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तीन पत्रकारों की गिरफ्तारी से बढ़ता जा रहा है आक्रोश : पत्रकारों से जो भी टकराया,उसका बदल गया इतिहास भूगोल



सिकन्दरपुर, बलिया।। जिला प्रशासन द्वारा जिले के तीन निरपराध कलमकारों पर हुई पुलिसिया कार्रवाई का विरोध लगातार जारी है। शहर से लेकर गांव व कस्बों तक   समाज के सजग पहरेदारों पर की गई इस प्रशासनिक कार्रवाई की निंदा हो रही है। इसी क्रम में तहसील सिकन्दरपुर के पत्रकारों ने बुधवार को काली पट्टी बांध कर पैदल मार्च निकाला। कस्बा के विभिन्न मार्गों से होता हुआ यह काफिला तहसील कार्यालय पहुंचा। वहां राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम प्रशांत कुमार नायक को सौंपा गया।






फर्जी मुकदमा के जरिए लोकतन्त्र की हत्या कर रहा प्रशासन

पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार में सच लिखना गुनाह‌ बन गया है। पेपर आउट होने की खबर प्रकाशित करने वालों पत्रकारों को जेल भेजा जा रहा है। यह लोकतन्त्र की हत्या है। ऐसी स्थिति रही तो आखिर कौन भ्रष्टाचार का खुलासा करेगा? कहा कि लोकतन्त्र के सजग प्रहरियों पर झूठा मुकदमा दर्ज कर अपनी पीठ थपथपाने वाले डीएम व एसपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कहा कि योगी सरकार में पत्रकारों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। पत्रकारों ने राज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप करने व घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की। कहा कि जिले के अफसर सरकार को भ्रमित कर रहे हैं। लगातार झूठी सूचनाएं भेजी जा रही हैं। चेताया कि लोकतन्त्र के स्वतन्त्र आवरण में पलने वाले बेखौफ व बुलन्द इरादों वाले पत्रकारों के साथ जब भी अफसरशाही व सत्तासीन टकराने की हिमाकत किए तब-तब उनका इतिहास-भूगोल दोनों बदला। 

पत्रकारों ने एक स्वर से पत्रकार अजित ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्त को मुकदमा से बरी करने और डीएम और एसपी सहित अन्य जिम्मेदारों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग दोहराई। इस मौके पर बृजेन्द्र सिंह, शम्भूनाथ मिश्र, अजय तिवारी, अजित पाठक, धीरज मिश्र, संतोष शर्मा, इमरान, रमेश जायसवाल, अतुल राय, रजनीश श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, मनीष गुप्ता, नारायण पांडेय, अनिल तिवारी, अंगद, निकेश राय, लड्डन, बख्तियार खां,  अरविंद पांडेय सहित दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे।