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एसओ नगरा की पहल लायी रंग,तलाक लेने पर आमादा शिक्षक पति पत्नी साथ रहने को हुए राजी



संतोष द्विवेदी

नगरा, बलिया।। सन 1973 में एक हिंदी फिल्म अभिमान आयी थी जिसके मुख्य किरदार अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी थी । इस फ़िल्म में पति पत्नी दोनों पार्श्व गायक रहते है । पहले पति का कैरियर उच्चाइयो पर रहता है, लेकिन बाद में पत्नी का कैरियर जब पति से ऊपर हो जाता है तो पति के अभिमान के कारण इन दोनों का दाम्पत्य जीवन बिखरने की कगार पर पहुंच गया । तब पत्नी ने अपने कैरियर और पति में से पति को चुनकर अपने दाम्पत्य जीवन को बचाने का फैसला लिया था और जया भादुड़ी गाती है --

अब तो तुमसे है हर खुशी अपनी,तुझपे जीना और मरना है अपनी जिंदगी ....... ।



ठीक ऐसी ही परिस्थिति आने पर नगरा पुलिस ने अपनी मानवीय संवेदनाओं के बल पर छोटी सी बात पर एक दूसरे से तलाक लेने पर आमादा अध्यापक दंपति को एक साथ रहने के लिये राजी ही नही किया बल्कि थानाध्यक्ष संजय कुमार सरोज ने अपने सामने पति के द्वारा पत्नी की मांग भरवाकर खुशी खुशी घर को रवाना किया । थानाध्यक्ष नगरा के द्वारा मंगलवार को टूट रहे दाम्पत्य बंधन को टूटने से बचाने के इस प्रयास की चहुंओर सराहना हो रही है। थानाध्यक्ष संजय कुमार सरोज पति-पत्नी के बीच टूट रहे रिश्तों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए और उन्हें इस कार्य में सफलता भी प्राप्त हुई। हंसी खुशी दोनों पति पत्नी थाने से हंसते हुए एक छत के नीचे रहने को चल दिये ।






  बता दे कि जनपद के बासडीह रोड थाना के रघुनाथपुर निवासी सविता भारती की शादी 24 फरवरी 2019 को नगरा थाना क्षेत्र के चांडी सराय संभल निवासी लक्ष्मीधर से हुई थी। पति पत्नी दोनों ही सरकारी अध्यापक है। दोनों में किसी बात को लेकर  मनमुटाव पैदा हो गया और सविता अपने मायके चली गई। अनबन यहां तक बढ़ गयी कि  सात जन्मों तक साथ रहने का वादा कर अग्नि के सात फेरे लेने वाले पति पत्नी ने एक दूसरे से तलाक लेने का निर्णय कर लिया और नौ माह पूर्व न्यायालय में तलाक के लिए अर्जी भी दाखिल कर दी।जिसके कारण यह नव दंपति का परिवार टूटने के कगार पर पहुंच गया था। इधर एक सप्ताह से कुछ बुद्धिजीवी लोग मामले को सुलह समझौता कर दोनो परिवारों को आपस में मिलाने की कोशिश करने लगे और मामले को थानाध्यक्ष नगरा तक पहुंचाए।

थानाध्यक्ष ने पति-पत्नी को थाने पर बुलाकर दोनों की काउंसलिग की। समझा-बुझाकर उनके मनमुटाव व कलह को दूरकर एक साथ रहने को राजी कर लिया। थानाध्यक्ष का प्रयास भी रंग लाया और दोनों पति पत्नी साथ रहने के लिए तैयार हो गए। इसके बाद थानाध्यक्ष ने फूल माला और मिठाई मंगवाकर एक दूसरे के गले में माला डलवाने के साथ ही मुंह भी मीठा कराए। इसके बाद दोनों परिवारों की उपस्थिति में पति पत्नी थाने से हंसी खुशी विदा हुए। इस मौके पर सतेंद्र यादव, दुर्गा यादव, अनुनेश सिंह, रमा शुक्ला सहित तमाम पुरुष महिला कांस्टेबल उपस्थित रहे।