काशी विश्वनाथ पहुंचे संतों ने मुस्लिमोंं से मांगी हिंंदुओं की संंपत्ति, बोले नहीं माने तो अयोध्या जैसे लेने के लिये होगा आंदोलन
वाराणसी । अखिल भारतीय संत समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन रविवार की सुबह संतों ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया और कारीडोर के निर्माण को भी देखा। गंगा दर्शन पूजन के बाद आयोजन स्थल की ओर रवाना हो गए। इस दौरान अखिल भारतीय संत समिति के सदस्य बाबा दरबार सर्वप्रथम श्रीकाशी विश्वनाथ का विधिवत दर्शन-पूजन किया और विश्वनाथ कॉरिडोर को बारीकियों से देखा और भ्रमण किया। अपने गंतव्य प्रस्थान से पहले मीडिया से बात करते हुए सन्तोंं ने बाबा के दर्शन के बाद मुस्लिम समाज से अपील किया कि जो हिंदुओ की संपत्ति है उसे दे दें नहीं तो जिस तरह अयोध्या ली है वैसे ही लेंगे। कहा कि इसके लिए अगर मुस्लिम समाज नहीं मानेगा तो आंदोलन होगा।
अखिल भारतीय संत समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का रविवार को दूसरा दिन है। सुबह सन्तोंं ने बाबा विश्वनाथ के दरबार मे मत्था टेककर बाबा के कॉरिडोर को देखा। सन्तोंं ने भव्य कॉरिडोर को देखकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। इसके साथ ही सन्तोंं ने काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति के संकेत दिए। सन्तोंं ने कहा कि हमारी मुस्लिम समाज से अपील है कि जो हिंदुओ का है उसे दे दें नहीं तो आंदोलन करके लेंगे। कोरोना वैक्सीन को लेकर गर्म हुयी राजनीति के बीच ज्योतिष पीठ के पीठाधीश्वर वासुदेवानन्द ने भी कोरोना वैक्सीन के परीक्षण की बात कही है शंकराचार्य की माने तो कोरोना वैक्सीन का पहले परीक्षण होना चाहिए जब किसी प्रकार की हानि संभव न हो तब लगाना चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि शासन को चाहिए कि वैक्सीन का अध्ययन करके तब समाज को दिया जाय। इस दौरान जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी राजेश्वरचार्य मावली सरकार( संरक्षक अखिल भारतीय संत समिति), अविचल दास जी (राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय संत समिति), महंत बालकदास (अध्यक्ष व्यास संघ) स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती(महामंत्री अखिल भारतीय संत समिति) सहित आयोजन से जुड़े तमाम संत मौजूद रहे।