एक बेरहम हत्यारिन जो फांसी पर झूलकर बनायेगी इतिहास
मथुरा ।। बक्सर बिहार की बनी रस्सी ही एकबार फिर इतिहास रचने जा रही है । बक्सर की रस्सी से ही प्रदेश के एकलौते महिला फांसीघर मथुरा जेल में आजादी के बाद पहली बार किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाया जाएगा । निर्भय के हत्यारों को फांसी पर लटकाने वाले मेरठ के पवन जल्लाद को ही इस इतिहास को रचने की जिम्मेदारी मिली है । पवन जल्लाद इस निमित्त दो बार मथुरा जेल के महिला फांसीघर का निरीक्षण कर चुके है ।
क्या थी घटना,किसको लगेगी फांसी
बता दे कि अप्रैल 2008 में अमरोहा की रहने वाली शबनम ने प्रेम में रोड़ा बन रहे अपने सात परिजनों की, प्रेमी के साथ मिलकर बेरहमी के साथ कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी ।
इस मामले में निचली अदालत ने दोनों को फांसी की सजा दी । जिसको हाई कोर्ट ने भी जायज ठहराया । इसके बाद शबनम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की , जहां सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी थी । इसके बाद महामहिम राष्ट्रपति के यहां दया याचिका प्रस्तुत की गई, जिसको राष्ट्रपति ने भी खारिज कर दी है । लिहाजा आजादी के बाद शबनम पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी पर लटकाया जाएगा ।
आज तक किसी महिला को नहीं हुई फांसी
सूच्य हो कि मथुरा जेल में 150 साल पहले महिला फांसीघर बनाया गया था. लेकिन आजादी के बाद से अब तक किसी भी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई. वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया है कि अभी फांसी की तारीख तय नहीं है, लेकिन हमने तयारी शुरू कर दी है. डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी.
बिहार से मंगवाई जाएगी रस्सी
जेल अधीक्षक के मुताबिक पवन जल्लाद दो बार फांसीघर का निरीक्षण कर चुका है. उसे तख्ता-लीवर में कमी दिखी, जिसे ठीक करवाया जा रहा है. बिहार के बक्सर से फांसी के लिए रस्सी मंगवाई जा रही है. अगर अंतिम समय में कोई अड़चन नहीं आई तो शबनम पहली महिला होंगी जिसे आजादी के बाद फांसी की सजा होगी ।