शिक्षक संघ ने चिलकहर जैसी घटना होने पर आरोपी के सामाजिक बहिष्कार का किया प्रस्ताव पारित
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। पिछले 9 मार्च को बीआरसी चिलकहर पर आयोजित नारी चौपाल के दौरान महिला शिक्षक संघ की जिला अध्यक्ष/प्रधानाध्यापिका रंजना पांडेय द्वारा सहायक अध्यापक मानवेन्द्र सिंह की पिटाई प्रकरण में रोज कुछ न कुछ नया हो रहा । रविवार को जहां बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया ने सहायक अध्यापक को पीटने वाली महिला शिक्षक को निलंAबित करने का आदेश जारी किया तो साथ ही पीड़ित शिक्षक को भी न सिर्फ निलम्बित किया बल्कि पीटने वाली शिक्षिका के गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय पर ही अटैच कर दिया,जिससे पीड़ित शिक्षक और ज्यादे अपनी सुरक्षा को लेकर खौफजदा हो गया है । इस संबद्धता को लेकर शिक्षक संघ भी अपना विरोध व्यक्त कर चुका है ।
वही बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच अधिकारियों से ही जांच आख्या मिलने के बाद स्पष्टीकरण मांगना चर्चा का विषय बन गया है । यह पहला वाक्या दिख रहा है जिसमे जांच टीम से ही स्पष्टीकरण मांगा गया है । जबकि जांच टीम द्वारा जांच रिपोर्ट जमा कर देने के बाद नियोक्ता अगर जांच से संतुष्ट नही होता है तो पहली जांच रिपोर्ट को शून्य करते हुए दूसरी जांच टीम गठित कर देता है । लेकिन बलिया में यह परंपरा टूटी है और जांच अधिकारियों को ही नियोक्ता के मुताबित रिपोर्ट न देने के कारण स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है ।
वही प्राथमिक शिक्षक संघ की चिलकहर इकाई ने एक बैठक कर 9 मार्च की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भविष्य में ऐसी घटना को अंजाम देने वाले को शिक्षक को सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर दिया जायेगा । इस बैठक में निम्न प्रस्ताव पारित किया गया --
बैठक में पारित प्रस्ताव
ब्लाक संसाधन केंद्र चिलकहर पर नारी चौपाल कार्यक्रम के अन्तर्गत घटित घटना क्रम के संदर्भ में विचार विमर्श हेतु उतर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ शाखा चिलकहर की कार्यसमिति और नारी चौपाल कार्यक्रम में उपस्थित महिला शिक्षकों की बैठक वरिष्ठ शिक्षक जो 31मार्च 2022को सेवा निवृत्त होने वाले श्री मोहन लाल चौबे की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें निम्नांकित विचारणीय बिन्दुओं पर चर्चा के पश्चात सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया------------
1-नारी चौपाल कार्यक्रम में घटित घटना क्रम पर विचार के पश्चात निन्दा- कार्यक्रम में उपस्थित समस्त महिला शिक्षकों द्वारा एवम् कार्य समिति के सदस्यों द्वारा घटना क्रम अपना विस्तृत एवम् निःसंकोच वायरल वीडियो का सहारा लेते हुए विचार व्यक्त किया गया । सभी ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि यह घटना बहुत ही दुखदाई है, इस घटना और घटना का अंजाम देने वाले की घोर निन्दा किया गया।
2-घटना के उपरान्त शिक्षक (महिला-पुरुष) समाज की एकता और इसके दुष्प्रभाव पर चर्चा करते हुए विचार व्यक्त किया गया कि इस सृष्टि में महिला-पुरुष एक दूसरे के पूरक है,एक के अभाव में दूसरे का कोई अस्तित्व नहीं है,एक के अभाव में दूसरा अधूरा है। ऐसी घटनाओं से महिला-पुरुष के बीच मतभेद पैदा होंगे।जिसका दुष्प्रभाव हमारे मानव जीवन पर पड़ेगा। ऐसी घटनाएं मानव समाज में नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसी घटनाएं वह भी शिक्षकों के बीच घटित होती है तो शिक्षकों को शिक्षक कहलाने और शिक्षक के पद पर रहने का अधिकार नहीं है।ऐसी घटना से समाज के बीच सभी शिक्षक कलंकित हुए हैं।
3-घटना से उत्पन्न दुष्प्रभाव का समाधान- भविष्य में ऐसी कलंकित करने वाली घटना हमारे शिक्षक समाज में नहीं होनी चाहिए।जो भी व्यक्ति ऐसी घटनाओं का अंजाम दिया है हम सभी उसका समाजिक बहिष्कार करेंगे।
4-ऐसी घटना का दुष्प्रभाव यदि शिक्षक समाज के साथ साथ सम्पूर्ण मानव समाज पर पड़ता है तो भविष्य में ऐसी घटनाए न घटे हम सभी को मिलकर प्रयास करनी चाहिए। यदि कोई शिक्षक ऐसी घटनाओं को अंजाम देने का दुस्साहस करें तो हम सभी शिक्षक (महिला-पुरुष) मिलकर उसका समाजिक बहिष्कार करेंगे।
