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SC ने केंद्र से पूछा सवाल, कहा- वैक्सीन के दाम अलग क्यू? 100% खरीदी क्यू नही? ऑक्सीजन पर क्या है प्लान ?




मधुसूदन सिंह

बलिया ।। सर्वोच्च न्यायालय ने आज बलिया एक्सप्रेस की खबर "एक देश,दो टीका, दर छह " पर मुहर लगाते हुए केंद्र सरकार से सवालो की झड़ी लगा दी है । माननीय सर्वोच्च न्यायालय से सवाल किया कि यही वैक्सीन विदेशो में सस्ती व भारत मे महंगी क्यो ? इसके कई रेट क्यो ? केंद्र सरकार ही शत प्रतिशत खरीदारी क्यो नही कर रही है ?ऑक्सीजन की स्थिति और डिस्ट्रीब्यूशन पालिसी क्या है ?

बता दे कि बलिया एक्सप्रेस ने अपने 26 अप्रैल के अंक में विभिन्न देशों में कोविडशील्ड की बेची जाने वाली दर को बताते हुए यह दर्शाया था कि ये कम्पनियां भारत मे सबसे ऊंचे दर पर बेच कर जबरदस्त मुनाफाखोरी की फिराक में लगी हुई है । नीचे बलिया एक्सप्रेस की वह एक्सक्लूसिव खबर देखिये ---



देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि केंद्र और राज्य सरकारें निरक्षरों का वैक्सीन पंजीकरण कैसे कराएंगी जिनके पास इंटरनेट नहीं है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रीय टीकाकरण नीति का पालन किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि वह कोरोना वैक्सीन की 100% खुराक क्यों नहीं खरीद रहा है.


इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कोरोना पर सूचना के प्रसार पर कोई रोक नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना संबंधी सूचना पर रोक अदालत की अवमानना मानी जाएगी और इस सबंध में पुलिस महानिदेशकों को निर्देश जारी किए जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि सूचनाओं का मुक्त प्रवाह होना चाहिए, हमें नागरिकों की आवाज सुननी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के मद्देनजर स्वतः संज्ञान के तहत हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस बारे में कोई पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए कि नागरिकों द्वारा इंटरनेट पर की जा रही शिकायतें गलत हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि यहां तक कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को भी अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल रहे हैं. अदालत ने कहा कि स्थिति खराब है.


पूछा क़ि रेमेडेसिविर जैसी दवाओं को कब उपलब्ध कराया जाएगा. कोर्ट ने यह भी पूछा है कि राज्यों और केंद्र के बीच वैक्‍सीन की अलग-अलग कीमत के पीछे क्या तर्क है और कोरोना को काबू करने के लिए केंद्र किन प्रतिबंधों, लॉकडाउन पर विचार कर रहा है?. SC ने आज कहा कि हमने देश के विभिन्न मामलों के विभिन्न मुद्दों की पहचान की है और हमारी सुनवाई का उद्देश्य राष्ट्रीय हित के मुद्दों की पहचान करना और संवाद की समीक्षा करना है.SC ने यह भी पूछा कि रेमेडेसिविर के आवंटन के पीछे क्या प्रणाली है और बेड पर केंद्र और राज्यों के बीज जिम्मेदारी किस तरह बांटी गई है ?


सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि दिल्ली को 700 MT टन की जरूरत है तो 480 क्यों आवंटित है? दिल्ली में लोगों को जरूरत है तो 200 MT और बढ़ा सकते हैं. दिल्ली के नागरिकों के लिए केंद्र की भी जिम्मेदारी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र की दिल्ली के प्रति विशेष जिम्मेदारी है. दिल्ली के पास संसाधनों की की कमी है. दिल्ली में अलग-अलग राज्यों के लोग हैं. दिल्ली पर भी केंद्र ध्यान दे. SC ने कहा कि एक नेशनल अथॉरिटी के तौर पर केंद्र की  राष्ट्रीय राजधानी के लिए एक जिम्मेदारी बनती  है, और आप नागरिकों के लिए जवाबदेह हैं. SC ने केंद्र से पूछा कि क्या भारत में O2 की उपलब्धता पर्याप्त है, प्रति दिन 8,500 मीट्रिक टन की औसत मांग है. इस पर केंद्र ने कहा कि 10000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दैनिक आधार पर उपलब्ध है.फिलहाल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, लेकिन राज्यों द्वारा अपर्याप्त साधनों के कारण कुछ क्षेत्रों में उपलब्धता कम हो सकती है ।