कोरोना टीकाकरण के लिए विशेष अभियान सोमवार से :कोविड टीकाकरण के लिए घर-घर जाकर किया जाएगा चिन्हित
- 29 जनवरी तक चलेगा अभियान, टास्क फोर्स की बैठक में हुआ फैसला
बलिया ।। जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को विकास भवन सभागार में जिला टास्क फोर्स की बैठक हुई। बैठक में फैसला हुआ कि जिले में 24 जनवरी से 29 जनवरी तक विशेष अभियान टीकाकरण से छूटे लोगों को घर-घर जाकर चिन्हित किया जाएगा। साथ ही आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कोविड-19 के लक्षण युक्त व्यक्ति, नियमित टीकाकरण से छूटे हुए 2 वर्ष से कम आयु के बच्चे, 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में कोविड टीके की पहली खुराक न प्राप्त करने वाले व्यक्ति को चिन्हित कर सूचीबद्ध करेंगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस कार्यक्रम को लेकर आशा और आंगनबाड़ी को प्रशिक्षण दिया जाय। टीम इस बात पर विशेष ध्यान रखे कि इस सर्वेक्षण में एक भी घर न छूटे। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की जो योजनाएं चल रही हैं उसकी पहुँच आमजन तक जरूर हो इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पाण्डेय ने बताया कि सर्वेक्षण के साथ-साथ कोविड टीकाकरण का कार्य यथावत संपादित होगा। कोविड टीकाकरण में मोबिलाइजेशन का कार्य निगरानी समिति द्वारा संपादित किया जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान प्रत्येक घर पर स्टिकर चस्पा तथा पोलियो की तर्ज पर हाउस मार्किंग का कार्य संपादित होगा। प्रत्येक पांच टीमों पर एक सुपरवाइजर तथा जोनल अधिकारी नियुक्त होंगे। प्रतिदिन ब्लॉक तथा जनपद स्तर पर समीक्षा की जायेगी । एएनएम एवं सीएचओ को उक्त सर्वेक्षण से मुक्त रखा जाएगा। समस्त गतिविधियों हेतु प्रशिक्षण तथा सहयोगात्मक पर्यवेक्षण डब्ल्यूएचओ तथा यूनिसेफ द्वारा किया जाएगा। 26 जनवरी को अवकाश रहेगा।
जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ० अभिषेक मिश्रा ने बताया कि सर्वेक्षण में निम्नलिखित बिन्दुओं पर सूचना एकत्रित की जाएगी।
1- 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के कोविड टीकाकरण के प्रथम डोज से छूटे हुए व्यक्तियों का चिन्हांकन एवं उन्हें सूचीबद्ध करना ।
2- 0 से 2 वर्ष की आयु के नियमित टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का चिन्हांकन एवं उन्हें सूचीबद्ध करना ।
3- टीडी टीकाकरण से छूटे हुए गर्भवती महिलाओं का सर्वेक्षण ।
4- आईएलआई /सारी से प्रभावित व्यक्तियों का चिन्हकांन एवं मेडिसिन किट का वितरण।
इस बैठक में पंचायतीराज विभाग, ग्राम्य विकास,आईसीडीएस, नगर-पालिका, वन विभाग, कृषि विभाग, गैर-सरकारी संगठनों, डब्ल्यूएचओ तथा यूनीसेफ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।