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धान क्रय केंद्र पर खरीद न होने से आक्रोशित किसानों ने जलाया अपना धान,कई कुंतल धान स्वाहा





संतोष शर्मा

सिकंदरपुर बलिया ।। एक तरफ दिल्ली की सीमा पर दो माह से अधिक समय से किसान तीन कृषि कानूनों के खात्मे के लिये धरना दिये हुए है तो वही बलिया के सिकंदरपुर में धान क्रय केंद्र पर तालाबंदी से आक्रोशित किसान अपने कई कुंतल धान को आग के हवाले किये है । सवाल यहां यह है कि अगर सरकार की नीयत सही है तो फिर किसानों की इतनी दुर्गति क्यो है, यह कोई बताने वाला नही है क्योंकि सिस्टम की धमनियों में भ्रष्टाचार रच बस जो गया है ।अगर ऐसा नही होता तो किसानों को भ्रष्टाचार मुर्दाबाद,केंद्र प्रभारी मुर्दाबाद कहकर धान की आहुतियां न देनी पड़ती।

सरकार कह रही है कि जो भी किसान क्रय केंद्र पर धान लेकर जायेगा, उसका धान क्रय कर लिया जायेगा लेकिन भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि कई रोज दौड़ने के बाद भी जब किसान का धान नही लिया गया तो मजबूरन सबने अपने कई कुंतल धान को आग के हवाले कर दिया ।








वही सिकंदरपुर क्रय केन्द्र के प्रभारी  प्रेमलता मिश्रा पर धान न खरीदने का आरोप किसानों ने लगाते हुए कहा कि महीने के 30 दिन धान क्रय केन्द्र पर ताला लटका रहता है  और ये सेटिंग के द्वारा सीधे मिल से खरीदारी करती है। यही नही किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि उच्च अधिकारीयों की मिली भगत के कारण हो यहां चल रहे भ्रष्टाचार के खेल पर कोई भी कार्यवाही नही होती है ।

मामले पर जानकारी हेतु फोन करने पर क्रयकेन्द्र प्रभारी ने पत्रकारों का फोन भी उठाना जरूरी नही समझा। एक तरफ सरकार किसानों के हित के लिए तमाम योजनाएं लायी है और उन योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है लेकिन भ्रष्ट अधिकारी सरकार की मंशा पर  पानी फेर रहे हैं और सरकार को बदनाम कर रहे हैं । अब देखना यह है कि किसानों की हित में सरकार भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों को  सजा देती है ? क्या किसानों का धान खरीदेगी सरकार, बड़ा सवाल है ।


बाईट-1- हेमन्त कुमार राय (स्थानीय किसान)



बाईट-2- शिवानन्द (स्थानीय किसान)



बाईट-3- राणा सिंह (किसान)