मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर पुलिस कर्मियों को बेहतर आवासीय सुविधाएं :उनके कार्य स्थल के निकट उपलब्ध कराये जाने के प्रयास
मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर प्रदेश में कुल 584 आवासीय एवं अनावासीय भवनों के निर्माण कार्यों हेतु स्वीकृत की गयी 2770 करोड़ रूपये से अधिक धनराशि
इसके अलावा भी प्रदेश में पुलिस विभाग के कुल 295 अन्य प्रस्तावित निर्माण कार्यों पर व्यय होगी 1882 करोड़ से अधिक की धनराशि
मुख्यमंत्री ने की पुलिस विभाग की विभिन्न इकाईयों द्वारा अब तक किये गये क्रिया-कलापों की गहन समीक्षा
ए कुमार
लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाये जाने, अपराध स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण, विभिन्न स्थानों में तैनात पुलिस कर्मियों को बेहतर आवासीय सुविधाएं उनके कार्य स्थल के निकट उपलब्ध कराये जाने के प्रयास तेज किये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों एवं की गयी घोषणाआंें में अब तक हुयी प्रगति की गत् दिवस उनके आवास पर सम्पन्न बैठक में पुलिस विभाग की विभिन्न इकाईयों द्वारा अब तक किये गये क्रिया-कलापों की गहन समीक्षा की गयी है। अग्नि दुघर्टनाआंे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए नए फायर स्टेशन खोल जाने, विवेचना में वैज्ञानिक तथ्यों का अधिकाधिक समावेश किये जाने हेतु फोरेंसिक विश्वविद्यालय की स्थापना की दिशा में किये जाने वाले प्रयासों में और अधिक तेजी लाये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग के लिए बेहतर आवासीय एवं अनावासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अभियान चलाकर कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री जी ने पुलिस कर्मियों को उनके कार्यस्थल पर बेहतर आवासीय सुविधाएं तथा उनके कार्य सम्पादन हेतु बेहतर कार्य संस्कृति के लिए उपयुक्त वातावरण उपलब्ध कराने के लिए अनावासीय भवनों के निर्माण कार्यो को भी प्राथमिकता से कराये जाने के निर्देश दिये हैं।
अपर मुख्य सचिव, गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने उक्त जानकारी देते हुये बताया है कि प्रदेश की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 243 आवासीय एवं अनावासीय निर्माण कार्य पूरा कर उन्हें सम्बन्धित इकाई को हस्तगत किया जा चुका है, जिसपर 1101 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि व्यय की गयी है। उन्होंने किये गये प्रमुख निर्माण कार्यों का ब्यौरा देते हुये बताया कि 141 थानों पर पुरूष व महिला बैरकों का निर्माण, 16 थानों पर आवासीय भवन, 08 अग्निशमन केन्द्र, 04 पुलिस अधीक्षक कार्यालय, 08 पुलिस लाइन्स बैरक आदि प्रमुख हैं।
श्री अवस्थी ने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी की घोषणा के परिपे्रक्ष्य में 584 निर्माण कार्य प्रचलित हैं, जिसके लिये 2770 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गयी है। इस धनराशि से 317 थानों पर हाॅस्टल, 30 पी0ए0सी0 बैरक, 88 पुरूष /महिला हाॅस्टल, 35 ट्रांजिस्ट हाॅस्टल, 61 अग्निशमन केन्द्र तथा 53 थानों व चैकियों पर आवासीय एवं अनावासीय भवनों का निर्माण कार्य विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं से कराया जा रहा है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि इसके अलावा मुख्यमंत्री जी की घोषणा के परिप्रेक्ष्य में 66 अग्निशमन केन्द्रों के अलावा 37 थानों के नये प्रशासनिक भवन एवं 37 थानों के नये आवासीय भवन, 1425 थानों पर हाॅस्टल/बैरक व विवेचना कक्ष, 68 पुलिस लाइन्स में ट्रांजिस्ट हाॅस्टल एवं महिला व पुलिस बैरक, 31 पी0ए0सी0 वाहिनियों में 200 जवानों की क्षमता युक्त 31 बैरक, 13 नई चैकियों के प्रशासनिक भवन, 11 नई चैकियों के आवासीय भवन के निर्माण कार्य प्रस्तावित है।
यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अलावा भी प्रदेश में कुल 295 अन्य निर्माण कार्य भी प्रस्तावित किये गये हैं, जिसपर 1882 करोड़ से अधिक की धनराशि व्यय होगी। इस धनराशि से प्रदेश में 23 थानों के प्रशासनिक भवन, 05 महिला थानों के प्रशासनिक भवन, 03 चैकियों के प्रशासनिक भवन, 01 पी0ए0सी0 वाहिनी, विधि विज्ञान विश्वविद्यालय, 22 अग्निशमन केन्द्र, 01 प्रशिक्षण संस्थान तथा 41 आवासीय व 185 अन्य अनावासीय भवनों का निर्माण किया जायेगा।
श्री अवस्थी ने बताया कि शासन द्वारा पुलिस आवास निगम को और अधिक सुदृढ़ बनाये जाने के प्रयास किये गये हैं, जिसके फलस्वरूप घाटे में चल रहा यह निगम अब लाभ की ओर अग्रसर है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि प्रदेश में अग्निकाण्ड से होने वाली आपदाओं में जन-धन की हानि में कमी लाने हेतु तहसील स्तरों पर फायर स्टेशनों के निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी गयी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कुल तहसीलों की संख्या- 350 है, जिसमें से कुल तहसीलें जिनपर फायर स्टेशनों की स्वीकृति है उनकी कुल संख्या-280 है। उन्होंने बताया कि 66 नये फायर स्टेशन मुख्यमंत्री जी की घोषणा से आच्छादित हैं। इन 66 अग्निशमन केन्द्रों हेतु विभिन्न श्रेणी के कुल 1716 पदों का सृजन किया जा चुका है।
अग्निशमन विभाग की ओर से जिन भवनों के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होती है, उस व्यवस्था को तकनीकी से जोड़ा गया है। इसके लिए बनाये गये निवेश-मित्र पोर्टल को उच्चीकृत कर उसे पूर्णतः डिजिटलाइज्ड किया गया है, जिसमें एन0ओ0सी0 निर्गमन की समयबद्धता समाहित है। साथ ही यूजर को विभाग की सेवा के बार में फीडबैक की सुविधा देकर इस व्यवस्था में पारदर्शिता शत्-प्रतिशत सुनिश्चित कर दी गयी। इसके अलावा मा0 मुख्यमंत्री जी के डैशबोर्ड को ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से इन्टीग्रेट कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 75 जनपदों से अनापत्ति हेतु अब तक 16,575 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिनमें से 11,729 का अनुमोदन तथा 2,219 आवेदनों को निरस्त किया जा चुका है तथा शेष पर कार्यवाही चल रही है।
पुलिस विवेचना की गुणवत्ता में वृद्धि एवं उसमें अधिकाधिक वैज्ञानिक तथ्यों का समावेश किये जाने हेतु फाॅरेंसिक सांइस के उपयोग को बढावा दिया गया है। व्यावहारिक विज्ञान प्रौद्योगकीय एवं प्रबन्धन के क्षेत्र में अभिनव शिक्षा प्रदान कर प्रशिक्षित जनशक्ति को तैयार किये जाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण अनुसंधान के लिए सेंटर आॅफ एक्सलेंस की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत यू0पी0 स्टेट इंस्टीट्यूट आॅफ फारेंसिक सांइस की स्थापना लखनऊ मे की जा रही है, ताकि इससे मिली जनशक्ति आपराधिक मामलों की जाॅच एवं प्रौद्योगकीय में विशेषज्ञता प्राप्त किये हुये हो, जिससे अपराधियों को वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अधिकाधिक सजा दिलाने में सफलता मिल सके।
