शिक्षा,स्वास्थ्य का पीपीपी मॉडल नए किस्म के जमीदारों का समूह,जनता का शोषण करने का सिस्टम : डॉ घनश्याम दुबे
डॉ सुनील ओझा
मऊ ।। डॉo श्यामा प्रसाद मुखर्जी , डॉo केशव बलराम हेडगेवार के राजनीतिक उत्तराधिकारी भारत को विश्व गुरु बनाने निकले है। एक हाथ मे गांधी के जीवन दर्शन," लाइन में खड़े अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रख कर कोई योजना बनानी होगी"। मंचो और पंचों के बीच हमेशा बीजेपी गांधी जी के इसी आदर्श वाक्य को बीजेपी रखती है, तो दूसरे हाथ मे पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन , "अन्तत्योदय" की अंतिम व्यक्ति का उदय ही रामराज्य की सफलता होगी । दोनो दर्शन जुमले बाजी के शिकार हो गए , कहा निकले थे अंतिम व्यक्ति का उदय, उत्थान करने हालत ये बना दी कि समाज का पहला व्यक्ति शिक्षक होता है, आज उसी को अपने अधिकारों के लिए लड़ना पर रहा है । वह आज भी उपेक्षा के दंश झेल रहा हैं।
सत्ता बदलती है सिस्टम नही भाजपा, बसपा ,सपा , फिर भाजपा सब एक ही थैली के चट्टे बट्टे है। सभी पार्टियों में नेताओं के काली कमाई का स्रोत सेल्फ फाइनेन्स कालेज है, ये कभी शिक्षा के सिस्टम को सुधरने नही देंगे। किसी भी पार्टी में हिम्मत हो तो अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस मैली ज्ञानगंगा के सफाई की घोषणा करें ।
शिक्षा,स्वास्थ्य का पीपी मॉडल नए किस्म के जमीदारों का समूह है जिसमें निरीह जनता पीस रही । क्योकि कालेज अस्पताल इन्ही नेताओ के है। कोविड 19 के दौरान प्राइवेट अस्पतालों की पोल खुल गयी ,जो कोरोना के नाम पर सरकार और जनता से धनउगाही किये शिक्षा ,स्वास्थ, सुरक्षा वेंटिलेटर पर है।
उपरोक्त आरोप स्ववित्तपोषित शिक्षको के संघ के संगठनमंत्री एस एफ शिक्षक संघ , सहसंयोजक जनपद इकाई मऊ, भारतीय शिक्षण मंडल गोरक्ष प्रान्त एवं डी०सी० एस० के० पी० जी० कालेज , मऊ के स्ववित्तपोषित प्राध्यापक डॉ० घनश्याम दुबे ने बलिया एक्सप्रेस के उपसम्पादक डॉ० सुनील कुमार ओझा की खास बात चीत में लगाया है ।
बलियाएक्सप्रेस-- क्या इस सरकार में कुछ आप लोगो को जीने की आस दिख रही है ?
