महाराजा अहिवरन जी जयंती पर जुटे बरनवाल समाज के स्त्री पुरुष
नीलेश दीपू
बेल्थरारोड बलिया ।। उत्तर प्रदेश बरनवाल वैश्य सभा के पूर्व प्रदेश महामंत्री जयप्रकाश बर्नवाल ने महाराजा अहिवरन जी के जीवन व बर्नवाल समाज के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला, और कहा कि हमारी उत्पत्ति बुलन्द शहर से हुई है। जिसका नाम वरन शहर जिला के नाम से जाना जाता था, किन्तु मोहम्मद गोरी के आक्रमण के बाद उसका नाम परवर्तित होकर बुलंदशहर हो गया। लेकिन आज भी प्रमाण के तौर पर वहां की सदर तहसील वरन नगर के नाम से संचालित है। जिसका शिलापट्ट भी वहाँ कायम है।
रविवार की देर शाम बरनवाल समाज के लोगों को बेल्थरा रोड नगर के बरनवाल वैश्य अतिथि भवन में महाराजा अहिवरन जी की जयंती के मौके पर संबोधित करते हुए पूर्व प्रदेश महामंत्री बर्नवाल ने कहा कि मोहम्मद गोरी के आक्रमण के बाद हमारे समाज के कुछ लोग धर्म परिवर्तन कर लिए व अधिकांश लोग नेपाल, झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, बंगाल व उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अपनी रोजी रोटी से जुड़कर स्थापित हो गए। कहा अहिवरन जी को महाराजा की उपाधि प्राप्त थी। जिनका एक अलग ही साम्राज्य कायम था। उन्हीं के नाम पर हमारे समाज के लोग एक साथ उनकी जयन्ती प्रत्येक वर्ष 26 दिसम्बर को मनाते चले आ रहे हैं। जयन्ती मनाना एक जश्न है, किन्तु उनके पद चिन्हों पर चलना सबसे महत्वपूर्ण है।
रसड़ा से पधारे ओम जी बरनवाल ने अपने समाज के आदि पुरूष महाराजा अहिवरन जी की जयंती पर महिलाओं व पुरुषों की भारी उपस्थिति देख कर प्रसन्नता जाहिर करते हुए स्थानीय समिति को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होने बच्चों व महिलाओं के सांस्कृतिक प्रस्तुत कार्यक्रमो को भी सराहा।
नगरा से पधारे कृपाशंकर बर्नवाल ने सामाजिक उत्थान पर संगठन की एकता पर बल दिया। उन्होंने वर्तमान पारिवारिक समस्याओं व उसके समाधान पर विस्तार से चर्चा की।समारोह के मुख्य अतिथि गोपाल जी बर्नवाल बंशी बाजार ने सुन्दर समारोह के आयोजन पर सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
पुरुषोत्तम जी बरनवाल ने अध्यक्षीय सम्बोधन में सफल आयोजन पर सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।समारोह की शुरुआत भगवान गणेश की बन्दना व महाराजा अहिवरण जी की आरती पूजन से की गई।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अर्नव, एशा, सानिया, परी, परिधि, ऐनी, कली, श्रेयांशी, सीरी, अंश बर्नवाल, हर्षित, रिया, सिया, सलोनी, निशा, नेहा, काब्या, किशन, हिमांशु, नब्या, शानवी, शिवम गोयल, संस्कृति, समृद्धि, अक्षिता, अनन्या, मानसी, विकास, अर्स कुमार, सुधांशु आदि बच्चे पोयम गीत डीजे डांस चुटकुला सुनाकर प्रतिभग किये। महिलाओं में सृष्टि बर्नवाल, रागिनी बर्नवाल, सोनी, खुश्बू, नीलम बर्नवाल, ने विस्कुट खाओं प्रतियोगिता में भाग लिया। बन्दना कार्यक्रम में पुष्पा बर्नवाल, सालिनी बर्नवाल, रीता बर्नवाल, मीनू देवी बर्नवाल, रागिनी बर्नवाल ने हिस्सा लिया। समारोह के बाद अंत में समारोह में उपस्थित लोगों ने दिब्य भोजन का भी आनन्द लिया।
इस मौके पर ओम प्रकाश बर्नवाल, रामविलास बर्नवाल, अनुपम जी बर्नवाल, अभिषेक बर्नवाल, संदीप बर्नवाल, राजेश बरनवाल, राजेंद्र प्रसाद बरनवाल, अनिरुद्ध बर्नवाल, मोहन जी बर्नवाल, गोपाल जी बर्नवाल, अभिषेक बर्नवाल, सुनील बर्नवाल, योगेश्वर बर्नवाल, संजय बरनवाल, ध्रुवप्रकाश बर्नवाल, लल्लन जी बर्नवाल, मुरली बर्नवाल, त्रिभुवन बर्नवाल, जयप्रकाश बैद्य, अरविन्द बर्नवाल आदि मौजूद रहे। संचालन कुमारी अनुष्का बर्नवाल ने किया।