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दस जनवरी से हर रविवार को हर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर लगेगा 'मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला’

 



बलिया ।। कोविड-19 संक्रमण के कम होते प्रभाव को देखते हुये शासन ने एक बार फिर से ‘मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले’ के आयोजन का निर्णय लिया है। जनपद में दस जनवरी से प्रत्येक रविवार को हर प्रा०स्वा०केन्द्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला लगाया जाएगा । संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश ने यह आदेश सूबे के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जारी किया । 

कार्यवाहक मुख्य चिकित्साधिकारी डा०हरिनन्दन प्रसाद ने बताया कि संयुक्त सचिव के आदेश के अनुपालन में जनपद के समस्त नगरीय और ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हर रविवार स्वास्थ्य मेले के आयोजन के लिए तैयारी की जा रही हैं । सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारियों को शासन की मंशा के अनुरूप निर्देश जारी कर दिए गए हैं । पत्र में कहा गया है कि सभी नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को उनके समीप पहुंचाया जाए । इसके लिए शासन से लोगों के स्वास्थ्य की मानिटरिंग, रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जागरूक करने के भी आदेश दिए गए हैं । 

कार्यवाहक सीएमओ ने कहा कि मेले में कोविड-19 प्रोटोकॉल और उससे बचाव के प्रत्येक नियमों का पालन कराया जाएगा । उन्होने कहा कि उपचार का बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए रोगों को उनकी प्रारम्भिक अवस्था में ही चिन्हित किया जाना जरुरी है । इसी उद्देश्य से समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हर रविवार को आरोग्य स्वास्थ्य मेला आयोजित किये जाने के निर्देश दिये गए हैं ।

कार्यवाहक सीएमओ ने बताया कि हर रविवार को यह मेला चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, चिकित्सा शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग एवं आयुष विभाग की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा । चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग इस कार्यक्रम के नोडल विभाग होगा। मेले में आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड, गर्भावस्था एवं प्रसव कालीन परामर्श, संस्थागत प्रसव संबंधी जागरूकता, जन्म पंजीकरण परामर्श, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श एवं सेवाएं, पूर्ण टीकाकरण परामर्श एवं सेवाएं, परिवार नियोजन संबंधी परामर्श एवं सुविधाएं दी जाएंगी । मेले में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जायेगा। प्रवेश स्थान पर ही सभी की जांच की जाएगी, जिन जाँचों को पीएचसी स्तर पर करना संभव नही है। उन्हें उच्चस्तरीय इकाइयों में रेफर किया जाएगा ।