इस नये खुलने वाले फाॅरेंसिक विश्वविद्यालय हेतु थाना सरोजनीनगर के ग्राम पिपरसण्ड में जगह चिन्हित की गयी है तथा वित्त विभाग द्वारा 213 करोड़ रूपये की परियोजना को मंजूरी प्रदान की गयी है। इंस्टीट्यूट का साइट प्लान एवं ले-आउट प्लान अनुमोदित किया जा चुका है। राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (छथ्ैन्) से इसकी सम्बद्धता प्रस्तावित है तथा डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ से एम0ओ0यू0 भी प्रस्तावित हैं।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विगत 20 मार्च 2017 से 31 दिसम्बर 2020 के मध्य 10,114 अपराधी गिरफ्तार कर जेल भेजे गये हैं, जिनमें 9,232 अपराधी 25 हजार के इनामी, 791 अपराधी 25-50 हजार के इनामी तथा 91 अपराधी 50 हजार रूपये से अधिक के इनामी अपराधी हैं। गैंगेस्टर एक्ट में 12,032 अभियोग पंजीकृत कर 37,511 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। गैंगेस्टर एक्ट में 9 अरब 33 करोड़ 33 लाख रूपये से अधिक मूल्य की चल/अचल सम्पत्तियों के जब्तीकरण की कार्यवाही की गयी। इस अवधि में 525 अभियुक्तों के विरूद्ध रासुका के अन्तर्गत निरूद्ध किया गया है।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में माफियाओं एवं गैंगेस्टर एक्ट में वांछित अपराधियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही की गयी। इसके तहत 25 कुख्यात माफिया अपराधियों को चिन्हित कर उनके तथा उनके गिरोह के अपराधियों व सहयोगियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये लगभग 475 करोड़ रूपये से अधिक मूल्य की अवैध सम्पत्तियों पर सरकारी जमीन अवमुक्त कराने, ध्वस्तीकरण व उसके जब्तीकरण की कार्यवाही की जा चुकी है।
माफिया, उनके परिजनों व सहयोगियों के लगभग 150 शस्त्र लाइसेंसों के निरस्तीकरण की कार्यवाही की गयी। इसके अलावा 08 अन्य कुख्यात अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही कराते हुये 05 अपराधियों की 35 करोड़ से अधिक मूल्य की सम्पत्ति की जब्तीकरण, ध्वस्तीकरण व अवैध कब्जे से सरकारी जमीनों को अवमुक्त कराने की कार्यवाही की गयी है। गैंगेस्टर एक्ट के तहत सर्वाधिक कार्यवाही वर्ष 2020 में की गयी जिसके तहत कुल 926 प्रकरणों मंे 798. 79 करोड़ रूपये मूल्य की सम्पत्ति पर कार्यवाही की गई, जबकि वर्ष 2018 मंे यह आंकड़ा 82 प्रकरणों में 57.30 करोड़ रूपये था।
महिलाओं एवं बालिकाओं को और अधिक बेहतर सुरक्षित परिवेश प्रदान करने तथा महिला अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के उद्देश्य से प्रदेश भर में एण्टी रोमियों स्क्वाड का गठन कर अब तक 39,36,919 स्थानों पर चेंकिग की कार्यवाही करते हुये 98,55,867 व्यक्तियों को चेक किया गया। कार्यवाही के फलस्वरूप 9,948 अभियोग पंजीकृत कर 14,958 व्यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गयी है साथ ही 41,21,745 व्यक्तियों को भविष्य में गलती न करने की चेतावनी दी गयी है।
जनसामान्य में सुरक्षा की भावना को और अधिक सुदृढ़ करने हेतु वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पुलिस द्वारा फुट पेट्रोलिंग कर 85,62,540 स्थानों पर चेंकिग की गयी। इस दौरान 2,58,88,858 संदिग्ध व्यक्तियों को चेक किया गया, जिसमें 14,12,941 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया। इस दौरान 2,91,921 अभियोग पंजीकृत कर 4,36,469 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।
सीएए के विरोध प्रदर्शन में प्रदेश में कुल 510 पंजीकृत अभियोग 7304 व्यक्तियों के विरूद्ध पंजीकृत हुये। इनमें कुल 4578 अभियुक्तगण के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुये कुल 312 अभियोगों में आरोप पत्र प्रेषित किया गया।
