आखिर सीएमओ साहब को सवाल पूंछने पर गुस्सा क्यो आया ?
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। जनपद में एक सीएचसी/पीएचसी से दूसरी सीएचसी/पीएचसी के चिकित्सक कोरोना से संक्रमित होते जा रहे है । मार्च माह के वेतन के लिये कर्मचारी पत्रक देकर अब आंदोलन करने का अल्टीमेटम दे चुके है । सीएमओ कार्यालय में बाबुओ के कक्षो में ताले लटके मिल रहे है ।इन सब बातों से हमारे लोकप्रिय सीएमओ डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी को गुस्सा नही आता है । किसकी गलती से चिकित्सक पॉजिटिव होते जा रहे है,इस पर गुस्सा नही आता है,किसकी गलती से कोरोना काल मे भी कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े है,इस पर गुस्सा नही आता है ,पूरा सीएमओ कार्यालय लगभग खाली रह रहा है,इस बात पर साहब को गुस्सा नही आता है । लेकिन साहब से जब सेम्पलिंग लेते समय क्या सेफ्टी के लिये पीपीई किट पहनी चाहिये कि नही,के जबाब में खुद ही कहते है कि ऐसा जरूरी नही है और गुस्सा जाते है ।
साहब इस सवाल से इतने तिलमिला जाते है कि पत्रकार द्वारा खबर चलाने के बाद जिलाधिकारी द्वारा इस संबंध में सूचना अधिकारी के माध्यम से जब स्पष्टीकरण मांगा जाता है तो पत्रकार को तथाकथित व गलत सूचना फैलाने वाला तक लिख देते है । साहब इतने गुस्से में होते है कि दोपहर बाद के समय को दिन का 11 बजे बता देते है ।यही नही सेम्पलिंग सेंटर के सम्बंध में सवाल पूंछा जाता है और स्पष्टीकरण में लिखते है कि आईडीएसपी के सम्बंध में मैने जबाब दिया था । हमारे सीएमओ साहब भूल गये है कि 21 वी सदी में है और इसमें जो बयान लिया जाता है,उसका समय और तारीख भी अंकित हो जाता है,यही नही अगर प्रशासन चाहे तो उस वक्त का लोकेशन भी निकाल सकता है । फिर सीएमओ साहब का स्पष्टीकरण में झूठ लिखने और पत्रकारों को बदनाम करने की कोशिश निश्चित ही कुछ छुपाने की योजना का हिस्सा हो सकता है ।
सीएमओ साहब ने जिस समय व तारीख को बयान दिया था,उसका स्क्रीनशॉट नीचे देखिये और अंदाजा लगाइये कि साहब को गुस्सा क्यो आया है ----
और अब साहब का बयान भी सुन लीजिये और सेम्पलिंग कैसे ली जा रही है, वह भी देख लीजिये --
यह सीएमओ साहब का स्पष्टीकरण है,इसको भी ध्यान से पढ़ लीजिये --