इस सत्र में भी किसी भी बोर्ड द्वारा संचालित विद्यालय नही बढ़ा सकते है शुल्क,यूपी सरकार ने जारी किया शासनादेश
मधुसूदन सिंह
लखनऊ ।। कोरोना महामारी के नये प्रतिरूप ओमिक्रोन के तेजी से बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रहित और जनहित में इस सत्र 2021-22 में भी किसी भी विद्यालय को शुल्क वृद्धि न करने के लिये शासनादेश जारी कर दिया है । शासनादेश में साफ कहा गया है कि आदेश का अनुपालन न करने वाले विद्यालयों(चाहे किसी भी शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित हो) के खिलाफ शिकायत मिलने पर सख्त कार्यवाही की जाय ।
शासनादेश को शिक्षानिदेशक (माध्यमिक),समस्त जिलाधिकारियों,समस्त जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजते हुए कहा गया है कि राजस्व विभाग के शासनादेश संख्या-195/एक-11-2020 दिनांक 24-03-2020 का कृपया संदर्भ ग्रहण करे, जिसके द्वारा भारत सरकार के आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 सपठित उत्तर प्रदेश आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 की धारा-2(जी) के अंतर्गत कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण ही महामारी को आपदा घोषित किया गया है।
उक्त के क्रम में छात्रहित एवं जनहित में शासनादेश संख्या-758/15-7-2020-1(20)/2020 दिनांक 27-4-2020 द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए तथा शासनादेश संख्या-11/2021/1040/15-7-2020 (1(20)/2020 दिनांक 20-5-2021 द्वारा शैक्षणिक सत्र 2021-22 हेतु प्रदेश में संचालित समस्त शिक्षा बोर्डो के समस्त विद्यालयों को शुल्क वृद्धि न करने के आदेश निर्गत किये गये है ।
इस संबंध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि वर्तमान में कोविड-19 प्रकरणों की संख्या में वृद्धि तथा कोविड के नवीन प्रतिरूप ओमिक्रोन के संक्रमण के दृष्टिगत शासन सम्यक विचारोपरांत छात्रहित व जनहित में निर्णय लिया गया है कि प्रदेश मे संचालित समस्त शिक्षा बोर्डो के विद्यालयों द्वारा शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए शुल्क वृद्धि न की जाय तथा गत 02 वर्षों की भांति शैक्षणिक सत्र 2019-20 हेतु लागू की गयी शुल्क संरचना के अनुसार ही शैक्षणिक सत्र 2022-23 शुल्क लिया जाय ।
उपरोक्त आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये । यदि विद्यालय द्वारा शुल्क आदि के संबंध में उक्त आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित किये जाने में शिथिलता बरती जाती है, तो उत्तर प्रदेश स्ववितोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) अधिनियम, 2018 की धारा-8 (1) अन्तर्गत गठित जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष छात्रों/अभिभावकों द्वारा शिकायत प्रस्तुत की जा सकती है। उपरोक्त व्यवस्थाओं का नियमित अनुश्रवण जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा किया जाएगा तथा सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी छात्र एवं अभिभावक को किसी प्रकार की कठिनाई ना हो।