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बलिया में भी नगर पालिका के निर्माण की हो जांच, निकलेगा बड़ा भ्रष्टाचार

  


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। गाजियाबाद के शमसान घाट पर अंतिम संस्कार के समय प्रतीक्षालय की छत गिरने से हुई 25 लोगो की मौत ने ,नगर पालिकाओं में किस कदर भ्रष्टाचार व्याप्त है ,इसकी कलई खोलने के लिये काफी है । नगर पालिकाओं में शासनादेशों की कोई अहमियत नही होती है,पटल परिवर्तन का शासनादेश तो जैसे इन संस्थाओ के लिये बना ही नही है। जो बाबू अपने अधिशासी अधिकारी को जितना चढ़ावा चढ़ायेगा , वो उतने दिनों तक कमाऊ पटल को देखता रहेगा । यही हाल अधिशासी अधिकारियों का है । जब तक जिला स्तरीय व शासन स्तरीय अधिकारियों की गणेश परिक्रमा करता रहे,तब तक लाख भ्रष्टाचार की शिकायत हो,कुछ बिगड़ने वाला नही है । गाजियाबाद में तो शमसान घाट का प्रतीक्षालय लूट खसोट के कारण घटिया निर्माण के चलते गिरकर 25 लोगो की जीवन लीला समाप्त करने वाला साबित हुआ है लेकिन बलिया में दोयम दर्जे के निर्माण के चलते बेजुबानों के साथ यह घटना घटित हो जाय तो आश्चर्य नही होना चाहिये ।

बता दे कि मुख्यमंत्री योगी जी का ड्रीम प्रोजेक्ट गौशाला का निर्माण बलिया की नगर पालिका भी करा रही है । यह गौशाला बानरहि में बन रही है । सूत्रों से मिली खबरों के अनुसार इसके निर्माण में दोयम दर्जे की ईंट और निर्माण सामग्री का भी धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है जबकक इसकी जांच ऐसे महान अधिशासी अधिकारी दिनेश विश्वकर्मा के नेतृत्व में अवर अभियंता व अन्य द्वारा की जा रही है, जिस ईओ के खिलाफ लगभग 26 भ्रष्टाचार के आरोपो की जांच चल रही है । अब इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्माण की गुणवत्ता की कितनी और किस हद तक जांच होती होगी ।वही इस निर्माण कार्य की पत्रावली भी ईओ के कृपा से वो लिपिक प्रमोद चौरसिया देख रहे है जिनको चेयरमैन ने निलंबित कर दिया है बावजूद ईओ विश्वकर्मा काम ले रहे है ।

सीएम योगी,नगर विकास मंत्री,प्रमुख सचिव नगर विकास,निदेशक प्रशासन स्थानीय निकाय,कमिश्नर आजमगढ़,जिलाधिकारी बलिया को प्रदेश सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल और चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी लगभग 1 साल से ईओ दिनेश विश्वकर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत किये हुए है,कर्मचारी संगठन ने किया हुआ है लेकिन आज तक इस अधिकारी के खिलाफ जांच पूरी ही नही हुई है । भ्रष्टाचार को बढ़ाने में जांच अधिकारियों द्वारा लंबित रखने की प्रक्रिया का विशेष योगदान है । अगर सीएम योगी के राज में भी भ्रष्टाचार के आरोपो की इस कदर धीमी गति से जांच होगी तो गाजियाबाद में छत मनुष्यो के ऊपर गिरी, बलिया में बेजुबानों के ऊपर गिर सकती है ।