बलिया के थानों व तहसीलों में भ्रष्टाचार चरम पर ,गैंगरेप को रेप में बदलने में माहिर है यहां की पुलिस,भाजपा कार्यकर्ताओं को भी लग रहा है डर : रामइकबाल
दिग्विजय सिंह
नगरा बलिया ।। भाजपा के फायरब्रांड नेता व पूर्व विधायक रामइकबाल सिंह ने प्रेसवार्ता में कहा कि बलिया में भ्रष्टाचार चरम पर है । सबसे ज्यादे भ्रष्टाचार थानों और तहसीलों में फैला है, जिसके चलते आमजन कराह रहा है,लेकिन जिले के आलाधिकारी इस पर अंकुश लगाने में नाकाम दिख रहे है । थानों में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि गैंगरेप पीड़िताओं को थानों से लेकर जिला के आलाधिकारियों के सामने चक्कर लगाने के बाद भी जहां न्याय नही मिल रहा है तो वही बलात्कारी पुलिस के सहयोग से खुलेआम घूमकर पीड़िताओ को धमका भी रहे है । कहा कि बलिया में पुलिस के अधिकारी योगी सरकार की छवि को जानबूझ कर खराब कर रहे है ।
श्री सिंह ने कहा कि सूबे में बड़े माफियाओं के अपराध पर अंकुश लगा है लेकिन तहसील और थाने स्तर पर भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ा है कि जनता कराह उठी है ,यहां तक कि सत्ता से जुड़े कार्यकर्ता थाने आदि पर जाने से डरने लगे हैं । मुझे लग रहा है कि सच्चाई ऊपर पूज्य योगी जी तक पहुंच नहीं पा रही है। कोई मारा हो या मार खाया हो, किसी की जमीन कब्जा किया गया हो या कोई कब्जा कर रहा हो ,सारे मामलों में रिश्वत देना पड़ रहा है। बाइक पकड़े जाने पर या कार का कागज घर छूट जाने पर 20 -20 हजार रूपए तक फाइन देना पड़ रहा है। वही बलिया में बलात्कार की घटनाओं को भी तोड मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की जा रही है जबकि ऐसी घटनाओं पर केंद्र और सूबे की सरकार कड़ा से कड़ा रुख अख्तियार कर रही है।
उक्त बातें भाजपा के फायर ब्रांड नेता और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह रविवार को नगरा में पत्रकारों से बात चीत में कही। पूर्व विधायक ने कहा कि बलात्कार जैसी घटनाओं को रोकने के लिए ऐसा कानून बना हुआ है जिसपर फांसी की सजा तक हो सकती है,फिर भी बलिया में ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नही ले रही है। पूर्व विधायक ने रेप की दो घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि 28 नवम्बर 2019 को रसड़ा क्षेत्र की एक महिला के साथ रेप की घटना हुई। उसका थाने में एफआईआर नहीं हो रहा था। उसे थाने में बैठाकर गाली दी जा रही थी। जानकारी होने पर डीआईजी और एसपी को फोन किया तो रात को 12 बजे उसकी प्राथमिकी दर्ज हुई। चार दिन बाद मेडिकल हुआ तथा सीजीएम कोर्ट में 164 के तहत बयान हुआ लेकिन कितनी शर्म की बात है कि महिला का इज्जत लूटने वाले खुलेआम घूम रहा है। कहे कि डीजीपी को फोन कर सारी बात बताई तो उन्होंने महिला को बुलाकर जानकारी हासिल की और एसपी बलिया को फोन कर कार्यवाही करने की बात कही। पीड़िता को लेकर जब एसपी से मिला तो कहे कि जांच बदल कर क्राइम ब्रांच को सौंप दी गयी है । इस पर मैने कहा कि जब दुष्कर्म की धारा लग चुकी है तो जांच की क्या जरूरत है, गिरफ्तारी होनी चाहिए। कहे कि आजकल करते करते एसपी का ट्रांसफर हो गया। वर्तमान एसपी से भी मिलकर हम लोगो ने अपनी बात कहीं है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
दूसरी घटना मेरे क्षेत्र के गड़वार थाने के एक गांव की है। एक लड़की के साथ गैंग रेप हुआ और पुलिस एक को रेप तथा दो को मारपीट का आरोपी बना दिया। कहे कि मै समझ नहीं पा रहा हूं कि पुलिस आखिर क्यो हमारी सरकार के माथे पर कलंक का टीका बनती जा रही है। पुलिस के रवैए से जनता में आक्रोश और निराशा है।