देशहित जनहित में पत्रकारिता का निष्पक्ष निर्भीक अस्तित्व होना जरूरी : मुनेश्वर मिश्र
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने वर्चुअल रूप से मनायी हिंदी पत्रकारिता दिवस
सक्रिय तहसील एवं ब्लॉक पदाधिकारियों को ऑनलाइन सम्मानित किया गया
प्रयागराज ।। भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ प्रयाग राज ने विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी हिंदी पत्रकारिता दिवस एक विमर्श के रूप में कोविड-19 के अनुपालन के साथ वर्चुअल परिचर्चा करके महासंघ कार्यालय सिविल लाइंस प्रयागराज से संचालित कर मनाया गया जिसकी अध्यक्षता श्री मुनेश्वर मिश्र व संयोजन डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय ने व संचालन श्याम सुंदर सिंह पटेल ने किया
इस अवसर पर कई पत्रकार ,साहित्यकार, लेखक आदि वर्चुअल परिचर्चा में शामिल हुए । कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना के साथ हुआ । तत्पश्चात सभी का स्वागत कर विषय प्रवर्तन करते हुए श्याम सुंदर सिंह पटेल राष्ट्रीय महासचिव ने बताया कि पत्रकारिता का यह पुनीत एवं महत्वपूर्ण कार्य जो ईश्वरी सत्ता के समय से आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जी के समय से चला आ रहा है, कालांतर में इसकी समृद्धि हुई और भूमंडल में जन जन के बीच विचारों के आदान-प्रदान के रूप में स्थापित हुई । भारत भूमि पर चलते-चलते ब्रिटिश हुकूमत को आईना दिखाने एवं निज भाषा हिंदी के माध्यम से राष्ट्रीय एकता अखंडता की लौ जगाने का कार्य 30 मई 1826 को उदंत मार्तंड नामक समाचार पत्र के कोलकाता से प्रकाशन के रूप में शंखनाद हुआ जो लगातार पत्रिकाओं समाचार पत्रों के रूप में विकसित होती गई । जो एक मिशन के रूप में आई तभी से भारतवर्ष में 30 मई हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा तथा भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ जो पूरे देश में लगभग 10 प्रदेशों व उत्तर प्रदेश में लगभग 40 जनपदों में इसकी शाखाएं चल रही हैं ,जहां पर यह कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं । आज की वर्तमान परिस्थितियों में पत्रकारिता के बदलते स्वरूप व उनकी दशा दिशा तथा जीविकोपार्जन की समस्या से जुड़े विषयों के साथ हिंदी पत्रकारिता दिवस एक विमर्श के रूप में मनाया जा रहा है ।
इस अवसर पर कई पत्रकारों ने अपने अपने विचार रखें प्रमुख रूप से अध्यक्षता कर रहे श्री मुनेश्वर मिश्र जी ने कहा कि पत्रकारिता मिशन के साथ-साथ शासन प्रणाली का चौथा स्तंभ के रूप में कहा जाने वाला व माना जाता है जिससे पत्रकारों व मीडिया से जुड़े लोगों की जिम्मेदारियां बढ़ जाती है । इधर सोशल मीडिया के आने से सूचनाओं के आदान-प्रदान का तौर तरीको में बड़ा बदलाव आया है ।कई तकनीक विकसित हुई जिससे पत्रकार की सुरक्षा ,संरक्षा, स्वतंत्रता व जीवकोपार्जन की व्यवस्था पर संकट मंडराने लगा है ।कई समस्याएं खड़ी हो जाती है सच को सच कायम रखना कलम और कलम की स्वतंत्रता बनाए रखना एक चुनौती हो गई है ,जिसका समाधान शासन, प्रशासन व प्रेस मालिकानो को निकालना होगा व पत्रकारों के सुखद जीवन व प्रसन्नता पूर्वक व समर्पण से कार्य करने का वातावरण बनाना होगा । क्योंकि पत्रकारिता का कार्य देश व समाज में सजग प्रहरी की तरह है । इन खबरों का संज्ञान न्यायालय, शासन, प्रशासन भी लेता है । समाज में फैल रही विभाजनकारी गतिविधियों व नकारात्मक कार्यों को रोकने व संतुलन बनाए रखने का कार्य समाचार पत्रों के माध्यम से होता है जो देशहित ,जनहित में जरूरी होता है । इसलिए पत्रकारिता को निर्भीक ,निष्पक्ष बनाए रखना जरूरी है जिसका सभी ने समर्थन किया ।
इस अवसर पर डॉक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय संयोजक भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने कहा कि जिस प्रकार से हिंदी पत्रकारिता का उद्भव होकर आज पूरे देश में हिंदी समृद्ध हुई है उसके विकास के लिए हम सब को एकजुट व संगठित होकर सभी पत्रकार बंधु पत्रकारिता के कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प ले । जिससे सबका कल्याण होगा, समाज व देश का विकास होगा ,आप सब बधाई के पात्र हैं जिन्होंने महासंघ के परंपरा को समय समय पर याद कर आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं । आज इस अवसर पर मैं सभी को अपने हृदय की गहराइयों से हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं कि पत्रकार बंधुओं का जीवन व भविष्य खुशहाल और उज्जवल हो ।
इस अवसर पर विभिन्न तहसील एवं ब्लाक इकाइयों के सक्रिय पत्रकारों को ऑनलाइन सम्मानित भी किया गया ।विचार रखने वाले प्रमुख लोगों में सर्व श्री मुनेश्वर मिश्र , डॉक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय ,श्याम सुंदर सिंह पटेल ,जगदंबा प्रसाद शुक्ला ,विद्या कांत मिश्रा ,प्रदीप कुमार गुप्ता, विजय चितौरी ,शिवा शंकर पांडे, सत्य प्रकाश गुप्ता ,अजय कुमार पांडे मथुरा प्रसाद धुरिया ,शशि भट्टाचार्य, रत्नेश द्विवेदी ,जयप्रकाश श्रीवास्तव, सिद्धनाथ द्विवेदी आदि वर्चुअल परिचर्चा में शामिल रहे अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापन श्याम सुंदर सिंह पटेल ने किया ।