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92 से कम आक्सीजन लेवल होने पर हो जाएं सावधान - सीएमओ





बलिया ।। होम आइसोलेशन में घबराने की जरूरत नहीं। थोड़ी सतर्कता जरूर बरतें। कम से कम दिन में चार से पांच बार अपना आक्सीजन स्तर जरूर नापें। इसी कड़ी में दिल की धड़कन को भी माप लेना चाहिए। इसके लिए जिस उपकरण का इस्तेमाल करते हैं उसे पल्स आक्सीमीटर कहते हैं। अगर ऑक्सीजन रीडिंग 92 या उससे कम दिखे तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० राजेंद्र प्रसाद का। 

उन्होंने बताया कि ऑक्सीमीटर से आक्सीजन लेवल चेक करने से पहले यह देखना जरूरी है खासकर महिलाओं की अंगुली पर नेल पॉलिश तो नहीं है। नाखून साफ होने चाहिए। इस उपकरण में सेंसर लगे होते हैं, इसलिए अगर अंगुली पर कुछ लगा होगा तो रीडिंग गलत हो सकती है। यदि हाथ ठंडे हों तो दोनों हाथों को रगड़कर हाथ थोड़ा सा गर्म कर ले। ऑक्सीजन नापने से पहले कम से कम पांच मिनट आराम करना चाहिए। दिल की तरफ छाती पर अपना हाथ रखें। फिर आक्सीमीटर चालू करें और ऑक्सीमीटर में मध्यम या तर्जनी अंगुली रखें। हाथ व अंगुलियों की स्थिति सीधी रखनी है उसे मोड़ें नहीं आराम से सीधे बैठकर नापें। यह भी जरूर है कि आक्सीमीटर को उसी हाथ में लगाएं जिस हाथ से आप अपने ज्यादातर काम करते हैं और उसी अंगुली में लगाएं जिसमें आपने पिछली दफा लगाया था। यह देखने में आता है कि शुरू में उतार चढ़ाव हो सकता है, इसलिए ऑक्सीजन लेवल स्थिर होने की प्रतीक्षा करें।

जब तक रीडिंग स्थिर न हो तब तक ऑक्सीमीटर को कम से कम एक मिनट या उससे अधिक समय तक आन रखें हाथ को स्थिर रखें। दिन में चार बार एक ही अंतराल पर ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें। हर चार-चार घंटे में प्रत्येक रिकॉर्डिंग को नोट करें। जब यह स्थिर हो जाए तो ही रिकॉर्डिंग चेक करें। हालांकि स्थिर होने के बावजूद दिल की धड़कन एक दो अंक फिर भी आगे पीछे हो जाती है तो ऐसे में अधिकतम है, उसे नोट कर लें।