहीं हुए तो राकेश टिकैत आत्महत्या करेगा। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को मारने की कोशिश की जा रही है। यहां के सभी लोगों को मारने की साजिश हो रही है। बीजेपी के विधायक यहां 300 लोगों के साथ लाठी डंडे लेकर आए हैं।
वहीं, टिकैत ने सरेंडर करने को लेकर जारी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि वे सरेंडर नहीं करने जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा जिसने भी लाल किले पर तिरंगे के अलावा झंडा फहराया था, उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को जांच करनी चाहिए। उन्होंने कोर्ट से कमेटी के गठन की भी मांग की। उन्होंने कहा कि कोर्ट जांच कराए कि लाल किले पर हुई हिंसा में आखिर कौन-कौन शामिल थे। कॉल डिटेल्स निकालकर जांच करवाई जाए। टिकैत का कहना है कि तिरंगे का अपमान कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का भी कहना है कि किसान आंदोलन जबरदस्ती खत्म नहीं होगा। जब तक सांस चलेगी तब तक लड़ेंगे। अभी हमारी कोई योजना नहीं है। अभी हम मीटिंग करेंगे। पता नहीं सरकार क्या-क्या षड्यंत्र करती है।

गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद पुलिस ने बॉर्डर पर सख्ती बढ़ा दी है। किसानों के धरनास्थल से लगभग 1 किलोमीटर पहले बैरिकेडिंग लगाकर रास्ते को पूरी तरह ब्लॉक कर दिया गया है। टीकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन के नीचे बैरिकेडिंग कर दी गई है। आम जनता को भी इस मेट्रो स्टेशन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। टीकरी बॉर्डर पर पुलिस फोर्स के अलावा कल रात से अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त टुकड़ियों को भी तैनात कर दिया गया है।



दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले, आईटीओ और सात अन्य स्थानों पर हुई हिंसा से संबंधित मामलों की जांच करेगी। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में अब तक 33 प्राथमिकियां दर्ज कर चुकी है। हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि 44 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए गए हैं। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान यूनियनों की ट्रैक्टर परेड के दौरान 26 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। कई प्रदर्शनकारी लाल किले पहुंच गये थे।
बड़ी खबर : राकेश टिकैत की तबीयत बिगड़ी,यशोदा अस्पताल से डॉ जांच को पहुंचे,डॉक्टर ने बताया हाई बीपी की है समस्या।