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राजकीय महिला पॉलिटेक्निक बलिया में प्रैक्टिकल के नाम पर छात्राओं से धन उगाही ,परिजनों ने की शिकायत

 




विक्की कुमार

बलिया ।। तिखमपुर स्थित  राजकीय महिला पॉलिटेक्निक मे छात्राओं से अवैध शुल्क की वसूली का मामला सामने आया है । एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार बेटियों की शिक्षा के लिए कटिबद्व नजर आती दिख रही है तो दूसरी तरफ राजकीय विद्यालयों में तमाम योजनाओं को ठेंगा दिखाते हुए अवैध रूप से धन उगाही की जा रही है । ताजा मामला राजकीय महिला पालीटेक्निक बलिया का है। जहां पर प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर प्रथम द्वितीय व तृतीय वर्ष की छात्राओं से धन उगाही की जा रही है जिसका छात्राओं के परिजनों ने विरोध किया है। तो वहां के अध्यापकों ने अपने को बचाते हुए कहा कि यहां पर कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है ।







बताते दे कि संस्थान में राजेश कुमार शैक्षणिक अधिकारी और  रिजवान हाशमी पर छात्राओं के परिजनों ने अवैध शुल्क वसूली का आरोप लगाया है । राजेश कुमार से जब मीडिया ने  सवाल किया तो  पल्ला झाड़ते हुए बताया कि विद्यालय में कोई भी शुल्क नहीं लिया जा रहा है ,हमें कोई फंसाने की साजिश रच रहा है । उसके बाद दूसरे आरोपी शिक्षक रिजवान हाशमी से संपर्क करने की कोशिश की गई तो वो विद्यालय पर उपस्थित नही मिले । इसके बाद  उनसे मोबाइल पर संपर्क किया गया उन्होंने भी अपना पल्ला झाड़ते हुए बताया कि विद्यालय में कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है ।

 लेकिन वही विद्यालय में कुछ छात्राओं से मीडिया ने बात करने पर   प्रैक्टिकल  के नाम पर छात्राओं से जबरन धन उगाही की घटना सामने आई है । छात्राओं ने बताया कि ₹50 से लेकर ₹200 तक अंक बढ़ाने व परीक्षा में पास करने के नाम पर वसूली की गई है । वही इस संबंध में छात्राओं के परिजनों ने विभिन्न समाचार पत्रों में विज्ञप्ति दिया है और उसमें राजेश कुमार शैक्षणिक अधिकारी एवं रिजवान हासमी व्याख्याता अंग्रेंजी द्वारा सरकारी संस्थान राजकीय महिला पॉलिटेक्निक बलिया में छात्राओं से प्रैक्टिकल में पास कराने और अच्छे नंबर दिलाने के नाम पर 100-200 रूपये प्रति छात्रा से धन उगाही की बात कही गयी है । 

आरोप लगाया गया है कि राजेश कुमार एवं रिजवान हाशमी द्वारा छात्राओं को यह कहते हुए गुमराह किया गया कि अगर पैसे नहीं दोगे तो प्रैक्टिकल परीक्षक द्वारा प्रैक्टिकल में कम नंबर कर दिया जायेगा, इससे भयभीत होकर छात्राओं को पैसे देने पर मजबूर होना पड़ा । प्रैक्टिकल में फेल करने ,कम नंबर और सेशनल नंबर काटने की धमकी से छात्राओं को पैसे देने पर विवश किया गया है । बता दे कि महिला पॉलिटेक्निक में धन उगाही की यह परम्परा पूर्व से चली आ रही है । छात्राओं के अभिभावकों द्वारा शिकायत किये जाने पर सच का पता चला है कि प्रैक्टिकल में राजेश कुमार के सहयोग से रिजवान हाशमी के द्वारा सारा पैसा प्रथम, द्वितीय एवमं अंतिम वर्ष की चहेते छात्राओं द्वारा अवैध वसूली करायी गयी है । सरकारी संस्थान में अक्सर गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवार से मेधावी छात्रायें अपने सपने को साकार करनें हेतु आती है और ऐसे ही कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के वजह से गरीब मेधावी छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ एवं शोषण किया जाता है । 

अभिभावकों एवमं छात्राओं नें संस्थान में प्रैक्टिकल के नाम पर धन उगाही में लिप्त अधिकारी राजेश कुमार एवमं रिजवान हासमी की जाँच जिला स्तर से कराने की गुहार लगायी है, जिससे सभी छात्राओं को योग्यता अनुसार नंबर मिल सके एवमं अवैध धन वसूली पर अंकुश लगया जा सके ! इस संबंध में जब संस्थान के प्रधानाचार्य से  संपर्क करने की कोशिश किया गया तो पता चला कि प्रधानाचार्य विद्यालय पर उपस्थित नहीं है लेकिन उन्के मोबाइल के माध्यम से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी किसी बात की  मुझे जानकारी नहीं है अगर ऐसी बात होती है तो उस पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

लगभग सभी विद्यालयों में होती है प्रैक्टिकल के नाम पर वसूली

प्रैक्टिकल परीक्षा के नाम पर छात्रों से अवैध वसूली की यह परंपरा कोई नई नहीं है । जनपद हो या प्रदेश हो ,ऐसा कोई विद्यालय नहीं मिलेगा जिसमें बोर्ड परीक्षा हो या टेक्निकल स्कूलों की परीक्षाएं हो, उसमें प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए अवैध वसूली नही की जाती हो । टेक्निकल स्कूलों में यह सेशनल के नाम पर डर पैदा करके अधिक वसूली की जाती है । ऐसा नहीं है कि जो आरोप लगा है सिर्फ इसी विद्यालय में ही यह वसूली हुई है या होती है (यह जांच में साबित होगा कि आरोप सत्य है या असत्य ),अगर जांच का दायरा बढ़ाकर हाई स्कूल ,इंटर और स्नातक स्तर तक कर दिया जाय तो शायद ही कोई सरकारी,अर्द्ध सरकारी,या निजी विद्यालय हो, जिसमे ऐसी वसूली नही की जाती है,मिलेगा । निजी विद्यालयों में तो काशन मनी तक हड़प ली जाती है ।

हॉस्टल में अव्यवस्था, वार्डन का नही रहता अता पता

इस विद्यालय में छात्राओं के लिये हॉस्टल भी है । इसकी देखरेख के लिये वार्डन भी है । लेकिन उनको देखना और दूज के चांद का दर्शन करना बराबर है । बच्चियों को तमाम तरह की असुविधाएं है लेकिन वार्डन का अता पता नही होने से परेशानी ज्यो की त्यों बनी हुई है । हॉस्टल में पानी सप्लाई में दिक्कत छात्राओं द्वारा बताया जा रहा लेकिन सुनने वाला कोई नही है ।