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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने सोसाइट नोट लिखकर की आत्महत्या,शिष्य आनंद गिरी की प्रताड़ना को बताया है जिम्मेदार

 



मौके पर पुलिस जांच पड़ताल में लगी

डिप्टी सीएम केशव मौर्य का बयान-नही बख्शे जाएंगे गुनाहगार

संतोष कुमार

प्रयागराज ।। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। पुलिस के मुताबिक महंत का शव फांसी के फंदे से लटकता हुआ मिला है। मौके पर पुलिस जांच पड़ताल करने में लगी है। पोस्टमार्टम के बाद ही घटना का कारण स्पष्ट हो पाएगा। वहीं, महंत की मौत से संतों में हैरानी और आक्रोश का माहौल है। एडीजी लॉ एंड आर्डर के मुताबिक शव को महंत जी के अनुयायिओं द्वारा दरवाजा तोड़ कर फंदे से उतारा गया है । एक सुसाइड नोट मिला है जिसपर महंत के शिष्य आनंद गिरी की प्रताड़ना से परेशान होने की बात लिखी है ।

केशव प्रसाद मौर्या, उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश ने कहा है कि महंत नरेंद्र गिरी के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा ।

वही प्रयागराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक  व्यक्त किया है । कहा है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।

रामगोपाल यादव ने ट्यूट कर किया शोक व्यक्त

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने ट्वीट करके शोक व्यक्त किया । इसके साथ ही सरकार से इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की अपील की ।



अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरि का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन अत्यंत दुखद है।उनकी मृत्यु  के कारणों की जाँच होनी चाहिए। प्रभु उनको अपने श्री चरणों में स्थान दें।ॐ शान्ति !

महंथ नरेंद्र गिरी की मौत से आहत,न आम जन सुरक्षित न साधु समाज : संजय सिंह

आप सांसद संजय सिंह ने किया ट्वीट

महंत नरेंद्र गिरि की मौत से आहत हूं-संजय

न आम इंसान सुरक्षित है न साधु संत-संजय

इस मामले की CBI जांच कराई जाय-संजय

नरेंद्र गिरि जी की आत्मा को शांति प्रदान करें।


बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया शोक व्यक्त

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया ट्वीट

महंत नरेंद्र गिरि का ब्रह्मलीन होना अपूरणीय क्षति

उनका सम्पूर्ण जीवन समाज को समर्पित रहा-नड्डा

दिवंगत पुण्यात्मा को श्री चरणों में स्थान दें-नड्डा

शोकाकुल अनुयायियों को दुःख सहने की शक्ति दें।



 कुछ समय से विवादों में थे महंथ

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी और उनके शिष्य आनंद गिरी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। लेकिन बाद में इनके बीच समझौता हो गया था। तब हरिद्वार से प्रयागराज पहुंचे आनंद गिरी अपने गुरु स्वामी नरेंद्र गिरी के पैरों पर गिरकर माफी मांग ली।

आनंद बोले थे- मैं पंच परमेश्वर से भी अपने कृत्यों के लिए माफी मांग रहा हूं। मेरे द्वारा सोशल मीडिया, समाचार पत्रों, टीवी चैनलों पर जो भी बयान जारी किए गए उसे मैं वापस लेता हूं। इसके बाद महंत नरेंद्र गिरी ने भी आनंद गिरी पर लगाए गए आरोपों को वापस लेते उन्हें माफ कर दिया।

आखड़ा परिषद ने किया था हस्पक्षेप

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के हस्तक्षेप के बाद इस विवाद पर फिलहाल विराम लग गया था। इसके बाद गुरु पूर्णिमा के दिन आनंद गिरी अखाड़े में अपने गुरु की पूजा कर सके थे। अखाड़े और मठ में आनंद गिरी के प्रवेश पर लगाई गई रोक हटा दी थी। हालांकि, आनंद गिरी का अखाड़े से निष्कासन वापस हुआ या नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है।

