सात तारीख तक विद्यालय बन्द के आदेश को नही मान रहे है प्राइवेट विद्यालय, बच्चो को बिना ड्रेस व निजी साधन से आने का सख्त आदेश
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। सातवे चरण के चुनाव में पुलिस फोर्स को लेकर गैर जनपद जाने के लिये स्कूल की बसों का जिला प्रशासन द्वारा अपने कब्जे में ले लेने के कारण जिलाधिकारी बलिया ने चार से सात मार्च तक विद्यालयों को बंद करने का आदेश जारी किया है। जिला प्रशासन ने यह आदेश स्कूली बस से आने वाले छात्रों को कोई परेशानी न हो इसके लिये जारी किया हुआ है ।
लेकिन लगता है कि बलिया के प्राइवेट स्कूल संचालक इसको शायद मजाक समझा रहे है। यही वजह है कि जनपद के अधिकतर नामचीन विद्यालय खोले ही नही गये है बल्कि छात्रों को सख्त हिदायत है कि बिना ड्रेस व निजी साधन से हर हाल में विद्यालय में पढ़ने आये । अब इस तुगलकी फरमान से छात्र छात्राओं के अभिभावकों में आक्रोश देखा जा रहा है । एक तो ये विद्यालय कोरोना बंदी में भी ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर शुल्क की वसूली किये ही है । अब जो बच्चे स्कूल, स्कूली बस से आते थे, उनको निजी साधन से विद्यालय आने का फरमान करके अभिभावकों को आर्थिक चोट पहुंचाने का काम कर रहे है ।
अब यह समझ मे नही आ रहा है कि इस तीन चार दिनों में ये विद्यालय कौन सी घुट्टी रखे है जो पढ़ा देंगे तो बच्चे कामयाब हो जाएगा और अगर यह घुट्टी नही पियेंगे तो बच्चे पढ़ाई में फिसड्डी हो जाएंगे । इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक से बात की गई तो उनका कहना था कि अगर किसी अभिभावक द्वारा शिकायत की जाती है तो निश्चित रूप से विद्यालय के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी । इनका यह भी कहना था कि अगर किसी अभिभावक को दिक्कत हो रही है तो वे अपने बच्चे को विद्यालय न भेजे,बच्चे के खिलाफ विद्यालय कोई कार्यवाही नही कर सकता है ।