Breaking News

शिक्षकों से बोले मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल-विनियमितीकरण के लिये शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा जी ने मुझको दिया आश्वासन



 विनियमितीकरण की मांग को लेकर मिला था  बलिया के शिक्षको का प्रतिनिधिमंडल

डॉ सुनील कुमार ओझा 

बलिया ।। जनपद के अनुदानित स्ववित्तपोषित शिक्षकसंघ अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार दुबे एवं महामंत्री डॉ अमित कुमार सिंह  ने दुबारा  अपनी मांगो को  संज्ञान दिलाने हेतु मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल से मिले । जिसमे मंत्री श्री शुक्ल ने बताया कि हमारी बात उप मुख्यमंत्री/ शिक्षा मंत्री डॉ दिनेश शर्मा से हुई है और अपने व्यक्तिगत पैड पर आप लोगो की विनियमितिकरण हेतु  आग्रह भी किया हूं । साथ मे आप लोगो का पत्रक भी संलग्न किया हूं ।जिसमे उन्होंने हमें विश्वास दिलाया है कि पहले से भी यह कार्य मेरे संज्ञान में है लेकिन आप के अपने लोगो की भी बात है । इस संबंध में उप मुख्यमंत्री जी से जल्द ही इस संबंध में बैठक होने वाली है ।

अब देखना है कि मंत्री श्री शुक्ल की पहल रंग लाती है या इन पीड़ित शिक्षकों को नई सरकार आने तक इंतजार करना पड़ता है ।

बताते चले कि  दिनांक 09-09-2021 को जन नायक चन्द्रशेखर विश्व विद्यालय बलिया उत्तरप्रदेश के अनुदानित महाविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ के  अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार दूबे के नेतृत्व मे शिक्षको का प्रतिनिधिमंडल बलिया डाक बंगले मे श्री आनन्द स्वरूप शुक्ल राज्य मंत्री, संसदीय कार्य एवं ग्राम्य विकास विभाग,उत्तर प्रदेश सरकार जी से मिलकर विनियमितीकरण की मांग के सम्बंध मे ज्ञापन दिया था और  कहा था कि हम लोगो की मांग वर्षो से प्रक्रियाधीन है लेकिन हमलोग का अभी तक विनियमितीकरण नही हुआ है।

 अपनी मुख्य मांग मंत्री जी के सामने रखा गया जो निम्न है-


विषय- उत्तर प्रदेश के समस्त अशासकिय अनुदानित महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों को अनुदान पर लेते हुए उनमें कार्यरत लगभग 3000 अनुमोदित शिक्षकों को विनियमित/यूजीसी न्यूनतम वेतनमान प्रदान करने के सम्बन्ध में।

महोदय

> अत्यंत ही वेदना की स्थिति में आपको सादर अवगत करना चाहते हैं कि हम लोग प्रदेश के अशासकिय अनुदानित महाविद्यालयों में संचालित स्ववितपोषित पाठ्यक्रमों में विधिवत चयन प्रक्रिया को पूर्ण कर यूजीसी द्वारा निर्धारित योग्यताधारी अनुमोदित शिक्षक है। प्रदेश में तीन तरह के महाविद्यालय संचालित है-1 राजकिय 2 अनुदानित 3 स्ववितपोषित । इनमें से हम लोग अनुदानित महाविद्यालयों में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। हम लोग अत्यंत लगन और पूर्ण निष्ठा के साथ शिक्षण कार्य में संलग्न है फिर भी हमें यू जी सी द्वारा निर्धारित वेतनमान नहीं दिया जाता है। कहने को तो हम समाज में सबसे शिक्षित और डिग्री कालेज के प्रोफेसर कहलाते हैं किन्तु वास्तविकता में हम लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय है। हम लोग आर्थिक संत्रास के कारण अत्यंत ही दीन हीन और निम्न स्तर का जीवन जी रहे हैं। हमे मिलने वाले अल्प पारिश्रमिक से अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना और बीमार होने पर उनकी उचित चिकित्सा व्यवस्था तो बहुत दूर की बात है, हम उनका उचित भरण पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं। 