डॉ०दुबे-- महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन का जीवन के लिए मूल मंत्र कि "भागो नही बदलो" को हथियार बनाकर अहिंसक तरीके से अपने अधिकारों के लिए निरन्तर 11 नवम्बर 1997 से आज तक स्ववित्तपोषित योजनान्तर्गत बनाये नियमों के अनुपालन हेतु , भाजपा के राम राज्य के शासनकाल में अच्छे दिनों की आस में अनुदानित महाविद्यालयों के स्ववित्तपोषित शिक्षकों के बुरे दिनों का जीता जागता प्रमाण यह है कि, कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1952 लागू किए जाने के संबंध में अनुदानित महाविद्यालयों के स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ द्वारा शासन को भेजे गए पत्रों के माध्यम से गुहार लगाई गई कि आप अपने बनाये नियमो का हे प्रभु पालन करवा दो पर परिणाम ढ़ाक के तीन पात ही साबित हुए। लेकिन इस पर कोई कार्यवाही आज तक नहीं की गई।
बलियाएक्सप्रेस- भविष्यनिधि की बात की जाती है संविदा करार पर । लेकिन धरातल पर क्या सच्चाई है।
डॉ०दुबे -- दिनांक 3 /07/ 2019 ,को आयुक्त कर्मचारी भविष्य निधि संगठन क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी ,दिनांक 3-7-19 को ही कुलसचिव वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर, कुलपति , वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर, ( शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा ), उत्तर प्रदेश इलाहाबाद, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, सिगरा वाराणसी, मा० मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन , लखनऊ , मा शिक्षा मंत्री (उच्च शिक्षा) उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ, माननीय महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश राज भवन लखनऊ, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ, पुनः दिनांक 27/08/ 2019 को उपरोक्त सभी अधिकारियों को स्मरण पत्र भेजा गया । जिसमें आयुक्त कर्मचारी भविष्य निधि संगठन क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी, कुलसचिव, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर, कुलपति ,वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी सिगरा वाराणसी, शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश इलाहाबाद, माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ, माननीय शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ, महामहिम राज्यपाल, उत्तर प्रदेश राज भवन लखनऊ, प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ,को स्मरण पत्र भेजा गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। पुनः निराश होकर आनुदानित महाविद्यालय के शिक्षक संघ के शिक्षकों ने उपरोक्त सभी अधिकारियों को दूसरा स्मरण पत्र देकर याद दिलाया। अधिकारियों को पुनः प्रेषित किया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच कितने शिक्षक भगवान को प्यारे हो गए और उनका परिवार का जीवन अंधकार में हो गया। अंत में एक आशा की किरण लेकर उपरोक्त सभी अधिकारियों को 31/08/ 2020 को जन सूचना के रूप में आर ०टी०आई० सभी अधिकारियों को भेजी गई, लेकिन उसके बाद भी इस हठधर्मी और निरंकुश सरकार में कोई कार्रवाई नहीं हुई ।
बलियाएक्सप्रेस-- क्या इस कोरोना काल मे भी कुछ हुआ या ढ़ाक के तीन पात वाली कहावत ही चरितार्थ है ?
डॉ०दुबे --अंततः निराश होकर 17/05/2021को माननीय मुख्य न्यायाधीश ,माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज को इस आशा से पत्र लिखा गया कि शायद उनकी शरण में जाने पर कोई कार्यवाही की जाए लेकिन इस सरकार ने यह प्रमाणित कर दिया कि हम जो चाहेंगे वही करेंगे हमारे लिए कोई कानून, कोई नियम नहीं है यह है इस रामराज्य और अच्छे दिनों की भाजपा सरकार की पहचान और उनके अधिकारियों का कार्य। कहां गया उनका सबका साथ, सबका विकास । एक ही कैम्पस में दोहरी व्यवस्था।
बलियाएक्सप्रेस--आप अपने अच्छे दिनों पे क्या कहेंगे?
डॉoदुबे-- इसी शिक्षको के भरोसे डॉo श्यामा प्रसाद मुखर्जी , डॉo केशव बलराम हेडगेवार के राजनीतिक उत्तराधिकारी भारत को विश्व गुरु बनाने निकले है। एक हाथ मे गांधी के जीवन दर्शन," लाइन में खड़े अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रख कर कोई योजना बनानी होगी"। मंचो और पंचों के बीच हमेशा बीजेपी गांधी जी के इसी आदर्श वाक्य को बीजेपी रखती है, तो दूसरे हाथ मे पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन , "अन्तत्योदय" की अंतिम व्यक्ति का उदय ही रामराज्य की सफलता होगी । दोनो दर्शन जुमले बाजी के शिकार हो गए , कहा निकले थे अंतिम व्यक्ति का उदय, उत्थान करने हालत ये बना दी कि समाज का पहला व्यक्ति शिक्षक होता है, आज उसी को अपने अधिकारों के लिए लड़ना पर रहा है । वह आज भी उपेक्षा के दंश झेल रहा हैं।
बलिया एक्सप्रेस --एडेड कालेज के स्ववित्तपोषित शिक्षको के प्रति उच्च शिक्षा मंत्री जी और पार्टी का क्या आशय है ?
