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स्टाम्प विक्रेता की साजिश ,गरीबो की जमीन को धोखे से करा ली रजिस्ट्री ,पहले भी कर चुका है अन्य के साथ धोखाधड़ी

 



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। यूपी की योगी सरकार भू माफियाओ के खिलाफ चाहे अन्य जनपदों में कितनी भी कड़ी कार्यवाही कर रही हो लेकिन बलिया में तहसीलों में फैले भ्रष्टाचार पर अभी तक अंकुश नही लगा पा रही है । ताजा मामला बांसडीह तहसील का है , जहां एक बेवा व उसके दो बेटों की, मिट्टी खुदाई के नाम पर गुमराह करके बांसडीह रजिस्ट्री ऑफिस में लगभग 2 बीघा जमीन रजिस्ट्री करा ली गयी है । यह काम किसी और ने नही बल्कि एक स्टाम्प फरोश ने किया है । हैरत की बात यह है कि इसने ऐसी घटनाओ को कई लोगो के साथ किया है,जिसके चलते इसके खिलाफ एफआईआर भी हुआ है, फिर भी यह स्टाम्प बिक्री का काम करता है । पीड़िता 22 फरवरी को जिलाधिकारी बलिया के यहां एक आवेदन देकर इस फर्जीवाड़े के कारण जो जमीन रजिस्ट्री हुई है, उसको पुनः पीड़िता व इसके पुत्रो के नाम करने की गुहार लगायी है । साथ ही बांसडीह के रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी गंभीर आरोप लगाया है ।

पीड़िता ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि प्रार्थीगण गरीब मजदूर व्यक्ति है तथा मजदूरी करके अपना जीवन-यापन करते हैं । मौजा-चाँदपुर, परगना-खरीद, तहसील-बांसडीह, जनपद-बलिया की स्थित भूमि संख्या-36ई/123, रकबा- 0.266हे0 व 36ई/ 306 रकबा-०.276हे० का संक्रमणीय भूमिधर है और बतौर भूमिधर मौके पर काबिज व दाखिल है । दिनांक 1202.2021 को सुशील कुमार चौहान पुत्र सुरेन्द्र चौहान, निवासी- पलटू पुर व मोनू सिंह पुत्र योगेन्द्र सिंह निवासी- चितबिसाव खुर्द, पोस्ट-चाँदपुर मेरे यहाँ गये और मिट्टी कटवाने की बात कहकर एग्रीमेन्ट हेतु आधार कार्ड व खतौनी घर से ले गये और तहसील - बांसडीह लाकर देश दीपक श्रीवास्तव स्टाम्पविक्रेता व लेखक-रमेश पाण्डेय ने हम प्रार्थीगण के पूरे जमीन का वैनामा करवा लिए जबकि हमसे केवल मिट्टी कटवाने की बात हुई थी तथा इसके एवज में 60 हजार रूपये खाते में भेजे भी गये है और एगीमेन्ट के जगह बैनामा करा लिये है । इस कार्य में बांसडीह तहसील का सब रजिस्टर भी मिले हुए है। सभी लोग मिलकर कुमारी रागिनी पुत्र हरेन्द्र चौहान के पक्ष में बैनामा करा लिये हैं। इसके एवज में कोई भी धनराशि प्राप्त नहीं हुई है।रजिस्ट्री में सभी सम्मिलित दलालों व कर्मचारियों व गवाहों के प्रति आवश्यक कार्यवाई किया जाना अति आवश्यक है।

उक्त देश दीपक श्रीवास्तव, स्टाम्प विक्रेता व लेखक-रमेश पाण्डेय क रजिस्टार व कर्मचारियों के मिलीभगत से विगत दो-तीन माह के अन्दर कई ऐसे फर्जी मामले किये जा चुके है एवं किये जा रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में बांसडीह-तहसील के ही स्टाम्प वेन्डर कुछ दिन पहले ही जमानत पर रिहा होकर बाहर आये है। इन सारी बातों से यह स्पष्ट होता है कि बांसडीह रजिस्ट्री आफिस में रजिस्ट्री सम्बन्धित दस्तावेजों का अवलोकन अच्छी तरह से न करते हुए गरीबों व अशिक्षित लोगों को बहला-फुसला कर उनके जमीन की रजिस्ट्री करा लिया जा रहा हैं।

अब देखना है कि इस फर्जीवाड़े के आरोपी देश दीपक श्रीवास्तव स्टाम्पविक्रेता व लेखक-रमेश पाण्डेय व रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मचारियों के प्रति जाँच कर के कठोर कार्यवाई कब होती है ।