चीन को ताइवान का करारा जबाब :ताइवान एक स्वतंत्र देश है और इसे बदलने की किसी मे भी नही है हिम्मत
अभिजात शेखर की रिपोर्ट
बीजिंग/ताइपे: चीन के राष्ट्रपति ने 9 अक्टूबर को अपने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि ''इसमें कोई शक ही नहीं है कि ताइवान को चीन में मिलाया ही जाएगा।'', जिसके बाद अब ताइवान ने भी पलटवार कर दिया है। चीन के राष्ट्रपति ने ताइवान को 'खत्म' तक कर देने की धमकी दी, लेकिन ताइवान ने चीन के सामने झुकने से साफ इनकार कर दिया है। रविवार को ताइवान की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया है कि, ताइवान किसी भी हालत में एक स्वतंत्र देश ही रहेगा और उसे बदलने की हिम्मत किसी के पास नहीं है।
ताइवान का जवाब
ताइवान के राष्ट्रपति ने रविवार को एक स्पष्ट भाषण में राजनीतिक यथास्थिति बनाए रखने का आह्वान किया है और उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है, कि चीन लगातार दबाव बना रहा है। हालांकि, ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने भी चीनी सेना के आक्रमण की बात से फिलहाल इनकार कर दिया है, लेकिन, उन्होंने ताइवान की दुर्लभ सैन्य शक्ति का प्रदर्शन जरूर किया है। ताइवान की राजधानी ताइपे में राष्ट्रपति भवन के सामने ताइवान के विभिन्न स्वदेशी जनजातियों के गायकों ने ताइवान की शक्ति के सम्मान में गाने बजाए, जिसे जापानियों द्वारा बनाया गया था। ताइवान आइलैंड के ऊपर जापान ने करीब 500 सालों तक अपना कब्जा बनाए रखा था, लेकिन जब जापान ने चीन को आजाद किया, तो वो ताइवान द्वीप से भी चले गये थे और तबसे ताइवान में एक लोकतांत्रिक सरकार है।
ताइवान की राष्ट्रपति ने क्या कहा?
ताइवान की राष्ट्रपति ने कहा कि, ''हम ताइवान की यथास्थिति को एकतरफा बदलने से रोकने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे'। आपको बता दें कि, चीन ताइवान को अपने राष्ट्रीय क्षेत्र के हिस्से के रूप में दावा करता है, हालांकि यह द्वीप स्व-शासित है। ताइवान की राष्ट्रपति साई ने कहा कि, 'हम अपनी राष्ट्रीय रक्षा को मजबूत करना जारी रखेंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए, अपना बचाव करने के लिए अपने दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करेंगे, कि कोई भी ताइवान को चीन द्वारा हमारे लिए निर्धारित मार्ग पर चलने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है।' उन्होंन कहा कि, 'ऐसा इसलिए है क्योंकि चीन ने जो रास्ता तय बनाया है, वह न तो ताइवान के लिए एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक जीवन शैली प्रदान करता है, न ही हमारे 2 करोड़ 30 लाख लोगों को संप्रभुता प्रदान करता है।
ताइवान में सर्वे क्या कहता है?
ताइवान में एक बार चीन में शामिल होने या नहीं होने को लेकर सर्वे किया गया था, जिसमें ताइवान के लोगों ने स्वतंत्र राज्य के पक्ष में ही वोट दिया था और चीन के साथ एकीकरण की बात को सिरे से खारिज कर दिया था। जिसके बाद चीन लगातार ताइवान को डराने के लिए लड़ाकू जहाजों को भेजता रहता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कई बार कह चुके हैं, कि अगर ताइवान शांति से नहीं मानता है, तो उसे सैन्य शक्ति के दम पर चीन में मिलाया जाएगा। आपको बता दें कि, ताइवान एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में विकसित हुआ है, जबकि चीन एक गहन सत्तावादी कम्युनिस्ट राज्य बना हुआ है। पिछले साल सितंबर से अब तक चीन ताइवान की तरफ 800 से ज्यादा बार फाइटर जेट उड़ा चुका है।
ताइवान के पास कितनी शक्ति?
ताइवान एक छोटा देश है, लिहाजा उसके पास सैन्य शक्ति तो कम है और चीन के मुकाबले कुछ भी नहीं है, लेकिन ताइवान को अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन का मजबूती से समर्थन मिला हुआ है। ताइवान की रक्षा के लिए हमेशा अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर साउथ चायना सी में रहता है और इस वक्त अमेरिका के साथ साथ जापान और ब्रिटेन के एयरक्राफ्ट कैरियर भी भारी हथियारों के साथ साउथ चायना सी में मौजूद हैं। ताइवान के राष्ट्रपति ये भी मानती हैं कि ताइवान जितनी ज्यादा दूसरे देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करता है, चीन उतना ज्यादा प्रेशर बनाता है। इस बार राष्ट्रपति त्साई के संबोधन के बाद, ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने मिसाइल लांचर और बख्तरबंद वाहनों सहित हथियारों की एक श्रृंखला दिखाई। वहीं, ताइवान की सेना ने लड़ाकू जेट और हेलीकॉप्टर्स का भी प्रदर्शन किया है।