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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 1 मई के धरना प्रदर्शन को किया स्थगित,50 वर्षों में सबसे गैर-संवेदनशील सरकार : एस.पी. तिवारी



लखनऊ ।। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उ०प्र० ने तीन वर्षों से लम्बित चली रही मांगो की पूर्ति के लिए आगामी 01 मई 2021 को प्रदेश के जनपद मुख्यालय पर हो वाले एक दिवसीय धरना" एवं देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन" भेजने का कार्यक्रम आगामी सूचना तक स्थगित कर दिया है। पंचायत चुनावों में कर्मचारियों - शिक्षकों की लगातार मांग करने के बावजूद सरकार के द्वारा स्थगित न करने से अनेक अधिकारियों / कर्मचारियों को जान गंवानी पड़ी है। अध्यक्ष एस०पी० तिवारी ने कहा है कि " 50 वर्षों में यह सबसे गैर-संवेदनशील सरकार है। "

रविवार 25 अप्रैल को "वर्चुवल मीटिंग में प्रान्तीय पदाधिकारियों द्वारा लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए महामंत्री आर०के० निगम ने बताया कि कोरोना संक्रमण से जान बचाने वाले कार्मिकों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए बैठक में दिवंगत अधिकारियों व कर्मचारियों को 50 लाख के बीमा कवर की धनराशि तत्कान देने तथा संक्रमित कर्मियों के इलाज के लिए अस्पतालों में "बैड्स आरक्षित करने व समुचित इलाज के साथ 28 दिन का अवकाश दिये जाने की "राजाज्ञा" का पालन कराया जाये ।



वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंद कुमार वर्मा ने प्रदेश में आक्सीजन-इंजेक्शन की कमी के साथ कोरोना संक्रमण की सामान्य दवाईयों आईवर मैक्टीन, डाईसीलाक्साइक्लीन, जिंक, विटामिन सी, एजीथ्रोमाईसिन आदि का सरकारी अस्पतालों में न मिलना गंभीर लापरवाही है, जिसकी जिम्मेदारी उ०प्र० मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लि० की थी, के क्रिया कलापो की "उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। मीटिंग में सरकारी रवैये के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए पदाधिकारियों ने कहा कि कोरोना- संक्रमण से प्रदेश की स्थिति सामान्य होने पर एक विशाल आन्दोलन किया जायेगा।

एस०पी० तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न "वरचुल मीटिंग" का संचालन महामंत्री आर०के० निगम ने किया। बैठक में प्रमुख रूप से नागेन्द्र भूषण पांडेय, रामायण राय, आर0के0 वर्मा, जुबैर अहमद, के. के. मिश्रा, त्रिवेंद्र बहादुर, कमलेश पांडे, विनोद कुमार यादव, पकंज बाजपेयी, वीरेन्द्र सिंह आदि पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।