दुख के बाद सुख आने का संदेश देती है वसंत पंचमी : बबन विद्यार्थी
रमेश चंद गुप्ता
दुबहड़ बलिया ।। बसंत पंचमी बदलते मौसम का एहसास ही नहीं बल्कि हमारे जीवन में नवस्फूर्ति, उमंग, स्नेह एवं आनंद का अनुभव भी कराती है। साथ ही संदेश भी देती है कि दु:ख के बाद सुख का आगमन भी होता है। उक्त बातें गीतकार बब्बन विद्यार्थी ने रविवार को अखार स्थित मीडिया सेंटर पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि बसंत ऋतु की खास विशेषता खुशबू बिखेर रहे पुष्पों पर मंड़राते भौंरों का समूह और कोयल की कूक है। सरसों के पीले फूल और धरा की हरियाली जहां प्रकृति के स्वर्गमई होने का आभास कराते है। वहीं महुए एवं आम्रमंजरी की मादक गंध से प्रकृति बौराई हुई सी प्रतीत होती है कहा कि हमारे देश में बसंत पंचमी का बड़ा ही महत्व है। इस दिन सरस्वती पूजन के साथ ही रंगोत्सव की शुरुआत होती है। गांव-गांव में लोग झाल, डफ और मजीरा लेकर ढोलक की थाप पर फाग का ताल ठोकते हैं। हमें अपनी इस परंपरा को हर हाल में सहेज कर रखना होगा। विद्यार्थी ने पत्रकारों के आग्रह पर अपनी गीत " सरिसों के पियरी संवरिया के शोभे-----एवं " आईल बसंत बहार बोलो सारा रा रा ------ सुनाकर उपस्थित लोगों को भाव विभोर कर दिया। इस मौके पर विश्वनाथ पांडेय, अवधबिहारी चौबे, उमाशंकर पाठक, डॉ सुरेशचंद्र प्रसाद, पन्नालाल गुप्ता, श्रीभगवान साहनी आदि मौजूद रहे।