बिहार में शराब तस्करी पर रोक लगाने के लिये सरकार की बड़ी योजना,लगाये जायेंगे सीमाओं पर स्कैन टनल
पटना ।। बिहार सरकार प्रदेश में शराब बंदी को कड़ाई से लागू करने और पड़ोसी राज्यो की सीमाओं से वाहनों द्वारा छुपाकर किये जा रहे परिवहन को लेकर काफी सख्त दिख रही है । एक तरफ जहां अन्य राज्य सरकारें शराब की बिक्री से राजस्व में वृद्धि करने में अपना पूरा जोर लगाती है,तो वही बिहार सरकार लगभग 100 करोड़ की भारी भरकम धनराशि राज्य में शराब की तस्करी को रोकने में लगाने वाली है ।बता दे कि बिहार में शराबबंदी कानून का कड़ाई से पालन करने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है । सूबे में शराबबंदी को लेकर सरकार अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती ।
राज्य के अंदर शराब को लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद सरकार अब राज्य की सीमाओं से शराब की तस्करी को रोकने की कवायद में जुट गई है । मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग अब उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और नेपाल की सीमाओं से शराब की तस्करी रोकने पर विचार कर रही है । इसके तहत सीमाओं पर 'स्कैन टनल' लगाने की योजना बनाई जा रही है ।
इन पांच स्थानों पर लगेंगे स्कैन टनल
मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में पांच स्थानों पर स्कैन टनल लगाने की योजना बनाई गई है । इसके लिए फिलहाल डोभी और रजौली (झारखंड सीमा), दालकोला (पश्चिम बंगाल सीमा) व गोपालगंज और भभुआ (उत्तर प्रदेश सीमा) पर स्कैन टनल लगाए जाने की योजना बनाई गई है ।
ऐसे होगी वाहनों की जांच
अधिकारी ने बताया कि दूसरे राज्यों से आने वाले ट्रकों को टनल से होकर गुजारा जाएगा । ट्रक में लदे सामानों की फोटो वहां लगे मॉनिटर पर आ जाएगा । अधिकारियों के मुताबिक यह टनल हाईटेक कैमरों और आधुनिक तकनीक से सुसज्जित होगा । ऑफिसर ने बताया कि इसके बाद विशेषज्ञों की टीम ली गई तस्वीरों का आकलन करेगी ।
अभी बहुत कम ट्रकों की हो पाती है जांच
फिलहाल, दूसरे राज्यों से आने वाले मालवाहक ट्रकों को संदेह के आधार पर रोककर उस पर लदे सामानों को पहले उतारा जाता है और तब फिर उसकी जांच की जाती है ।इसमें अधिकारियों से लेकर ट्रक चालकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है । इससे बहुत कम ट्रकों की जांच हो पाती है ।
पांच टनल लगाने में आयेगा लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च
उत्पाद विभाग के अधिकारी कहते हैं कि फिलहाल इस तकनीक की जानकारी और संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि सबकुछ सही रहा तो जल्द ही स्कैन टनल लगाने के प्रस्ताव को बढ़ाया जाएगा ।उन्होंने बताया कि पांच टनल लगाने में 100 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है ।
चार महीने में 60 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत के बाद सरकार हुई है सख्त
गौरतलब है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में विधि व्यवस्था की समीक्षा बैठक में उत्पाद विभाग के अधिकारियों को शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने तक के निर्देश दिए हैं । शराबबंदी वाले बिहार राज्य के गोपालगंज, बक्सर, सारण, नालंदा और पश्चिम चंपारण जिले में पिछले चार महीने में 60 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई है । सरकार का मानना है कि बिहार में अन्य राज्यों से शराब की तस्करी की जा रही है ।