महोदय, इस सम्बन्ध में आपसे करबद्ध विनम्र निवेदन है कि-

> अनुदानित महाविद्यालयों में स्ववित्तपोषित योजनान्तर्गत नये पाठ्यक्रमों के नवीन संबद्धता तया मान्यता पर तुरंत रोक लगायी जाए। एक ही परिसर में दो तरह की व्यवस्था में शिक्षक नकरात्मक रूप से प्रभावित होता है।

> प्रदेश के सभी अनुदानित महाविद्यालयों में स्ववितपोषित योजनाअंतर्गत अद्यतन संचालित पाठ्यक्रमों को अनुदान सूची पर लिया जाए तथा उन पाठ्यक्रमों में कार्यरत सभी अनुमोदित शिक्षकों को विनियमित करते हुए उनको यूजीसी द्वारा तथा राज्य सरकार द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अनुमन्य वेतनमान प्रदान किया जाए।

- महोदय विनियमितिकरण की प्रकिया में कोई वैधानिक अवरोध नहीं है क्योंकी सभी अनुदाजित महाविद्यालय 2 (F) एवं 12 (B) के अर्न्तगत दर्जा प्राप्त महाविद्यालय हैं जिनके लिए 12वीं पंचवर्षीय योजनाअंतर्गत धारा 647 में विनियमितिकरण से सम्बन्धित स्पष्ट दिशानिर्देश विद्यमान है। इसी आधार पर 2006 में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के

अधिनियम के तृतीय संसोधन के द्वारा अनुदानित महाविद्यालयों में संचालित 24 महाविद्यालयों के बी एड पाठ्यक्रमों के अनुमोदित शिक्षकों को वेतन संदाय में लिया जा चुका है।

      महोदय विनियमितिकरण की प्रकिया में कोई वित्तिय अवरोध नहीं है क्योंकी विनियमित करने की स्थिति में शुल्क प्रतिपूर्ति की सम्पूर्ण धनराशि बचेगी जिससे हम शिक्षाको को वेतन दिया जा सकता है एवं साथ ही यू जी सी द्वारा भी वेतन के लिए राज्य को वित्तिय सहायता प्राप्त होगी आवश्यकता मात्र राजनीतिक इच्छा शक्ति और वित्तिय समायोजन की है जो मात्र और मात्र आपकी मानवीय संवेदना और सद्भावना से ही संभव है।

उक्त मांगो को लेकर अनुदानित महाविद्यालयों/ विश्वविद्यालयों के स्व वित्तपोषित अनुमोदित शिक्षक संघ कई वर्षों से प्रयासरत है। सम्प्रति भजपा की लोकप्रिय सरकार में "सुखी  मन शिक्षक" का आहवान करने वाले माननीय उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा जी की अध्यक्षता में शासन स्तर पर दिनांक 01-02-2018 को आधिकारिक बैठक भी सम्पन्न हुई। तत्पश्चात 2019 तथा 2020 में भी अधिकारियों के साथ बैठक सम्पन्न हुई परंतु उसके बाद भी विनियमितिकरण की प्रक्रिया अभी तक लम्बित है। 

अत: आपसे विनम्र अनुरोध है कि इस प्रक्रिया को पूर्ण कराने का कष्ट करें। आपका यह कृपापूर्ण अनुग्रह हम सभी शिक्षाकों में पुर्नजीवन का संचार करेगा और हम अनुग्रहीत भाव से विश्व के सबसे बडे लोकतंत्र के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी एवं शिक्षक शिरोमणी मंत्री श्री दिनेश शर्मा जी की वैचारिकी के अनुरूप 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' और 'विश्वगुरू भारत' के नवर्मािण के लिए उद्यत होगें। 

सम्मानित मंत्री महोदय ने शिक्षको की समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता व्यक्त करते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया था।इस अवसर पर  संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ अम्बुज सिंह एवं,डॉ अभय नारायण राय उपस्थित रहे।