सांसद अतुल राय की जान को बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी से खतरा, अधिवक्ता अनुज यादव ने परिवार संग लगाई सीएम से गुहार
ए कुमार
वाराणसी। जेल में निरुद्ध मऊ में घोसी लोकसभा के बसपा सांसद अतुल राय ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी से अपनी जान को खतरा बताया है। इस बाबत सोमवार को कचहरी परिसर में सांसद अतुल राय के अधिवक्ता अनुज यादव ने सांसद पिता भरत सिंह, भाई पवन कुमार सिंह तथा बहन नम्रता राय के साथ पत्रकार वार्ता करते हुए सांसद की ओर से उक्त बातें साझा कर उनकी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की अपील की गई है। वहीं मुख्तार से जान की सुरक्षा को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी जेल में सांसद की सुरक्षा की गुहार लगाई है।
घोसी के सांसद अतुल राय वाराणसी की एक छात्रा संग दुष्कर्म के आरोप में 20 जून 2019 से जेल में बंद हैं। गिरफ्तारी से बचने के दौरान ही लोकसभा चुनाव हुआ और कई आयोजनों में वह मंच पर मौजूद नहीं दिखे। इसके बाद चुनाव परिणाम आया तो बसपा से उम्मीदवार अतुल राय विजयी घोषित किए गए थे। इसके बाद उन्होंने दुष्कर्म के आरोप के बाद लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद से ही वह जेल में हैं। माना जा रहा है कि सियासी संघर्ष में बाहुबली मुख्तार अंसारी से उनके संबंध ठीक न होने से ही पिता, भाई और बहन को प्रेस कांफ्रेंस कर जान बचाने की गुहार लगानी पड़ी है।
अतुल राय को सुरक्षा देने और उनपर चल रहे दुष्कर्म के मामले की दोबारा निष्पक्ष जांच की मांग की है। बता दें कि दो दिन पहले ही सांसद अतुल राय की पत्नी ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करके अपने पति की रिहाई के लिये योगी सरकार से मांग की थी।
'अतुल राय को मुख्तार से है जान का खतरा'
सांसद अतुल राय के अधिवक्ता अनुज यादव ने बताया कि उनके मुवक्किल को मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी से जान का खतरा है तथा इस बात की पुष्टि एलआईयू ने भी की है। बावजूद इसके प्रदेश सरकार ने घोसी सांसद को अजतक कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की है। सांसद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ एवं एमपी एमलए कोर्ट में भी प्रार्थनापत्र देकर अपनी जान की सुरक्षा की गुहार लगायी थी, ऐसे में उन्हें तत्काल सुरक्षा प्रदान किया जाना आवश्यक है।
*'मुख्तार के शूटर ने अतुल राय को फर्जी ढंग से फंसाया'*
अधिवक्ता अनुज राय ने यह भी कहा कि मुख्तार अंसारी के एक शूटर के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से घोसी सांसद को फंसाने के लिये उनके खिलाफ दुष्कर्म का फर्जी मुकदमा कराया गया है। इस प्रकरण में एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसकी जांच फॉरेंसिक लैब से कराने पर उसे सही पाया गया तथा पूरे प्रकरण की सीओ और वाराणसी के तत्कालीन एसपी सिटी के द्वारा करायी गयी थी, जिसमें ये कहा गया था कि इस पूरे प्रकरण की दोबारा से जांच करायी जानी चाहिए। बावजूद इसके लंका थाने की ओर से ना जाने किस दबाव के कारण पुनर्जांच के लिये न्यायालय में अभी तक प्रार्थनापत्र नहीं दिया गया है।
*'मेरे बेटे की जान की हिफाजत करे सरकार'*
वहीं घोसी सांसद के पिता भरत सिंह ने आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता के चलते मेरे पुत्र को प्रदेश सरकार द्वारा सुरक्षा प्रदान नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि मैं एक वरिष्ठ नागरिक हूं एवं कैंसर रोग से पीड़ित हूं। मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मांग करता हूं कि मेरे पुत्र के जान के खतरे को दूखते हुए उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया की जाए।
परिजनों ने बताया कि मुख्तार अंसारी को पहले नैनी जेल भेजा जा रहा था मगर अतुल राय की जान को उनसे खतरा होने की वजह से ही बांंदा जेल भेजा गया था। जेल में मुख्तार के तगड़े नेटवर्क और जेल में अतुल राय की सुरक्षा को काफी कम किए जाने से उनकी सुरक्षा को लेकर अब भी खतरा टला नहीं है। वहीं परिजनों ने सियासी वजहों से अुतल राय और खुद की जान को मुख्तार और उनके करीबियों से खतरा बताया है। इस बाबत सुरक्षा में लापरवाही को लेकर भी परिजनों ने सुरक्षा को नाकाफी बताते हुए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। बताते चलें कि अतुल राय इस समय प्रयागराज के नैनी जेल में बंद हैं और पूर्व में भी अपनी जान को मुख्तार से खतरा बता चुके हैं।