संस्कार व संस्कृति से ही राष्ट्र का विकास संभव:- डॉक्टर सुनील ओझा
नगवा बलिया ।। क्षेत्र के शहीद मंगल पांडेय राजकीय महिला महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय शिविर के पांचवें दिन के कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती एवं मंगल पांडेय के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण करके किया गया। आज का बौद्धिक विकास का मुख्य विषय "राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका" रहा।
इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ सुनील कुमार ओझा ने उपस्थित स्वयं सेविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि, युवा अगर अपनी जिंदगी में एक लक्ष्य बनाकर आगे बढ़े तो उन्हें सफलता अवश्य मिलेगी। कहा कि समाज में आगे बढ़ने के लिए संस्कार का होना नितांत आवश्यक है। उन्होंने बतलाया कि समाज में रहने के लिए महापुरुषों के आदर्शों को आत्मसात करना नितांत आवश्यक है। उपस्थित स्वयंसेविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं के अंदर सीखने की ललक होनी चाहिए। किसी भी काम की शुरुआत सही तथा अच्छे तरीके से करने से सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि युवाओं को सही मार्गदर्शन मिले तो वह किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं। बतलाया कि संस्कार और संस्कृति से ही देश महान होता है। बतलाया कि आर्थिक एवं सामाजिक कृतियों को संजो कर रखने से देश का नव निर्माण किया जा सकता है। कहा कि शिक्षा से तात्पर्य व्यक्तित्व के विकास से होता है।
नितेश पाठक ने कहा कि मन का संकल्प और शरीर का पराक्रम यदि किसी काम में पूरी तरह लगा दिया जाए तो सफलता अवश्य मिलेगी। कार्यक्रम के अंत में पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए देश के अमर वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
इस मौके पर प्रमुख रूप से सोनम, सांची दुबे ,कृति पाठक, अंशु ,श्रुति ,सुप्रिया, मानवी, लाली ठाकुर आदि लोग रहे संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी डॉ सुरेंद्र नाथ दुबे ने किया।