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सुषमा स्वराज के जन्मदिन पर विशेष : जब चंद्रशेखर ने देवीलाल से कहा -अगर सुषमा को वापस नहीं लोंगे तो तुम भी मुख्यमंत्री नहीं रह पाओगे...



मधुसूदन सिंह 

बलिया ।। देश की महान महिला नेत्रियों में से एक सुषमा स्वराज जी के जन्मदिन पर उनसे से जुड़ी बड़ी दिलचस्प कहानियों में यह एक कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं । यही नही यह कहानी दर्शाती है कि बलिया के लाल चंद्रशेखर अपनो के लिये कैसे पक्ष के पहाड़ बन जाते थे ।बता दे कि हरियाणा के मुख्यमंत्री देवीलाल सुषमा स्वराज जी को  मंत्री नहीं बनाना चाहते थे ,बहाने बना रहे थे । एक दिन मधु लिमये के साथ सुषमा स्वराज चंद्रशेखर जी से मिलने आईं और बताया कि उनको भय है कि देवीलाल शपथ नहीं दिलाएंगे। 


फ़िर चंद्रशेखर जी ने देवीलाल  से बात की । देवीलाल कहने लगे कि उनसे कहिए, राज्यमंत्री की शपथ ले लें, उन्हें उस पर आपत्ति थी। चंद्रशेखर जी ने देवीलाल से कहा कि यह संसदीय बोर्ड का फैसला है, जिस पर मैंने दस्तख्त किए हैं अतः आपको उसका आदर करना चाहिए। 


चौधरी देवीलाल ने सवालिया अंदाज में कहा कि मंत्री पद की शपथ कैसे दिलवा दें, यह बहुत छोटी है, लेकिन फिर जेपी की इच्छा और चंद्रशेखर के दबाव के चलते न चाहते हुए भी देवीलाल ने सुषमा को मात्र 25वर्ष की आयु में श्रम और रोजगार मंत्री बनाया । लेकिन तीन महीने के बाद ही देवीलाल ने सुषमा को निकालने की तैयारी कर ली। 



तीन महीने के बाद वो फिर मधु लिमये के साथ चंद्रशेखर जी से मिलने आईं ।उन्होंने चंद्रशेखर जी से कहा कि मुख्यमंत्री मुझे बर्खास्त करने वाले हैं, मेरा इस्तीफा ले लीजिए नहीं तो बेइज्जती होगी। चंद्रशेखर जी ने कहा कि ऐसा कैसे होगा? बिना पूछे वे ऐसा नहीं कर सकते ,अगर आशंका है तो मधु को त्यागपत्र दे देना।सुषमा स्वराज जी के जाने के थोड़ी देर बाद ही एजेंसियों से खबर आई कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अपने एक मंत्री को फरीदाबाद के मर्चेंट चैंबर ऑफ काॅमर्स की सभा से बर्खास्त कर दिया। 


चंद्रशेखर, देवीलाल  के इस अभद्र व्यवहार से हैरान थे । उन्होंने देवीलाल से बात की और कहा कि खबर आई है आपने सुषमा स्वराज को बर्खास्त कर दिया , जिस पर देवीलाल ने जवाब दिया कि वह किसी काम की नहीं हैं कोई काम नहीं करतीं,परेशानी पैदा करती हैं। 


जवाब में चंद्रशेखर जी बोले आप उन्हें वापस लीजिए लेकिन देवीलाल नहीं माने,चंद्रशेखर जी ने कहा चौधरी साहब,अगर आपने सुषमा स्वराज को वापस नहीं लिया तो आप चीफ मिनिस्टर नहीं रह सकते। मुझे पार्टी अध्यक्ष होने के नाते जरूरत पड़ने पर इस बात का अधिकार है कि आपको पार्टी से निकाल दूं। नोटिस पीरियड 15 दिन का होगा उस दौरान मैं नए नेता के चुनाव का ऑर्डर कर दूंगा और आपका ही कोई आदमी आपके खिलाफ खड़ा हो जाएगा। 


चौधरी देवीलाल इस तरह के संवाद के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे वे दिल्ली की ओर दौड़े और चौधरी चरण सिंह  से मुलाकात की । चौधरी चरण सिंह  ने देवीलाल को बर्खास्त करने की धमकी के बारे में चंद्रशेखर जी से पूछा। जवाब में चंद्रशेखर  ने सारा माजरा चौधरी चरण सिंह  को बताया । सब सुनकर चौधरी चरण सिंह ने देवीलाल को फटकार लगाई।