कोरोना संक्रमण के दौरान तत्परता एवं दृढ़ता से पुलिस द्वारा पूरी लगन एवं निष्ठा से विषम एवं चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद पूर्ण मनोयोग एवं संवेदनशीलता के साथ भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराने के साथ-साथ पुलिस द्वारा जिस समर्पण की भावना से जनता की सेवा की गई उससे पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आया है।
लाॅकडाउन के दौरान नियमांे का उल्लघंन करने पर अब तक 2,39,687 अभियोग पंजीकृत किये गये। 3,75,217 व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी, 64,85,715 वाहनों का चालान किया गया, 84,457 को सीज किया गया तथा 140 करोड़ 36 लाख, 65 हजार रूपये से अधिक शमन शुल्क वसूला गया। इस दौरान 66 पुलिस कार्मियों द्वारा अपने प्राणों का उत्सर्ग किया गया है।
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विगत 26 दिसम्बर 2020 तक एसटीएफ द्वारा विशेष उल्लेखनीय कार्य किये गये। इस दौरान किये गये सराहनीय कार्यों की कुल संख्या 1216 रही। कुल 3237 कुख्यात व इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी की गयी, जिनमें 424 अपराधी इनामी 2036 अपराधी दुर्दान्त/संगठित अपराधकर्ता, 86 वन्य जीव अपराधी, 399 मादक पदार्थ तस्कर तथा 280 साइबर अपराधी थे। इन अपराधियों के कब्जे से 1191 अवैध शस्त्र भी बरामद किये गये। इन अपराधियों से 205 ट्रक/टैंकर, 373 चार पहिया वाहन, 258 दो पहिया वाहन बरामद कर सीज किये गये।
वर्तमान सरकार द्वारा अपराध नियंत्रण की दिशा में भी सकारात्मक प्रयास किये गये हैं, जिसके फलस्वरूप वर्ष 2019 के सापेक्ष वर्ष 2020 में प्रमुख अपराध शीर्षकों के अन्तर्गत हत्या के अपराधों में 5.32 प्रतिशत, लूट में 36.48 प्रतिशत, डकैती में 19.81 प्रतिशत, बलवा में 4.19 प्रतिशत तथा फिरौती के लिए अपहरण में 6.06 प्रतिशत की कमी दर्ज हुयी है।
इसी प्रकार महिला सम्बन्धी अपराधों यथा बलात्कार में 18.93 प्रतिशत, शीलभंग में 20.02 प्रतिशत, अपहरण में 26.47 प्रतिशत, पारिवारिक महिला उत्पीड़न में 13.41 प्र्रतिशत तथा दहेज मृत्यु के अपराधा में 7.96 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी।
यूपी 112 परियोजना के तहत प्रदेश के सभी नागरिको को त्वरित आपातकालीन सहायता उपलब्ध कराने के लिये पुलिस फायर, एम्बुलेंस व आपदा बल को एकीकृत किया गया है। इसके माध्यम से प्रदेश स्तरीय पुलिस इमेरजेंसी सेवायें नागरिकों को 24 घंटे शुलभ करायी जा रही है। यूपी 112 द्वारा वर्ष 2020 में जहां 67,85,303 इवेंटस में पुलिस सहायता पहुचाई गई वही यह संख्या वर्ष 2019 में 55,87,002, वर्ष 2018 में 52,06,419 तथा वर्ष 2017 में 47,25,366 थी। यह भी उल्लेखनीय है आमजनमानस तक इस सेवा का दायरा बढ़ाकर जी0आर0पी0, यूपीएसआरटीसी, डब्लू सी डी (181) तथा 1090 की सेवाओं को भी इससे जोड़ा गया है।
यूपी 112 द्वारा जहां एक ओर लाॅक डाउन के दौरान नियमों के अनुपालन की दिशा में सराहनीय प्रयास किये गये वहीं प्रदेश पुलिस का मानवीय चेहरा भी उभर कर सामने आया है। डायल 112 के माध्यम से लाॅक डाउन के दौरान वर्ष 2020 में पी0आर0वी0 पर तैनात पुलिस कर्मियों द्वारा प्रदेश के कुल 6 लाख 40 हजार से अधिक जरूरतमंदों को मद्द पहुंचायी गई। लगभग 2,04,190 व्यक्तियों तक खाद्य सामग्री, 2434 लोगो तक जीवन रक्षक दवा तथा 29,781 व्यक्तियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में सहायता की गयी ।