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जनपद में 23 से मिशन इन्द्रधनुष

 



- दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का होगा टीकाकरण

- 12 गंभीर बीमारियों से मिलेगी सुरक्षा  

बलिया ।। सघन मिशन इंद्रधनुष 3.0 (आईएमआई-3.0) यानि मिशन इंद्रधनुष अभियान का तीसरा चरण जनपद में 23 फरवरी से शुरू होगा। नियमित टीकाकरण के दौरान टीके से वंचित रह गए दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती को इस विशेष अभियान में नि:शुल्क टीके लगाए जाएंगे। यह अभियान बलिया समेत सूबे के 37 जनपदों में दो चरणों में चलाया जाएगा। 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने इस संबंध में सभी जनपदों के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के अलावा जिला प्रतिरक्षण अधिकारियों को पत्र भेजकर सूचित किया है। पत्र के साथ भारत सरकार की गाइड लाइन और टीकाकरण के लिए निर्धारित की गई तिथियों की जानकारी के साथ यह निर्देश दिए गए हैं कि टीकाकरण से पहले आशा और एएनएम को प्रशिक्षण देने के साथ उनका संवेदीकरण किया जाए। माइक्रो प्लान तैयार करने के लिए आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर सर्वे का कार्य करेंगी।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा० ए० के० मिश्रा ने बताया कि बलिया सहित प्रदेश के 37 जनपदों में टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के लिए यह अभियान दो चरणों में चलाया जाएगा। भारत सरकार की ओर से अभियान के अंतर्गत कोविड-19 संक्रमण के दौरान लॉकडाउन एवं अन्य कारणों से टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। नियमित टीकाकरण के साथ मिशन इन्द्रधनुष-3.0 के जरिए टीकाकरण कवरेज को बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। आईएमई-3.0 के लिए शासन से गाइड लाइन प्राप्त हो गई है। शासन से मिली गाइडलाइन के मुताबिक प्रथम चरण में 23 फरवरी के अलावा एक और दो मार्च को टीकाकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनपद में आईएमआई-3.0 का द्वितीय चरण 23 मार्च, पांच अप्रैल और छह  अप्रैल को चलाया जाएगा।

अभियान से पहले आठ फरवरी को जनपद स्तरीय संवेदीकरण और फिर नौ और दस फरवरी को ब्लॉक स्तरीय अभिमुखीकरण किया जाएगा। इसके बाद 11 से 16 फरवरी तक आशा कार्यकर्ता हेड काउंट सर्वे कर लाभार्थियों की सूची तैयार करेंगी और फिर 17 से 19 फरवरी तक माइक्रो प्लान तैयार किया जाएगा। माइक्रो प्लान और लाभार्थियों की सूची की समीक्षा 20 फरवरी को राज्य स्तर पर की जाएगी। मिशन निदेशक के आदेश की प्रति संबंधित जिलाधिकारियों और अपर निदेशक स्वास्थ्य को भी भेजी गई है।

क्या है सघन मिशन इंद्रधनुष 

सघन मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत भारत सरकार की ओर से 2017 में की गई थी। यह दो वर्ष से छोटे बच्चों और उन गर्भवती के लिए है जो नियमित टीकाकरण के दौरान छूट जाते हैं। इस अभियान का नाम इंद्रधनुष इसलिए रखा गया है, क्योंकि अभियान के दौरान बारह बीमारियों से प्रतिरक्षित करने के लिए टीके लगाए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह टीकाकरण नि:शुल्क किया जाता है। 2017 में चलाए गए मिशन इंद्रधनुष को आईएमआई 1.0 और 2019 में चलाए गए मिशन इंद्रधनुष अभियान को आईएमआई.2.0 नाम दिया गया था।

ये टीके लगेंगे अभियान में

अभियान में शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जाएंगे। इसके अलावा अभियान में गर्भवती को टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका भी लगाया जाएगा।