5-निलम्बन आदेश : इस बिन्दु पर सभी लोगों ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि घटना घटने के बाद वायरल वीडियो का संज्ञान में लेते हुए यदि नियोक्ता अधिकारी श्रीमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय द्वारा तत्काल एक शिक्षक की भरी सभा में एक शिक्षिका द्वारा अपमानित किया गया है, इसके आधार पर शिक्षिका को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर देना चाहिए था। उसके पश्चात घटना का आधा समाधान हो गया होता। पुनः स्थिति समय के साथ साथ सामान्य हो जाती।शेष श्रीमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय नियमानुसार नारी चौपाल कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि आदरणीया खण्ड विकास अधिकारी चिलकहर, विशिष्ट अतिथि आदरणीया डाक्टर साहिबा तथा चौपाल कार्यक्रम में उपस्थित महिला पुरुष प्रतिभागियों का बयान लेकर निष्पक्ष जांच आख्या के आधार पर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाती। परन्तु आनन फानन , जल्दबाजी में महोदय द्वारा दोनों शिक्षक को निलम्बित किया गया है। इसमें निश्चित ही कोई निर्दोष होगा उसको भी निलम्बित कर दिया गया।
जब मानवेन्द्र सिंह और श्रीमती रंजना पाण्डेय के बीच ऐसी भरे समाज में घटना घट गई तो इनके बीच निश्चित ही मानवीय स्वभाव के कारण कुछ दिनों के लिए बदला लेने की भावना पैदा होती होगी। ऐसी स्थिति में मानवेन्द्र सिंह को श्रीमती रंजना पाण्डेय के मूल निवास स्थान में स्थापित विद्यालय पर सम्बद्ध नहीं किया जाना चाहिए। भविष्य में एक दूसरे के साथ पुनः घटना घटित होने की सम्भावना व्यक्त की गई। इसके लिए श्री मानवेन्द्र सिंह की सम्बद्धता किसी अन्य विद्यालय चिलकहर के निकट करने का अनुरोध जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय से करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
6- शिक्षक एकता एवम् भविष्य में भी शिक्षकों में एकता बनीं रहे इसके लिए महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित करते हुए सभी ने सर्वसम्मति से दोनों पक्षों के बीच सम्बैधानिक तरीके से,एक दुसरे का मान सम्मान को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्ष के बीच *समझौता* का हम सभी प्रयास करें। इसमें किसी पर दबाव डालकर नहीं, बल्कि सम्बन्धित शिक्षक और उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में लेकर दोनों पक्षों को संतुष्ट कर समझौता का प्रयास लगातार जारी रहना चाहिए। निश्चय ही सफलता मिलेगी।
7-सर्व सम्मति से यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि जब तक समझौता नहीं हो पाता है । इस घटनाक्रम की सूचना थाना में जो दोनों पक्षों द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, उसके दुष्परिणाम से बचने के लिए हम सभी प्रयास कानूनी परामर्शदाता से समय समय परामर्श लेते रहेंगे।
8- सर्व सम्मति से यह भी प्रस्ताव पारित हुआ कि दोषी को दण्डित कराने, निर्दोष को दण्डित होने से बचाने के लिए नियोक्ता अधिकारी श्रीमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और श्रीमान जिला अधिकारी महोदय से न्याय संगत और निष्पक्ष जांच हेतु नारी चौपाल में उपस्थित मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि तथा उपस्थित महिला शिक्षकों के साथ इस क्षेत्र के खण्ड शिक्षा अधिकारी महोदय से भी बयान लेकर ही जांच अधिकारी द्वारा आवश्यक कार्रवाई हेतु जांच आख्या प्रस्तुत करने के लिए मिलकर निवेदन किया जाय।
9-शिक्षा का विकास एवम् शिक्षकों की समस्या पर विचार करते हुए यह निर्णय लिया गया कि हम सभी शिक्षक शासन के मंशा के अनुसार जनहित में लागू की गयी शिक्षा से सम्बंधित सभी नितियों को अपने जीवन में आत्मसात कर निष्ठा से पालन करते हुए शिक्षा के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का कार्य करें। इसके साथ ही वेतन, चयन वेतनमान, अवशेष वेतन से सम्बंधित शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण हेतु अधिकारी गण से मिलकर सार्थक प्रयास करें।
अन्त में बैठक की कार्यवाही सभा अध्यक्ष जी के शुभाशीष और पारित प्रस्ताव की सफलता की कामना के साथ उनकी अनुमति से समाप्त हुई। यह जानकारी राधेश्याम सिंह(अध्यक्ष),सुरेश आजाद(मंत्री) उ०प्र०प्रा०शि०संघ, चिलकहर, बलिया ने दी है ।