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वेतन कटौती से मृतक आश्रितों को मुआवजा राशि देने के पक्ष में नहीं है प्राoशिoसंघ पंजीकृत

 



बलिया ।। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (पंजीकृत) बलिया के जिलाध्यक्ष निर्भय नारायण सिंह ने बताया कि चुनाव आयोग के हठधर्मिता के कारण त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जनपद बलिया से 40 व पूरे प्रदेश से लगभग 1700 शिक्षकों ने अपनी जान गंवाई है। सेवा के प्रति निष्ठा और राष्ट्र के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करने में संक्रमित हो कालकवलित शिक्षकों के आश्रितों का भविष्य आर्थिक संकट में पड़ चुका है। कोरोना प्रोटोकॉल और गाइड लाइन के तहत इन्हें वॉरियर्स का दर्जा तथा जोखिम भरा कार्य करने से हुई मृतक आश्रितों को मुआवजा राशि और शिक्षक सेवा नियमावली के तहत नौकरी की मांग संगठन करता आ रहा है। संगठन के दबाव में चुनाव आयोग व सरकार ने हमारी मांगे मानी हैं और इसके लिए अग्रेत्तर कार्वाही शुरू कर चुकी है। लेकिन इसी बीच कुछ संगठनों ने शिक्षकों से एक दिन का वेतन कटाने संबन्धी भावनात्मक दबाव बनाकर आश्रितों को मुआवजा देना चाहते हैं। जिसकी रकम करीब 100 करोड़ या 1अरब के आसपास होगा जिसके लिए बकायदा पत्र प्रेषित किया गया है तथा सोशल मीडिया के माध्यम से भी शिक्षक को बाध्य किया जा रहा है।

     अब सवाल यह है कि देश, विदेश या प्रदेश में कभी भी कोई वृहद् दैवीय त्रासदी आई है, शिक्षकों ने अपना वेतन मानव कल्याण में दान किया है। ज्ञातव्य है कि पिछले वर्ष कोरोना काल के दौरान शिक्षकों ने अपने एक दिन के वेतन के रूप में 76 करोड़ स्वेच्छापूर्वक सरकार के कोष में दिए हैं।  इसके बावजूद सरकार ने स्वयं संक्रमण की गंभीरता और आर्थिक संकट को देखते हुए पिछले वर्ष से महंगाई का करीब 400 करोड़ की रकम को फ्रीज कर चुकी है। अब इसके बावजूद संगठन  का  'आपदा में अवसर' तलाशने के मंसूबे वाली रणनीति गले से नहीं उतर रही।

   इस संदर्भ में शनिवार को संगठन के जिला ईकाई ने बेविनार के माध्यम से एक बैठक की थी। बैठक में जनपद बलिया के पदाधिकारियों के साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी भी सम्मिलित रही तथा जनपद व प्रदेश के अनेकों शिक्षकों ने अपने सुझाव साझा किए। सभी ने एक स्वर से इस फैसले के विरोध में अपना मत जाहिर किया तथा अपने पारिश्रमिक को बिना उनकी सहमति के कटौती को तैयार नहीं हुए। अंत में प्राथमिक शिक्षक संघ पंजीकृत जनपद इकाई बलिया ने यह निर्णय लिया है कि मुआवजा देना सरकार का कार्य है और इसमें व्यक्तिगत योगदान की कोई भूमिका नहीं होती है अतः वेतन कटौती बंद  होनी चाहिए। यदि सरकार मुआवजा राशि देने से पीछे हटती है तो रणनीति के तहत इस पर विरोध के तरीके अपनाकर सरकार को बाध्य किए जाएंगे। आगे शिक्षक यदि स्वयं सहायता के लिए भी विचार रखते हैं तो संगठनों के समग्र सहमति से ही इस पर विचार होगा तथा सहमति पत्र भरवाकर कटौती की प्रक्रिया अपनाई जाए।










     बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष रामप्रकाश साहू,  प्रांतीय उपाध्यक्ष गणेश जी सिंह, जिला संरक्षक हरेराम राय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश कुमार, उपाध्यक्ष क्रमशः अरविंद कुमार सिंह, अजय त्रिपाठी, सुधीर कुमार ओझा, ब्रजेश कुमार सिंह, सुनिल कुमार सिंह, जिला मंत्री बृजेश कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष संजय कुमार सिंह, धर्मेंद्र कुमार ओझा, संगठन मंत्री ज्योतिरंजन कुमार, चौधरी मनीष कुमार,  पंकज कुमार सिंह, खुर्शीद आलम, दीपक कुमार सिंह, गणेश सिंह,  विनोद कुमार दुबे, ओमप्रकाश सिंह, सौरभ कुमार सिंह, भीम प्रताप वर्मा सहित अनेकों पदाधिकारी व शिक्षक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अरविंद कुमार सिंह व उपस्थित अतिधियों का आभार जिलाध्यक्ष निर्भय नारायण सिंह ने किया।