डॉ० दुबे-यूपी सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री शिक्षा के बाजारीकरण के प्रति बचनबद्ध है। बीजेपी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री लक्ष्मीकांत बाजपेयी पीएमओ कार्यालय बनारस में जन समस्याओ की सुनवाई कर रहे थे , उस समय अनुदानित महाविद्यालय के स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ उनसे मिलकर अपनी पीड़ा को दूर करने का सविनय आग्रह किया तो, जनाब बोले कि आप इस ब्यवसाय को क्यो चुना जिसमे आपके परिवार का भरण पोषण नही हो पा रहा है। एक बार आदरणीय ,सन्त शिरोमणि ,माननीय मुख्यमंत्री जी यू०पी० से, संघ का प्रतिनिधि मंडल बनारस प्रवास के दौरान पी डब्लू डी गेस्ट हाऊस में मिला और महाराज जी से अपनी व्यथा की पटकथा कहनी शुरू की ही थी कि लाल पीले हो गए माननीय , वार्ता अधूरी छोड़ कर आराम करने चले गए । इधर मदन मोहन मालवीय के सहोदर प्रबन्धक नटवरलाल बनकर बैठे है , अब उनके आदर्श अडानी-अंबानी है , निकले थे समाज सेवा करने, कर ली खुद की सेवा ।
बलियाएक्सप्रेस--आपका शिक्षक संघ अब क्या कर रहा है ?
डॉ० दुबे-- सब जगह मनुहार करने के बाद जब जब कोई आस न दिखी तब संघ डॉ० नीरज श्रीवास्तव के नेतृत्व में डॉ० सुरेश पांडेय बनाम यूपी सरकार के फैसले के अनुपालन के लिए कंटेम्प्ट में चला गया जिसमें वाद संख्या 2604 में 24 मार्च 2021 को न्यूनतम वेतनमान (रुपये 57700 )लागू न करने के लिए मोनिका गर्ग अपर मुख्य सचिव (उ०शि )को तलब कर लिया । मैडम ने कोविड की व्यस्तता दिखाकर , आपदा में अवसर ढूढ़ लिया। पारा सातवें आसमान पर करके बोलीं की जाओ कोर्ट से ले लो , मरता क्या न करता इस तरह अनुदानित महाविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ की पीड़ा की सरिता भाजपा ,बसपा,सपा के घाटों पर अपने अच्छे दिनों की आस में एकबार फिर भाजपा के घाट पर अपने उद्धार की बाट जो रहा है । यू०पी० में 2022 चुनावी लोकतंत्र के कुम्भ में इस उम्मीद से की राम का बनवास तो 14 साल में समाप्त हो गया, क्योकि वह सतयुग था , अब कलयुग है , तो हमारा बनवास 28 साल का हो गया , अच्छे दिन आएंगे ,अच्छे दिन आएंगे का मंत्र जाप कर नाक बंद कर डुबकी लगाने को आतुर है। अब देखना यह है कि खुद डूब जाता है , या सत्ताधारी बीजेपी डूब जाती है। जो कहने के लिए लोकतांत्रिक सरकार है , लोकतंत्र के दूसरे पायदान , न्यायालय के आदेश को नही मानती है। लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को ठेंगे पर रखे है।
बलिया एक्सप्रेस-- एडेड कालेज के स्ववित्तपोषित शिक्षको की ऐसी दुर्दशा क्यो ?
