जान जोखिम में डालकर मनाया नव वर्ष,कोरोना की नही थी किसी को परवाह
अभियेश मिश्र
बिल्थरारोड बलिया ।। नये साल के अवसर पर शनिवार को घाघरा नदी तुर्तीपार - मुजौना रेलवे ट्रैक पर घूमने वाले युवकों की भारी भीड़ रही । बच्चे व अन्य युवक नदी किनारे लगे मेले में छोले, फुल्की व अन्य लजीज व्यंजनों का लुत्फ लेते देखे गए। रेलवे लाइन पर जान जोखिम में डालकर खड़े होने के चलते अगर ट्रेन गुजरती तो कभी भी खतरा हो सकता था। मौके पर पुलिस प्रशासन की ड्यूटी नही होने से घाघरा नदी व रेलवे लाइन के पास कोई उभांव थाना का पुलिस कर्मी मौजूद नही था।
नदी के किनारे , पम्प कैनाल नहर पर चढ़कर भारी संख्या में युवक, युवतियों समेत अन्य लोग घूम रहे थे। जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। पूर्व में कई बार घटनाये घटित हो चुकी है। इसके बाद भी पुलिस प्रशासन के कान पर जूं नही रेग रही है। अगर प्रशासन समय रहते सचेत नही हुआ तो बड़ी घटना घटित हो सकती है।
कोरोना जैसे बीती बात
नव वर्ष के उमंग में तफरी करने निकले लोगो को देखने के बाद साफ लगा कि कोरोना का खौफ इन लोगो के चेहरों पर थोड़ा भी नही है,ऐसे दिखा जैसे कोरोना बीते दिनों की बात है । सैकड़ो हजारो की गुथमगुथ भीड़ में न तो किसी के चेहरे पर मास्क था,न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ही पालन हो रहा था । कड़ाके की सर्द रात में जब अति आवश्यक न हो कोई बाहर नही निकलता है, तब हमारी पुलिस लोगो से कोरोना की गाइड लाइन का पालन कराने सड़को पर उतरती है और जब दिन के उजाले में हजारो की भीड़ सड़को पर मस्ती करती है तो पुलिस के लोग कही दिखते ही नही । बलिया एक्सप्रेस का तो मानना है कि अगर कोरोना गाइड लाइन का पालन कराना है तो दिन में कराइये,रात में तो सर्दी करा ही रही है ।