मंत्री ,विधायक और 2 पूर्व विधायकों के मैदान में होने से हॉट हुआ बैरिया विधानसभा का चुनाव :गरमाया जा रहा है स्थानीय और बाहरी का मुद्दा
सभी प्रत्याशी आत्मविश्वास से लबरेज, धरातल के मुद्दे गायब
मधुसूदन सिंह/वीरेंद्र मिश्र
बलिया ।। जनपद की बैरिया विधानसभा सीट का चुनाव इस बार काफी चर्चित व एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप के कारण काफी गर्माहट लिये हुए है । बताते चलें कि जंगे आजादी की लड़ाई से ही मिसाल कायम करने वाले तब के द्वाबा और अब के बैरिया विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी से प्रदेश के मंत्री तथा बलिया क्षेत्र के विधायक आनंद स्वरूप शुक्ला भाजपा,अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में रहने वाले बैरिया विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह के वीआईपी पार्टी,पूर्व विधायक सुभाष यादव के बहुजन समाज पार्टी तथा पूर्व विधायक जयप्रकाश अंचल के समाजवादी पार्टी से इस विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी बनने से 363 बैरिया विधानसभा की राजनीति काफी गर्म हो गई है।
हालात यू है कि कहीं जातीय समीकरण तो कहीं पूर्व में कराए गए काम, तो कहीं राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर की समस्याएं गिना कर प्रत्याशियों द्वारा 'कोई नहीं है टक्कर में', का राग अलापा जा रहा है।जबकि बैरिया क्षेत्र की मौलिक समस्याएं किसी के द्वारा अभी तक न बताई गई और ना ही समाधान के सम्बंध में ही कोई बात कही गयी है ।
कटान पीड़ितों का दर्द बांटने वाला कोई नही
बीते दो दशक के शासनकाल में बाढ़ व कटान से बेघर हुए अभी भी 500 से अधिक पीड़ित आवासीय पट्टा और आवास बनाने के धन के लिए सरकारों की तरफ टकटकी लगाए हुए हैं।इस समस्या से ग्रस्त समर्थ लोग तो कहीं ना कहीं जमीन लेकर स्थापित हो गए हैं।लेकिन जो वास्तव में दीन हीन है सड़कों के किनारे उनकी प्लास्टिक की त्रिपाल लगी और फूश की झोपड़ियां लंबी लंबी बातों को कहने वाले नेताओं को मुंह चिढ़ाती हैं।
आर्सेनिक से निजात दिलाने का आश्वासन भी नदारद
दूसरी तरफ इस क्षेत्र की सबसे गंभीर समस्या आरसेनिक है।दो दशक से आर्सेनिक युक्त पानी के रूप में बीमारी पीने के लिए यहां के लोग मजबूर हैं।कैंसर किडनी लीवर त्वचा रोग से ग्रस्त होकर अपनी गाढी मेहनत की कमाई, कर्ज लेकर इलाज करा कर भी लोग काल के गाल में समाते जा रहे हैं।भाजपा, सपा और बसपा तीनों के कार्यकाल में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के नाम पर हैंड पाइप, ओवरहेड टैंक, सोलर आरओ सिस्टम कुछ जगहों पर लगा दिए गए।लेकिन यह विधानसभा क्षेत्र में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए समर्थ नहीं हुए। जगह जगह यह व्यवस्था शुरू करने के दो चार माह बाद ही ध्वस्त हो गई।उल्टा आम जनमानस द्वारा इन कार्यों में कमीशन खोरी का जबरदस्त आरोप लगाया जा रहा है।
स्थानीय व बाहरी मुद्दा भी होता जा रहा है गर्म
बात जब हम प्रत्याशियों की करें तो यहां पर लोकल और बाहरी का मुद्दा जोरदार ढंग से गरमाता चला जा रहा है।समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी यद्यपि यहां से पूर्व विधायक रह चुके हैं, लेकिन वह बलिया के सियर विधानसभा क्षेत्र के मूल निवासी है।वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला बलिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं तथा शहर में ही उनका पैतृक निवास है।ऐसे में वीआईपी पार्टी से उम्मीदवार भाजपा के विधायक सुरेंद्र सिंह भाजपा से टिकट न मिलने से बागी रुख अख्तियार कर वीआईपी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं।सुरेंद्र सिंह बैरिया विधानसभा क्षेत्र के सर्व सुलभ नेता हैं।वही बसपा प्रत्याशी सुभाष यादव पूर्व में इसी विधानसभा क्षेत्र से बसपा से ही विधायक रह चुके हैं। बीच में सपा में शामिल हो टिकट की दौड़ में शामिल थे।* *सपा से टिकट न मिलने पर घर वापसी कर बसपा से मैदान में है । यह बैरिया विधानसभा क्षेत्र के लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव जयप्रकाश नगर के मूल निवासी है।
जनबल प्रदर्शन में सुरेंद्र सिंह व सुबाष यादव आगे
लगभग सभी प्रत्याशियों ने बैरिया विधानसभा क्षेत्र में अपने जनबल का प्रदर्शन भी कर लिया है।जिसमें सुरेंद्र सिंह और सुभाष यादव आगे देखे गए और यह लोग लोकल व बाहरी की आग को हवा देते चल रहे हैं।फिलहाल मतदान में अभी समय है। अभी पार्टियों के बड़े नेता भी इस क्षेत्र में आने वाले हैं।
सड़क बाजार चट्टी चौराहे पर अपनी-अपनी पार्टी के पक्ष में मुंहजोरई करने वाले चंद लोग अपनी-अपनी पार्टियों का टेंपो हाई कर रहे हैं। जिसमें जातीय समीकरण और पार्टी के महत्वपूर्ण होने की बात तो की जा रही है लेकिन इन बातों में क्षेत्रीय मुद्दा गायब हैं।गांवों के खामोश मतदाता प्रत्याशियों और पार्टी के कार्यकर्ताओं को संसय में डाले हुए हैं।क्षेत्र की 80% जनता खामोशी अख्तियार किए हुए हैं।