डॉ ०दुबे -- देखे किसी कार्य की सफलता का मूल मंत्र है कि ""हर योजना का क्रियान्वयन होना चाहिए , हर क्रियान्वयन की योजना बनानी चाहिए "" और स्पष्ट कर दूं - कार्य निष्पादन के लिए जबाबदेही तय होनी चाहिए जो इसमें नही है , शिक्षक जब वेतन मांगता है तब वह , संस्था विरोधी हो जाता है। इसकी शिकायत जब वह कुलपति , कुलसचिव , राज्यपाल, क्षेत्रीय सरकार के सभी पायदान पर करता हैं सबका एक गठजोड़ सभी आपस मे मौसरे भाई हैं, शिकायत ,लालफीताशाही की भेंट चढ़ जाती है। इस बीच उसका वेतन रुक जाता है। जिसके यहाँ वह शिकायत करता हैं वह दूसरे पर टाल कर पल्ला झाड़ लेता है । पीड़ित शिक्षक आर्थिक तंगी के कारण लड़ाई को आगे नही ले जा पाता न्याय असमय दम तोड़ देता है ।
बलिया एक्सप्रेस--- इस अंधेरे का प्रभात कब होगा
डॉ०दुबे -- कुछ कह नही सकता क्योंकि सत्ता बदलती है सिस्टम नही भाजपा, बसपा ,सपा , फिर भाजपा सब एक ही थैली के चट्टे बट्टे है। सभी पार्टियों में नेताओं के काली कमाई का स्रोत सेल्फ फाइनेन्स कालेज है, ये कभी शिक्षा के सिस्टम को सुधरने नही देंगे। किसी भी पार्टी में हिम्मत हो तो अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस मैली ज्ञानगंगा के सफाई की घोषणा करें ।
शिक्षा,स्वास्थ्य का पीपी मॉडल नए किस्म के जमीदारों का समूह है जिसमें निरीह जनता पीस रही । क्योकि कालेज अस्पताल इन्ही नेताओ के है। कोविड 19 के दौरान प्राइवेट अस्पतालों की पोल खुल गयी ,जो कोरोना के नाम पर सरकार और जनता से धनउगाही किये शिक्षा ,स्वास्थ, सुरक्षा वेंटिलेटर पर है। सरकार जाति और धर्म पर बन रही है। ( बीच मे रोक कर आप कांग्रेस को क्लीन चिट दे रहे है)
नही ऐसे नही सब एक जैसे है। वह तो यूपी की राजनीति से 1990 से गायब यह स्कीम 11,11,1997 में बीजेपी ने शूरू की सेल्फ फाइनेन्स स्कीम शिक्षा में।
बलिया एक्सप्रेस-- सरकार तो कह रही है कि सब चन्गासी अर्थात सब अच्छा चल रहा है।
डॉ० दुबे - उनकी फाइलों में देश का मौसम गुलाबी है ,ये दावा झूठा और सपना गुलाबी है।
बलिया एक्सप्रेस-- अग्रिम योजना संघ की क्या है
डॉ ०दुबे--यूपी चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री और प्रभारी श्री राधामोहन से मिलकर एडेड कालेज स्ववित्तपोषित शिक्षको के न्यूनतम वेतनमान (57700) 24 मार्च 2021 इलाहाबाद हाईकोर्ट कंटेम्प्ट आदेश को लागू कराना । यदि वर्तमान सरकार इसे लागू नही करेगी तो जो पार्टी अपने घोषणापत्र में इसे लागू करने की बात को शामिल करेगी , स्ववित्तपोषित शिक्षको के वोट उसी पार्टी को जाएगा ।
बलिया एक्सप्रेस -स्ववित्तपोषित शिक्षक,अभिभावक , छात्रों को संदेश
डॉ०दुबे -- इसमें तीनो का शोषण हो रहा है अभिभावक को फीस अधिक देनी पड़ रही है, छात्र और शिक्षक को शैक्षिक उन्नयन की गतिविधियों में भाग लेने से रोक दिया जाता है सेल्फ फाइनेन्स के नाम पर। चाणक्य ने कहा था प्रलय और निर्माण शिक्षक के मस्तिष्क में पलतें है । शिक्षक अपने पोषण करने वाली सत्ताओ का निर्माण कर लेगा ।
बलिया एक्सप्रेस बात को आगे बढाते हुए डॉ ०दुबे ने बलिया एक्सप्रेस की पूरी टीम को शिक्षक, अभिभावक , छात्रों , की तरफ से आम जनता , समाज के सरोकारों से जुड़ने उनकी बातों को आवाज देने के लिए ढे़र सारी बधाई अनन्त शुभकामनाएं दी है ।