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दिल्ली उच्च न्यायालय में केन्द्र सरकर का बयान: ऑक्सीजन कंसट्रेक्टर का रेट फिक्सड करने पर हो सकती है मिलने में परेशानी



नईदिल्ली ।।  दिल्ली हाई कोर्ट में ऑक्सीजन कंसट्रेटर के दाम फिक्स करने को लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत ही नही पूरे विश्व मे मौजूदा समय मे ऑक्सीजन कंसट्रेटर की बेहद कमी है और यदि सरकार इस समय ऑक्सीजन कंसट्रेटर के रेट फिक्स कर देती है तो संभव है कि भारत को ऑक्सीजन कंसट्रेटर पर्याप्त मात्रा में न मिल पाए।


गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट उस दायर याचिका की सुनवाई कर रहा है जिसमे ऑक्सीजन कंसट्रेटर और ऑक्सीमीटर के रेट फिक्स करने को लेकर याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में कहा गया है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत ऑक्सीजन कंसट्रेटर और ऑक्सीमीटर को रखा जाए क्योंकि कोरोना के इस समय मे इनके रेट फिक्स न होने के कारण इनकी लगातार कालाबाजारी हो रही है। 


केंद्र सरकार ने आज दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 15 मई को एक ऑफिसियल मेमोरेंडम जारी किया है। जिसमे कहा गया कि ऑक्सीजन कंसट्रेटर बेचने वाली कंपनियों को अपना रेट एनपीपीए को 22 मई तक भेजना होगा। और एक साल बाद इसके रेट में 10 फीसदी से ऊपर की बढ़ोतरी नही की जा सकती है। यदि कोई एमआरपी के ऊपर बेचेगा तो उस कार्यवाई की जाएगी। 


लेकिन कोर्ट का कहना है कि ये सिस्टम पूरी तरह फुलप्रूफ नही है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि जो सामान चीन से आ रहा वो पिछले साल के मुकाबले 10 फीसदी ही बढ़ा है। ये सरकार कैसे निगरानी रखेगी। खास तौर से अगर कोई व्यक्तिगत रूप से रेट बढ़ाने की शिकायत ही न करे।