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इंस्पेक्टर उभांव ने लगाया महिला अधिवक्ता पर फोन करके व सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से बदनाम करने का आरोप

 


बलिया ।। बेल्थरारोड के सीएचसी के चिकित्सकों व एक पत्रकार के साथ इंस्पेक्टर उभांव का विवाद अभी सोशल मीडिया पर चल ही रह था कि अब एक नया विवाद महिला अधिवक्ता के साथ सामने आया है । इस विवाद में भी चिकित्सको के हमदर्द पत्रकार सुर्खियों में है ।  नये विवाद के सम्बंध में पता चला है कि उपजिलाधिकारी सर्वेश कुमार यादव के न्यायालय के आदेश पर 41 लाख रुपये राजस्व जमा न करने पर क्षेत्र के सोनाडीह निवासी एक व्यक्ति की चल अचल संपत्ति कुर्क करने के बाद भी खेत में फसल की बुआई व कटाई करने पर उक्त व्यक्ति और उसकी पत्नी सहित 4 लोगों पर उभांव थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है। बताया जा रहा है कि उक्त व्यक्ति की पत्नी स्नेहा सिंह तहसील में अधिवक्ता है। जो किसी बात को लेकर इंस्पेक्टर को शुक्रवार की रात में 10 बजे फोन की, जिस पर इंस्पेक्टर ज्ञानेश्वर मिश्र द्वारा तत्काल पुलिस भेज दिया गया। पुलिस के जाने के बाद कोई मामला नही मिला। जबकि स्नेहा सिंह  का आरोप है कि  इंस्पेक्टर ने मुझे फोन पर धमकाया।

 इस सम्बंध में इस्पेक्टर उभांव ज्ञानेश्वर मिश्र का कहना है कि उक्त महिला और उसके पति  सहित 4 लोगो के खिलाफ़  न्यायालय के निर्देश के बाद भी 41 लाख रुपये जमा न करने पर न्यायालय के आदेश के बाद उपजिलाधिकारी द्वारा उनका एक वाहन और अचल संपत्ति को कुर्क कर दिया गया। इसके बाद भी इन लोगो के द्वारा सम्पत्ति कुर्क होने के बाद भी खेत की बुआई और कटाई किया गया। जिसको संज्ञान में लेते हुए उपजिलाधिकारी ने उक्त महिला स्नेहा सिंह और उनके पति समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।

 जिसको लेकर वह अधिवक्ता महिला  दूसरे व्यक्ति के उकसाने पर दूसरा नाम बताकर  बार बार रात में फोन करके पुलिस को परेशान कर रही है। जिसको लेकर एक व्यक्ति के द्वारा मामले को आरोपित कर दूसरे रूप में  वाट्सअप ग्रुप में मैसेज देकर तूल दिया जा रहा है। तूल देने वाला व्यक्ति चाहता है कि पुलिस उसके अनुसार काम करे। उन्होंने कहा कि सरकार के मंशा के अनुरूप जनता को न्याय दिलाने के लिए  नियम और कानून का पालन किया जायेगा। कहा कि लोग किसी के बहकावे में न आये।





मेरे ऊपर गलत एफआईआर हुआ है दर्ज : स्नेहा सिंह
41 लाख की सरकारी वसूली के तहत कुर्क खेत मे फसल बोने और काटने के मामले में उभांव थाने में दर्ज मुकदमे में अपना नाम शामिल करने के लिये महिला अधिवक्ता स्नेहा सिंह ने आक्रोश व्यक्त किया है । कहा है कि मेरे पति के नाम से खेत है,जो कुर्क हुआ है,तो एफआईआर उनके नाम से होने पर आपत्ति नही है लेकिन इस मुकदमे में मेरा नाम किस हैसियत से जोड़ दिया गया,यह मैं नही समझ पा रही हूं । यह भी कहा कि कुर्क खेत को बोने के लिये एसडीएम बेल्थरारोड के द्वारा एक व्यक्ति नियुक्त हुआ था,उसी ने बोआ भी और काटा भी है । इस मुकदमे में मेरा नाम साजिशन जोड़कर मुझे बदनाम किया जा रहा है । कहा कि मैं एक पीड़ित महिला का सहयोग कर रही थी और उसको न्याय दिलाने का प्रयास कर रही हूं । पीड़ित महिला गरीब है ,बावजूद इसके एसओ साहब उसके चोट के मुताबिक दफाये नही बढ़ा रहे है । मेरे ऊपर एफआईआर होने से क्या मुझे किसी की सहायता करने के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा ? एक महिला के साथ बात करने का यह व्यवहार क्या उचित है ? इंस्पेक्टर को मैं नही,बल्कि वो मुझे बदनाम कर रहे है ।