14 मई को अखाड़े से बाहर किए गए थे आनंद गिरी

14 मई 2021 को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने आनंद गिरी को अखाड़े और बाघंबरी गद्दी से बाहर कर दिया था। उन पर अपने परिवार से संबंध रखने का आरोप लगा था।

नरेंद्र गिरी ने कहा था कि बड़े हनुमान मंदिर पर आने वाले दान-चढ़ावे में से आनंद गिरी धन अपने परिवार पर खर्च कर रहे हैं। असके बाद अखाड़े के पंच परमेश्वरों की सहमति के बाद आनंद गिरी पर यह कार्रवाई की गई थी।

आनंद गिरी ने भी महंथ नरेंद्र गिरी पर करोड़ों रुपए के जमीन बेचने का लगाया था आरोप

अखाड़े से बाहर होने के बाद आनंद गिरी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था और अपने गुरु नरेंद्र गिरी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इनमें सबसे गंभीर आरोप मठ की करोड़ों रुपए की जमीनों को बेचने और उन रुपयों का दुरुपयोग करने का था।

आनंद ने कहा था कि उनके गुरु नरेंद्र के कई बड़े और महंगे शौक हैं। इन शौक को पूरा करने के लिए नरेंद्र गिरी मठ के धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। मठ के कई सेवादारों के परिवारों पर भी करोड़ों रुपया खर्च करने का भी आरोप लगाया था। इसके बाद गुरु और चेले के बीच विवाद गहरा गया था।

मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को लिखी थी चिट्‌ठी

नरेंद्र गिरी ने भी आनंद गिरी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद आनंद गिरी ने अपने गुरु के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के पास पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई थी और अपनी जान का खतरा बताया था।

 अब अरबों रुपए की बेची गई जमीनों का क्या?

लेटे हनुमान मंदिर व श्री निरंजनी अखाड़े से निकाले जाने के बाद स्वामी आनंद गिरि ने अपने गुरु स्वामी नरेंद्र गिरि पर मठ की अरबों रुपए की जमीनों को बेचने का गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में अखाड़े में हो रहे घोटाले की जांच कराए जाने की मांग की थी।

अब सवाल यह उठ रहा है कि गुरु और शिष्य का तो आपस में समझौता हो गया। ऐसे में आनंद गिरी ने जो अपने गुरु के ऊपर गंभीर आरोप लगाए थे, उनका क्या होगा। क्या भक्तों द्वारा दिए गए चढ़ावे के पैसे के दुरुपयोग के आरोप केवल आरोप ही बनकर रह जाएंगे।

शिष्य आनंद गिरी पुलिस हिरासत में



मिल रही खबरों के अनुसार महंथ नरेंद्र गिरी की मौत और मौत से पहले लिखे गये 7 पेज के सुसाइट नोट मिलने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार से शिष्य आनंद गिरी को हिरासत में ले लिया है ।

पुलिस के अनुसार नरेंद्र गिरी जी के सुसाइड नोट में आनंद गिरी के अलावा दो अन्य शिष्यों के नाम भी शामिल हैं। प्रयागराज पुलिस के मुताबिक पत्र में वसीयत का जिक्र है, साथ ही इस नोट में मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद व उनके बेटे का भी नाम है। हनुमान मंदिर का पुजारी गिरफ्तार, बेटा फरार हो गया है ।

 आनंद गिरी समेत 3 लोग हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिये गये है । महंथ नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइट नोट में  यह भी लिखा कि उन्होंने अपना जीवन गर्व से जिया है और बिना गर्व के जीवन संभव नहीं। पुलिस के मुताबिक कथित सुसाइड नोट सात-आठ पेज का है।


चित्रकूट ।। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामभद्राचार्य महाराज ने शोक जताया है ।




अपडेट 

प्रयागराज : महंत नरेंद्र गिरि की मौत का मामला। आईजी प्रयागराज केपी सिंह का बयान।

 पार्थिव शरीर सम्मान के साथ रखा जाएगा।

बाघम्बरी मठ में रखा जाएगा पार्थिव शरीर।

 आज पोस्टमार्टम नहीं किया जाएगा।

 कल सुबह किया जाएगा पोस्टमार्टम।